अन्नप्राशन मुहूर्त 2022: जानिए अन्नप्राशन संस्कार शुभ मुहूर्त 2022

अन्नप्राशन मुहूर्त 2022: जानिए अन्नप्राशन संस्कार शुभ मुहूर्त 2022

अन्नप्राशन शिशु से जुड़ा हुआ एक उत्सव है जहां शिशु पहली बार ठोस भोजन का सेवन करता है। अन्नप्राशन एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है अनाज की दीक्षा। बच्चे द्वारा पहला ठोस भोजन ग्रहण करना हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार एक  समारोह के रूप में मनाया जाता है। देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोग इसे अलग – अलग नामों से पुकारते हैं। उदाहरण के लिए केरल में इस त्योहार को चूरूनू कहा जाता है, वहीं बंगाल में इस त्योहार को मुखे भात के नाम से जाना जाता है। गढ़वाल की पहाड़ियों में रहने वाले लोग इसे भटखुलाई के नाम से जानते हैं। इस त्योहार से पहले, बच्चे को मां का दूध अथवा अन्य तरल भोजन ही दिया जाता है। अन्नप्राशन के दिन बच्चे को पहली बार ठोस भोजन जैसे चावल, दाल आदि खाने की शुरुआत कराते हैं। बच्चे के पहले भोजन से जुड़े होने के कारण अन्नप्राशन का महत्व और भी बढ़ जाता है। आइए अन्नप्राशन मुहूर्त 2022, अन्नप्राशन का महत्व और उससे जुड़े अन्य सवालों को जानें। 

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अन्नप्राशन क्या है?

नवजात शिशु को अपने जन्म के पहले दिन से ही ठोस आहार नहीं दिया जाता है। पहले दिन से लेकर उसके अन्नप्राशन तक सभी तरह से उन्हें मां का दूध अथवा अन्य तरल पदार्थ ही दिया जाता है। इसलिए बच्चे के लिए एक निश्चित समय के बाद ठोस खाद्य पदार्थ की पहली खुराक के लिए अन्नप्राशन किया जाता है। इस समारोह के माध्यम से बच्चों को अपने क्षेत्र और समुदाय के रीति रिवाजों के अनुसार ठोस भोजन दिया जाता है। बच्चे को खिलाने से पहले इस अवसर पर विभिन्न रीति-रिवाज और अनुष्ठान किए जाते हैं। अन्नप्राशन का महत्व भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न संस्कृति और परंपरा के साथ है। उपरोक्त आधार पर यह कहा जा सकता है कि अन्नप्राशन बच्चे के पहली बार ठोस भोजन ग्रहण करने के लिए किया गया एक समारोह या संस्कार है।

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अन्नप्राशन समारोह क्यों किया जाता है?

अन्नप्राशन समारोह बच्चे के विकास के अगले कदम का प्रतीक है। अन्नप्राशन की परंपरा न सिर्फ भारतीय संस्कृति बल्कि ईरान और दक्षिण एशिया जैसे देशों में भी प्रचलित है। माता – पिता की संस्कृति या क्षेत्र के आधार पर, यह पांच से नौ महीने की उम्र के बीच में किया जाता है। परंपरागत रूप से, चार महीने से कम या एक वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों का अन्नप्राशन नहीं किया जाता है। इस अन्नप्राशन का महत्व इसे करने के लिए किए जाने वाले आयोजन से भी समझा जाता है। जिसमें कई सारे मेहमान, एक बड़ा समारोह स्थल और भोजन खानपान शामिल हैं। इस अवसर के लिए चुने गए शुभ समय पर अन्नप्राशन की विधि को पूरा करने के लिए पुजारी मौजूद रहते हैं।

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अन्नप्राशन कब करें?

अन्नप्राशन तब किया जा सकता है, जब बच्चा 6 महीने से 1 साल का हो जाए। आमतौर पर बच्चे के लिए यह अनुष्ठान छठे या आठवें महीने में किया जाता है। कन्याओं के लिए अन्नप्राशन समारोह उनके जन्म के 5वें या 7वें महीने में किया जाता है। इस अनुष्ठान को करने के लिए यह सबसे अच्छा समय माना जाता है क्योंकि यह तब होता है जब बच्चे के दांत दिखने लगते हैं और बच्चे के लिए ठोस भोजन से सभी पोषक तत्वों को अवशोषित करने का आदर्श समय होता है जो उनके स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक होते हैं।

