मंगल ने बनाया lal bahadur Shastri को मेहनती, क्या आपकी कुंडली में है ये योग
2 अक्टूबर को महात्मा गांधी का जन्मदिन पूरे देश में मनाया जाता है। लेकिन बहुत ही कम लोग इस बात से वाकिफ हैं कि इसी दिन पूर्व प्रधानमंत्री स्व श्री लाल बहादुर शस्त्री की वर्षगांठ आती है। वे अपनी सादगी और साहस के लिए खासे मशहूर थे। उनका दिया नारा – “जय जवान, जय किसान” आज भी याद किया जाता है। आइए जानते हैं क्या था खास उनकी कुंडली में:
मंगल ने बनाया मेहनती
2 अक्टूबर 1904 को मुगलसराए में शास्त्री जी का जन्म हुआ था। जन्म कुंडली में स्वग्रही शुक्र देखा जा सकता है, इसी कारण से वे इतनी ऊंचाई तक पहुचने में कामयाब रहें। इसके अलावा कुंडली में मौजूद स्वग्रही शनि ने उनमें धैर्य का संचार किया, और वो निरंतर आगे बढ़ते रहें। मंगल राहु बुध की युति ने उन्हे कठिन परिश्रमी बनाया। साथ ही शस्त्री जी की चंद्र राशि मिथुन है जो उन्हे एक अच्छी एनालिटिकल स्किल भी देता है, जिस कारण वो बड़ी बड़ी समस्या को आराम से हल कर लेते थे।
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मुश्किलों भर था बचपन
लाल बहादुर के पिता की मृत्यु साल 1906 में हो गया था,जब वो मात्र 1 साल के थे। पैसे की तंगी के कारण उनका बचपन गरीबी में बीता। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने कभी अपने ओहदे का फायदा नहीं उठाया। आज जहां हर राजनेता के पास कार की शृंखला होती है, शस्त्री जी ने 5000 का बैंक लोन ले कर कार खरीदी थी। उनके गुजरने के बाद उनकी पत्नी ने बची हुई लोन राशि का भुगतान किया था।