अन्नप्राशन मुहूर्त जनवरी 2025
किसी भी तरह के शुभ अनुष्ठान के लिए शुभ समय का निर्धारण करना काफी जरूरी और महत्वपूर्ण होता है। ज्योतिष के मुताबिक किसी शुभ कार्य के लिए शुभ मुहूर्त की गणना की जाती है। किसी भी शिशु के लिए उसके जीवन का पहला आहार काफी महत्वपूर्ण होता है। उसके पहले आहार के लिए जिस अनुष्ठान या संस्कार को किया जाता है, उसे अन्नप्राशन संस्कार कहा जाता है। अन्नप्राशन 2025 का मुहूर्त निर्धारित करने के लिए शिशु का जन्म नक्षत्र महत्वपूर्ण होता है। लड़कों के लिए अन्नप्राशन 2025 का शुभ मुहूर्त उसके जन्म के समय से 6, 8, 10 और 12वां महीना और लड़कियों के लिए यह जन्म का 5वां, 7वां, 9वां और 11वां महीना होता है। इसके लिए उपयुक्त मुहूर्त को जानना महत्वपूर्ण होता है और उस शुभ मुहूर्त में कोई नया कार्य शुरू करना महत्वपूर्ण होता है और इसके बेहतर परिणाम देखने को मिलते हैं।
अन्नप्राशन 2025 के शुभ मुहूर्त
अन्नप्राशन को कई जगहों पर चावल खिलाने की रस्म के तौर पर भी जाना जाता है। विभिन्न राज्यों में इसे अलग-अलग नाम से भी जाना जाता है। लड़कों के लिए आम तौर पर अन्नप्राशन मुहूर्त सम महीनों और लड़कियों के लिए विषण महीनों में किया जाता है। इसका मकसद यह है कि, तब तक बच्चे में अन्न को पचाने की ताकत आ जाती है। कुल मिलाकर कहें, तो बच्चे की स्थिति के मुताबिक समय का चयन किया जा सकता है।
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2025 के लिए अन्नप्राशन कहां करें
अन्नप्राशन संस्कार किसी भी उपयुक्त स्थान चाहें अपने घर या किसी मंदिर में किया जा सकता है। वैसे आम तौर पर अन्नप्राशन संस्कार घर पर ही किया जाता है। हालांकि, बड़े समारोह के रूप में करने के लिए लोग किसी हॉल में भी इसका आयोजन करते हैं। कई राज्यों में इसे विभिन्न नाम से अलग-अलग जगहों पर किया जाता है। केरल में अन्नप्राशन संस्कार गुरुवयूर मंदिर में किया जाता है।
आइए अन्नप्राशन मुहूर्त 2025 जनवरी महीने की तारीखों और समय पर नजर डालें।
तारीख | शुभ मुहूर्त | नक्षत्र |
---|---|---|
01 जनवरी 2025 | 07:50 ए.एम. से 10:20 ए.एम. | उत्तराषाढ़ा |
01 जनवरी 2025 | 11:55 ए.एम. से 04:40 पी.एम. | उत्तराषाढ़ा |
01 जनवरी 2025 | 07:05 पी.एम. से 11:30 पी.एम. | उत्तराषाढ़ा |
02 जनवरी 2025 | 07:50 ए.एम. से 10:15 ए.एम. | श्रवण |
02 जनवरी 2025 | 11:49 ए.एम. से 04:40 पी.एम. | श्रवण |
02 जनवरी 2025 | 06:59 पी.एम. से 11:30 पी.एम. | श्रवण |
06 जनवरी 2025 | 08:25 ए.एम. से 12:50 पी.एम. | उत्तरा भाद्रपद |
08 जनवरी 2025 | 04:20 पी.एम. से 06:30 पी.एम. | भरणी |
13 जनवरी 2025 | 08:35 पी.एम. से 10:50 पी.एम. | आर्द्रा |
15 जनवरी 2025 | 07:55 ए.एम. से 12:15 पी.एम. | पुष्य |
30 जनवरी 2025 | 05:10 पी.एम. से 10:30 पी.एम. | धनिष्ठा |
31 जनवरी 2025 | 07:45 ए.एम. से 09:50 ए.एम. | पूर्वा भाद्रपद |
31 जनवरी 2025 | 11:20 ए.एम से 05:00 पी.एम. | पूर्वा भाद्रपद |
31 जनवरी 2025 | 07:25 पी.एम. से 11:55 पी.एम. | पूर्वा भाद्रपद |
निष्कर्ष
कुल मिलाकर देखें, तो आप किसी जानकार और विद्वान ज्योतिष से बच्चे के अन्नप्राशन संस्कार के लिए किसी सही और उपयुक्त मुहूर्त की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ज्योतिषी गणना के बाद आपको उचित मुहूर्त की जानकारी दे सकता है। अन्नप्राशन के लिए उपयुक्त दिन और समय निर्धारित करने के लिए बच्चे के नक्षत्र और राशि का उपयोग किया जाता है। शिशु को नहलाने और बिल्कुल नए पारंपरिक कपड़े पहनाने के बाद, शिशु को उसके दादा या उसके चाचा द्वारा पिता की गोद में रखा जाता है। इसके बाद सभी लोग उसे आशीर्वाद देते हैं।
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