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अन्नप्राशन विधि

अन्नप्राशन समारोह की शुरुआत बच्चे को उसके मामा की गोद में बैठाने से होती है, जो बच्चे को उसका पहला ठोस खाना देता है। जब बच्चा रिवाज के अनुसार अपने मामा के हाथ से पहला कोर खा लेता है तो परिवार के अन्य सदस्य भी उसे सांकेतिक तौर पर निवाला खिलाते हैं और फिर बच्चे को उपहार दिए जाते हैं। बच्चे के सामने सोने के गहने, कलम, किताबें, मिट्टी और भोजन जैसी चीजें रखी जाती हैं, जिन्हें इनमें से किसी एक वस्तु को चुनना होता है। उनकी पसंद भविष्य में उनकी रुचि के क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती है।

  • यदि वह सोने के आभूषणों को चुनता है, तो इसका मतलब है कि वह धनवान होगा।
  • अगर वह कलम चुनता है, तो इसका मतलब है कि वह बुद्धिमान होगा।
  • अगर वह किताब चुनता है, तो इसका मतलब है कि वह जल्दी चीजों को सीख जाएगा।
  •  यदि वह मिट्टी को चुनता है, तो इसका मतलब है कि उसे संपत्ति का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
  • अगर वह भोजन चुनता है, तो इसका मतलब है कि वह सहानुभूतिपूर्ण और परोपकारी होगा।

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अन्नप्राशन 2022 के मुहूर्त

नीचे बच्चों के लिए अन्नप्राशन संस्कार करने के लिए महीने के अनुसार शुभ मुहूर्त दिए गए हैं।

अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 - जनवरी

दिनांक वारमुहूर्त
05 जनवरी बुधवार07:15 14:06
06 जनवरी गुरुवार12:30 14:02

अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 - फरवरी

दिनांकवारमुहूर्त
02 फरवरी बुधवार08:31 14:11
03 फरवरी गुरुवार10:37 14:07
07 फरवरी सोमवार07:06 13:51
10 फरवरी गुरुवार11:08 13:40
14 फरवरी सोमवार07:01 13:24

अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 - मार्च

दिनांक वारमुहूर्त
04 मार्च शुक्रवार06:44 14:28
09 मार्च बुधवार08:31 13:42
18 मार्च शुक्रवार06:28 12:47

अन्नप्राशन मुहूर्त अप्रैल 2022

दिनांकवारमुहूर्त
06 अप्रैल बुधवार06:06 14:38
11 अप्रैलसोमवार06:00 06:51
14 अप्रैल गुरुवार09:56 14:07

अन्नप्राशन मुहूर्त मई 2022

दिनांकवारमुहूर्त
04 मईबुधवार05:38 07:33
06 मई शुक्रवार09:20 12:33

अन्नप्राशन मुहूर्त जून 2022

दिनांकवारमुहूर्त
01 जून बुधवार05:24 13:00
10 जूनशुक्रवार05:23 07:26
30 जूनगुरुवार13:26 15:57

अन्नप्राशन मुहूर्त जुलाई 2022

दिनांक वारमुहूर्त
01 जुलाई शुक्रवार05:27 15:53
06 जुलाई बुधवार05:29 11:42

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अन्नप्राशन मुहूर्त अगस्त 2022

दिनांकवारमुहूर्त
04 अगस्तगुरुवार05:44 15:58
10 अगस्त बुधवार09:39 14:16
12 अगस्तशुक्रवार05:49 07:06
29 अगस्त सोमवार05:58 14:20

अन्नप्राशन मुहूर्त सितंबर 2022

दिनांकवारमुहूर्त
01 सितंबर गुरुवार05:59 14:08
05 सितंबरसोमवार08:28 13:52
08 सितंबर गुरुवार06:03 13:41
30 सितंबर शुक्रवार06:14 14:18

अन्नप्राशन मुहूर्त अक्टूबर 2022

दिनांकवारमुहूर्त
05 अक्टूबर बुधवार06:16 12:01
07 अक्टूबर शुक्रवार07:27 13:51
27 अक्टूबर गुरुवार12:10 12:45
28 अक्टूबर शुक्रवार06:30 10:34
31 अक्टूबर सोमवार06:33 13:59

अन्नप्राशन मुहूर्त नवंबर 2022

दिनांकवारमुहूर्त
03 नवंबर गुरुवार06:35 13:47
28 नवंबर सोमवार06:54 13:35
30 नवंबर बुधवार06:56 08:59

अन्नप्राशन मुहूर्त दिसंबर 2022

दिनांकवारमुहूर्त
02 दिसंबर शुक्रवार06:57 13:20
08 दिसंबर गुरुवार07:02 09:38
29 दिसंबर गुरुवार11:45 12:59