क्या बंगाल के बाहर चलेगा Mamata Banerjee का जादू ?
पिछले कुछ दिनों से देश में नए मोर्चे बनने की खबरें सुर्खियों में है। खास बात यह है कि इस बार इस मोर्चे की अगुवाई करने के लिए आगे आईं हैं तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम Mamata Banerjee। हाल ही ममता बैनर्जी ने महाराष्ट्र जाकर शिवसेना के संजय राउत और आदित्य ठाकरे से मुलाकात की। इसके बाद उनकी सबसे बड़ी मुलाकात NCP प्रमुख शरद पवार से भी हुई है। इससे पहले Mamata Banerjee दिल्ली में भी कई नेताओं से मुलाकात कर चुकी हैं। वे पंजाब और गोवा में चुनाव लड़ने की बात भी कह चुकी है। वे UP Election 2022 के लिए भी अपनी तैयारी कर रहीं हैं। क्या Mamata Banerjee वाकयी बंगाल के बाहर अपना जादू चला पाएंगी? कैसा होगा बंगाल के बाहर उनका राजनीतिक सफर? क्या कहती है उनकी सूर्य कुंडली?
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Mamata Banerjee की कुंडली मजबूत, लेकिन....
5 जनवरी 1955 को कोलकाता में जन्मी पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बैनर्जी की कुंडली बेहद मजबूत है। उनकी सूर्य कुंडली के अनुसार कुंडली में उच्च का चंद्र, उच्च का गुरु और उच्च का शनि है। तीनों ग्रह कुंडली को बेहद मजबूत बनाते हैं। तुला का शनि होने के कारण ममता बैनर्जी के राजनीतिक दांवपेंच बेहद सटिक होते हैं। उच्च का गुरु भी ऐन टाइम पर उन्हें सपोर्ट करता है और वे अपने पक्ष में समर्थन जुटा लेती हैं, लेकिन सूर्य कुंडली के अनुसार सप्तम स्थान में केतु हैं। जो सार्वजनिक जीवन का स्थान है। साल 2022 में केतु का ट्रांजिट भी होने वाला है, जो उन्हें बंगाल सहित देश के अन्य राज्यों में आगे बहुत से चैलेंज दे सकता है। सप्तम स्थान का मालिक बुध भी राहु के साथ हैं, इसलिए बंगाल के बाहर समर्थन जुटाना उनके लिए बहुत मेहनत और परेशानी से भरा हो सकता है। यहीं नहीं आगे आने वाले कुछ ट्रांजिट भी उनके होम स्टेट बंगाल में उनके लिए परेशानी ला सकते हैं।
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Mamata Banerjee के इरादे मजबूत
सूर्य कुंडली के अनुसार Mamata Banerjee के इरादे बेहद मजबूत हैं। इन्हीं मजबूत इरादों के साथ इन दिनों उन्होंने देश में अलग-अलग जगहों पर जाकर गैर बीजेपी पार्टियों को संगठित करने का बीड़ा उठाया है। ममता बैनर्जी की इस राजनीतिक दांवपेंच का सीधा असर कांग्रेस पर पड़ रहा है, जो आपसी मतभेदों से ही बाहर निकल नहीं पा रही है। कुछ दिनों पहले पंजाब में अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धु और अभी राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलेट के बीच मतभेद हम देख चुके हैं। बहरहाल, विपरित ग्रहों की परिस्थिति के बावजूद Mamata Banerjee किस हद तक सफल होंगी, यह देखना इंट्रेस्टिंग रहेगा।
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