इस लेख में दिए गए मुहूर्त की गणना प्रामाणिक हिंदू पंचांग से की जाती है। किसी भी कार्य की शुरुआत आप बिना मुहूर्त न करें, यह आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं। यह आपका कार्य कब शुरु करना है, इसके लिए मार्गदर्शन के तौर पर काम करता है।
2022 शुभ मुहूर्त
क्या आप साल 2022 में आप नई योजनाएं बना रहे हैं। शादी के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त, रिंग सेरेमनी या ग्रह प्रवेश के लिए शुभ दिन ढूंढ रहे हैं। यहां आपके इन सभी सवालों का जवाब मिलेगा। हम आपको सबसे सटीक हिंदू पंचांग के अनुसार 2022 के शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी देने वाले हैं। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए तिथि, नक्षत्र, दिन और शुभ समय की जानकारी यहां हम आपको उपलब्ध करवाने वाले हैं। अगर आप हमारे ज्योतिष विशेषज्ञों से बात करना चाहते हैं, तो अभी कॉल करें। पहला कॉल एक दम फ्री…
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See Allमुहूर्त क्यों महत्वपूर्ण हैं?
मुहूर्त एक शुभ समय को कहा जाता है, जिस दौरान हम अपने शुभ कार्यों की शुरुआत कर सकते हैं। जब हम किसी चीज को हासिल करने में अपनी पूरी मेहनत और लगन लगा देते हैं, तो हमेशा सही तरीके से शुरुआत करना महत्वपूर्ण होता है। ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में कार्य शुरु करने पर आधी सफलता तो उसी समय मिल जाती है। इससे आपके मन वांछित सफलता मिलता है। वैदिक ज्योतिष हमेशा कुछ भी महत्वपूर्ण शुरू करने से पहले शुभ मुहूर्त, विशिष्ट दिनों और समय की गणना पर निर्भर करता है। कोई आश्चर्य नहीं कि मुहूर्त की गणना की परंपरा सदियों से चली आ रही है, क्योंकि शुरुआत से ही चीजों को गति में रखना आवश्यक है।
मुहूर्त क्या है? क्या अशुभ मुहूर्त होते हैं?
शुभ मुहूर्त 2022 में जाने से पहले, आइए समझते हैं कि मुहूर्त क्या है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, दिन के 24 घंटों को 30 मुहूर्तों में विभाजित किया गया है, जहां प्रत्येक मुहूर्त 48 मिनट का होगा। मुहूर्त के स्वरूप की बात करें तो ये शुभ या अशुभ दोनों प्रकार के हो सकते हैं। यहां ज्योतिष में सभी 30 मुहूर्त और उनकी प्रकृति की सूची दी गई है।
मुहूर्त | शुभ/अशुभ |
---|---|
अहि | अशुभ |
मित्र | शुभ |
पितृ | अशुभ |
वासु | शुभ |
वराह | शुभ |
विश्वदेव | शुभ |
विधि | शुभ (सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर) |
सुतामुखी | शुभ |
पुरुहुत | अशुभ |
वाहिनी | अशुभ |
नकटनाकार | अशुभ |
वरुण | शुभ |
आर्यमन | शुभ (रविवार को छोड़कर) |
भागा | अशुभ |
गिरीश | अशुभ |
अजपदा | अशुभ |
अहीर बुध्न्य | शुभ |
पुष्य | शुभ |
अश्विनी | शुभ |
यम | अशुभ |
अग्नि | शुभ |
विदार्थ | शुभ |
कांडा | शुभ |
अदिति | शुभ |
जीव/अमृत | अत्यंत शुभ |
विष्णु | शुभ |
द्युमद्गद्य्युति | शुभ |
ब्रह्म अत्यंत | शुभ |
समुद्रम | शुभ |
शुभ 2022 मुहूर्त: पंचांग के तत्व
2022 के शुभ मुहूर्त की गणना करते समय किन कारकों पर विचार किया जाता है? आइए, हम उन पांच तत्वों के बारे में बात करते हैं-
तिथि (हिंदू पंचांग में तिथि) | वार (हिंदू पंचांग में दिन)
नक्षत्र | योग | करण
इन तत्वों का सही संयोजन ज्योतिष को शुभ मुहूर्त को परिभाषित करने में मदद करता है। आइए इन तत्वों के बारे में विस्तार से जानते हैं…
शुभ तिथि
2022 के शुभ मुहूर्त की गणना में एक तिथि महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हिंदू पंचांग में तिथि सूर्योदय से शुरू होती है और अगले दिन सूर्योदय पर समाप्त होती है। हालांकि, कई बार एक दिन में दो तिथियां हो सकती हैं।
एक मास की 30 तिथियां होती हैं, जिन्हें 15-15 दिनों में विभाजित किया जाता है। इन्हें शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के नाम से जाना जाता है। कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है।
नीचे दोनों पक्षों की तिथियां बताई गई है…
