गुजराती नव वर्ष 2023
गुजरात में दिवाली से ही गुजराती नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है, जो स्थानीय लोगों के बीच बेस्टू वरस यानी वर्षा-प्रतिपदा या पड़वा के रूप में भी जाना जाता है। गुजराती नव वर्ष पूरे गुजरात राज्य में भव्य त्योहारों में से एक माना जाता हैं। यह अपार हर्ष, उल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाता है। गुजराती नया साल गोवर्धन पूजा या अन्नकूट पूजा के साथ मेल खाता है, जो भारत के अन्य हिस्सों में धार्मिक रूप से मनाया जाता है। यह त्यौहार गुजराती नव वर्ष की शुरुआत का दिन माना जाता है। इस दिन से ही विक्रम संवत 2078 का प्रारम्भ होता है।
गुजराती नव वर्ष : गुजराती नव वर्ष कार्तिक माह के सुदेकुम का पर्याय है – यह गुजराती कैलेंडर का पहला महीना है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को आता है। यह गुजराती कैलेंडर के अनुसार पहला महीना है, यह उनके नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है। गुजराती नव वर्ष गुजराती समुदाय के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन माना जाता है, जो इसे बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन व्यापारी अपने पुराने खाते को बंद करके नया बही खाता नए सिरे से शुरू करते हैं। जिसे गुजराती संस्कृति में चोपड़ा पूजन कहा जाता है। नया साल वित्तीय रूप से लाभदायक रहें इसलिए देवी लक्ष्मी और व्यापार के लेनदेन वाले रजिस्टर की पूजा की जाती है। इस दिन व्यापारी अपने बिज़नस में लाभ के लीये देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। अपने ऑफिस या बिज़नस के स्थान की साफ़ सफाई करते हैं।
विक्रम संवत 2078
विक्रम संवत एक भारतीय कैलेंडर है जो 57 ईसा पूर्व बनाया गया था। विक्रम संवत कैलेंडर / पंचांग 2078 ग्रेगोरियन कैलेंडर से आधी सदी पहले शुरू होता है, यह भारतीय कैलेंडर चक्र पर काम करता है। विक्रम संवत कैलेंडर प्रणाली भारतीय उपमहाद्वीप में कई समुदायों द्वारा विशेष रूप से हिंदू, बौद्ध और सिख समुदाय द्वारा उपयोग की जाती है। यह सौर नक्षत्र वर्ष और चंद्र मास पर आधारित है। हिन्दू त्योहारों को इसी संवत से जोड़कर देखा जाता है।
बेसतू बरस
बेसतू बरस या नूतन वर्ष यानी गुजरात राज्य में नए साल का आगमन। गुजराती कैलेंडर के अनुसार पहला दिन दिवाली के बाद का दिन होता है, इसे कार्तिक सूद प्रथम के नाम से भी जानते हैं। इस कैलेंडर को हिंदू विक्रम कैलेंडर के रूप में भी जाना जाता है। इस वर्ष को विक्रम वर्ष के रूप में भी जाना जाता है। इस प्रकार, बेस्टु वरासो की शुरुआत इस साल हिंदू विक्रम वर्ष 2078 में 5 नवंबर, 2023 को शुरू होने वाली है।
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गुजराती नव वर्ष तिथि, मुहूर्त और समय
गुजराती विक्रम संवत 2078 सोमवार, 5 नवंबर, 2023 से शुरू हो रहा है
गुजराती नव वर्ष का मुहूर्त और महत्वपूर्ण समय
सूर्योदय | 5 नवंबर, 2023 सुबह 6:36 AM |
सूर्यास्त | 5 नवंबर, 2023 शाम 5:33 PM |
प्रतिपदा तिथि | 5 नवंबर, 2023 02:44 AM बजे से शुरू हो रही है |
प्रतिपदा तिथि | 5 नवंबर, 2023 सुबह 11:14 PM बजे समाप्त होगी |
गुजराती नव वर्ष मनाने का तरीका
गुजराती नव वर्ष के दिन लोग इसे समारोह की तरह मनाते हैं। इस दिन लोगों द्वारा नए कपड़े पहनने, मंदिरों में जाने और परिवार और दोस्तों को बधाई देने का काम करते है। यह अतीत की बुरी बातों को भूलने, सभी गलतफहमियों को दूर करने और शुभ चीज की शुरुआत का स्वागत करने का दिन होता है। चारों ओर खुशियों और उत्सवों के पॉजिटिव वाइब्स ही नजर आती है। इस दिन लोग शुभता को आमंत्रित करने के लिए रंगीन रंगोली पैटर्न द्वारा घर और मंदिर को सजाया जाता हैं। इस दिन खूब आतिशबाजी की जाती है। घर को खूबसूरत रोशनी के साथ सजाया जाता है। गुजराती नव वर्ष किसी भी नई चीज की शुरुआत करने के लिए विशेष फलदायी माना जाता है।
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विक्रम संवत 2078 पंचांग
विक्रम संवत 2078 पंचांग चैत्र माह के दौरान शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा के रूप में शुरू होता है। हालांकि गुजराती नव वर्ष कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से शुरू होता है। गुजराती विक्रम संवत कैलेंडर में सौर वर्ष का प्रयोग होता है, लेकिन इसे 12 चंद्र महीनों में विभाजित किया जाता है, जिनमें से प्रत्येक में 29 दिन होते हैं, जिसकी वजह से लगभग 354 दिनों के चंद्र वर्ष हो जाता है। चंद्र मास को सौर वर्ष में निर्धारित करने के लिए एक अतिरिक्त महीना जिसे अधिक महिना या पुरुषोत्तम मास कहा जाता है, इसे लूणी सोलर कैलेंडर भी कहा जाता है। गुजराती हिंदू विक्रम संवत 2078 में पंचांग ऋतुएं सूर्य के अनुसार, महीने चंद्रमा के अनुसार और दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों के अनुसार होते हैं। चंद्र दिवस या तिथि की लंबाई अलग-अलग हो सकती है।
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