अगस्त 2025 के लिए कर्णवेध संस्कार की तिथियां और समय

अगस्त 2025 के लिए कर्णवेध संस्कार की तिथियां और समय

कर्णवेध संस्कार क्यों जरूरी है?

हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से 9वां संस्कार है कर्णवेध संस्कार। विद्वानों का कहना है कि बालक के जीवन के सातवें या आठवें महीने में उसके कानों का छेदन करना चाहिए। हालांकि जन्म के 3 से 5 साल के भीतर निश्चित रूप से कर्णवेधन संस्कार कर देना चाहिए। ऐसे इसलिए, क्योंकि ज्यादा विलंब करने से बच्चे को कर्णछेदन के दौरान ज्यादा तकलीफ होगी। ऐसी  मान्यता है कि कर्णछेदन से बच्चे का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। ऐसा माना जाता है कि कर्णवेधन से कई स्वास्थ्य समस्याओं से राहत तो मिलती है, सुनने की क्षमता में भी वृद्धि भी होती है। इसके साथ कई वैज्ञानिक और धार्मिक कारण भी जुड़े हुए हैं। ऐसे में कर्णवेधन संस्कार शुभ मुहूर्त में ही किए जाने चाहिए, ताकि उसके शुभ फल की प्राप्ति हो सके।

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कर्णवेधन संस्कार 2025 के लिए शुभ मुहूर्त को जानना है जरूरी

कर्णवेधन संस्कार 2025 के लिए कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं। आपको उन शुभ मुहूर्त पर ही बच्चे का कर्णवेध संस्कार करना चाहिए। यहां आपके लिए ग्रह और नक्षत्रों की स्थिति के मुताबिक हम आपके लिए सबसे उपयुक्त कर्णवेधन मुहुर्त की जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। आइए जानते हैं। 

हिंदू धर्म में कर्णवेध मुहूर्त क्यों महत्वपूर्ण है, जानें

  • कर्णवेध मुहूर्त 2025 के मुताबिक कान छिदवाने से बच्चे का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
  • माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में कर्णवेध संस्कार करने से बच्चे को कान से संबंधित विभिन्न परेशानियों के साथ ही मानसिक परेशानी से भी राहत मिलती है।
  • मान्यता है कि यदि बच्चे पर कर्णवेध नहीं किया गया तो वह पितृ श्राद्ध जैसे अनुष्ठान से वंचित रह जाएगा।
  • यह भी मान्यता है कि कर्णवेध संस्कार से पुरुषों और महिलाओं की क्षमताओं और खूबसूरती में निखार आता है।

ज्योतिष के मुताबिक कर्णवेध संस्कार 2025 शुभ मुहूर्त

  • कर्णवेध संस्कार 2025 के लिए अनुकूल लग्न, दिन, तिथि, महीने और नक्षत्र का ध्यान रखना चाहिए। 
  •  वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब गुरु वृषभ, तुला, धनु और मीन राशि में हों, उसे कर्णवेध संस्कार का सबसे अच्छा समय माना जाता है।
  •  इसके अलावा हिंदू कैलेंडर के मुताबिक कर्णवेध संस्कार 2025 के लिए कार्तिक, चैत्र, पौष और फाल्गुन का महीना शुभ होता है। 
  •  इसी तरह कर्णवेध संस्कार के लिए सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार का दिन अनुकूल माना जाता है। 
  •  इसके अलावा मृगशिरा, रेवती, चित्रा, अनुराधा, हस्त, अश्विनी, पुष्य, अभिजीत, श्रवण, धनिष्ठा और पुनर्वसु नक्षत्र भी कर्णवेध संस्कार 2025 के लिए उपयुक्त होते हैं।
  • इतना ध्यान रखें कि चतुर्थी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या और ग्रहण काल को छोड़कर किसी भी तिथि को कर्णवेध संस्कार किया जा सकता है। 

कर्णवेध संस्कार मुहूर्त 2025 अगस्त माह की तारीख और समय पर नजर डालें

दिनांकसमय
3/8/202511:56 ए.एम. से 04:30 पी.एम.
4/8/202509:33 ए.एम. से 11:45 ए.एम.
9/8/202506:56 ए.एम. से 11:29 ए.एम.
9/8/202501:49 पी.एम. से 06:10 पी.एम.
10/8/202506:55 ए.एम. से 01:45 पी.एम.
13/08/202511:13 ए.एम. से 03:52 पी.एम.
13/08/202505:56 पी.एम. से 07:30 पी.एम.
14/08/202508:58 ए.एम. से 05:52 पी.एम.
20/08/202506:24 ए.एम. से 01:05 पी.एम.
20/08/202503:24 पी.एम. से 06:40 पी.एम.
21/08/202508:27 ए.एम. से 03:20 पी.एम.
27/08/202505:00 पी.एम. से 06:43 पी.एम.
28/08/202506:29 ए.एम. से 10:10 ए.एम.
30/08/202504:49 पी.एम. से 06:30 पी.एम.
31/08/202504:49 पी.एम. से 06:27 पी.एम.

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