कृष्ण पक्ष तिथि (ढलता चंद्रमा) | शुक्ल पक्ष तिथि (उगता चंद्रमा) |
---|---|
प्रतिपदा | प्रतिपदा |
द्वितीया | द्वितीया |
तृतीया | तृतीया |
चतुर्थी | चतुर्थी |
पंचमी | पंचमी |
षष्ठी | षष्ठी |
सप्तमी | सप्तमी |
अष्टमी | अष्टमी |
नवमी | नवमी |
दशमी | दशमी |
एकादशी | एकादशी |
द्वादशी | द्वादशी |
त्रयोदशी | त्रयोदशी |
चतुर्दशी | चतुर्दशी |
अमावस्या (नया चंद्रमा) | अमावस्या (नया चंद्रमा) |
शुभ वार या दिन
सप्ताह के सातों दिनों की अपनी एक अलग महत्ता है। हर दिन अलग अलग कार्य करने के लिए शुभ माने जाते हैं। कुछ काम करने के लिए शुभ होते हैं और कुछ कैसे नहीं। मुहूर्त की गणना करने में दिन भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए, गुरुवार और रविवार को कुछ नया शुरू करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। हिंदू पंचांग भी ग्रेगोरियन कैलेंडर की तरह सात दिनों से ही बना है।
- सोमवार
- मंगलवार
- बुधवार
- गुरुवार (बृहस्पतिवार)
- शुक्रवार
- शनिवार
- रविवार
शुभ नक्षत्र या जन्म सितारे
सूर्य के वार्षिक पथ को 12 भागों में विभाजित किया गया है, जिसके अनुसार 12 राशियां होती है। इसी प्रकार 27 (कभी-कभी 28) भागों में विभाजित किया जाता है, उसे नक्षत्र कहा जाता है। उनका नाम उनके निकटतम प्रमुख ग्रह के नाम पर रखा गया है। दिन और तारीख की तरह, शुभ 2022 मुहूर्त की गणना में नक्षत्र भी एक महत्वपूर्ण कारक है। आइए नक्षत्रों की सूची के बारे में जानते हैं…
शासक ग्रह | नक्षत्र |
---|---|
बृहस्पति | पूर्व भाद्रपद, विशाखा, पुनर्वसु |
केतु | माघ, अश्विनी, मूल |
बुध | अश्लेषा, ज्येष्ठ, रेवती |
चंद्रमा | रोहिणी, हस्त, श्रवण |
राहु | स्वाति, आर्द्रा, शतभिषा |
शनि | पुष्य, अनुराधा, उत्तरा भाद्रपद |
सूर्य | कृतिका, उत्तरा आषाढ़, उत्तरा फाल्गुनी |
शुक्र | पूर्वा आषाढ़, पूर्वा फाल्गुनी, भरणी |
ज्योतिष में शुभ योग
ज्योतिष शास्त्र में कई चीजों की तरह, योग की गणना भी सूर्य और चंद्रमा की स्थिति का उपयोग करके की जाती है। शुभ मुहूर्त की गणना करने में भी इनकी बहुत बड़ी भूमिका होती है। ये आपके कार्य को शुभ और अशुभ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहाँ सूची है:-
योग | प्रकृति |
---|---|
ऐंद्रा | शुभ |
अतिगंद | अशुभ |
आयुष्मान | शुभ |
ब्रह्म | शुभ |
धृति | शुभ |
ध्रुव | शुभ |
गण्ड | अशुभ |
हर्षन | शुभ |
पारि | अशुभ |
प्रीति | शुभ |
साध्य | शुभ |
सौभाग्य | शुभ |
शिव | शुभ |
शोभान | शुभ |
शूल | अशुभ |
शुभ | शुभ |
शुक्ल | शुभ |
सिद्धि | शुभ |
सुकर्मा | शुभ |
वैधृति | अशुभ |
वज्र | अशुभ |
वरिया | शुभ |
विशकुंभ | अशुभ |
वृद्धी | शुभ |
व्याघता | अशुभ |
व्यतिपात | अशुभ |
करण
सीधे शब्दों में कहें तो एक करण आधा दिन होता है। एक दिन को दो करणों से समझा जा सकता है। हिंदू पंचांग में विभिन्न प्रकार के 11 करण होते हैं। उनमें से 4 स्थिर हैं, और अन्य चल (जंगम यानि विचरण करने वाले) हैं। शुभ मुहूर्त की गणना करते समय ज्योतिषी भी इन करणों को मानते हैं।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि विष्टी / भद्र करण उन सभी में सबसे अशुभ माना जाता है।
करण | प्रकृति |
---|---|
बालव | जंगम (चल) |
बावा/भव | जंगम (चल) |
चतुष्पाद | फिक्स्ड (स्थिर) |
गार | जंगम (चल) |
कौलव/कोलव | जंगम (चल) |
किंस्टुघन | फिक्स्ड (स्थिर) |
नाग | फिक्स्ड (स्थिर) |
शकुनि | फिक्स्ड (स्थिर) |
टेटिल/टेटिल | जंगम (चल) |
वनिज | जंगम (चल) |
विष्टी/भद्रा | जंगम (चल) |
2022 में शुभ मुहूर्त के दौरान क्या किया जा सकता है?
मुहूर्त 2022 आपकी मदद कर सकता है…
- मुहूर्त देखकर ही किसी भी नए व्यवसाय या नौकरी की शुरुआत कर सकते हैं।
- वैदिक ज्योतिष की सहायता से बच्चों का नामकरण कर सकते हैं।
- रिंग सेरेमनी और शादी के लिए भी विशेष मुहूर्त हैं।
- मुहूर्त में गृह प्रवेश करने से घर में शांति और खुशियां आएगी।
- संपत्ति और वाहन मुहूर्त देखकर ही खरींदे।
- बच्चों के लिए विद्यारंभ करवाने के लिए भी विशेष मुहूर्त है।