जनेऊ संस्कार मुहूर्त जून 2025

जनेऊ संस्कार मुहूर्त जून 2025

जनेऊ समारोह का इतिहास

उपनयन संस्कार व्यक्ति के जीवन के महत्वपूर्ण संस्कार में से एक है। सनातन हिंदू धर्म में वर्णित यह 10वां संस्कार हो, जो विवाह से पहले पूरा किया जाता है।  उपनयन संस्कार को जनेऊ या यज्ञोपवीत संस्कार के नाम से भी जाना जाता है। जनेऊ संस्कार को तय समय और शुभ मुहूर्त पर ही करना चाहिए। इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है और ईश्वर की कृपा बनी रहती है। तो आइए उपनयन संस्कार जून 2025 के बारे में जानते हैं।

हिंदू धर्म में 16 संस्कार किए जाते हैं और उपनयन संस्कार उन 16 संस्कारों में से एक है। ‘उपनयन ’ शब्द दो शब्दों उप और नयन से मिलकर बना है। पहला उप यानी ऊपर, जिसका अर्थ है निकट और  नयन का अर्थ है दृष्टि। कुल मिलाकर इसका शाब्दिक अर्थ है स्वयं को अंधकार यानी अज्ञानता की स्थिति से दूर रखना और प्रकाश यानी आध्यात्मिक ज्ञान की ओर बढ़ना। 

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जनेऊ समारोह का महत्व

हिंदू धर्म में हर परंपरा और संस्कार का ज्योतिषीय, वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व होता है। उसी तरह जनेऊ संस्कार का महत्व होता है। जनेऊ में तीन धागे होते हैं, जो ब्रह्मा, विषअणु और महेश का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे देवऋण, पितृऋण और ऋषिऋण का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके अलावा, कुछ यह भी मानते हैं कि वे सत्व, रज और तम का प्रतिनिधित्व करते हैं। चौथा, यह गायत्री मंत्र के तीन चरणों का प्रतीक है। पांचवां तीन आश्रमों का प्रतीक है। हालांकि, संन्यास आश्रम में यज्ञोपवीत को हटा दिया जाता है। जनेऊ की प्रत्येक जीवा में तीन तार होते हैं। तारों की कुल संख्या नौ होती है। जनेऊ में पांच गांठें रखी जाती हैं, जो ब्रह्म, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का प्रतिनिधित्व करती हैं। यह पंचकर्म, ज्ञानदरी और यज्ञ का भी प्रतीक है, इन सभी की संख्या पांच है। जनेऊ की लंबाई 96 अंगुल होती है। इसमें जनेऊ धारण करने वाले को 64 कला और 32 विद्याओं को सीखने का प्रयास करने का आह्वान किया गया है। 32 विद्या चार वेद, चार उपवेद, छह दर्शन, छह आगम, तीन सूत्र और नौ आरण्यक हैं।

कई स्थानों पर महिलाओं के भी जनेऊ पहनने का उल्लेख मिलता है, लेकिन वे इसे गले में हार की तरह पहनती हैं। प्राचीन काल में, विवाहित पुरुष दो पवित्र धागे या जनेऊ पहनते थे, एक अपने लिए और एक अपनी पत्नी के लिए। जनेऊ संस्कार के दिन उचित उपनयन संस्कार मुहूर्त में यज्ञ का आयोजन किया जाता है। तो आइए जानते हैं, जून 2025 में उपनयन संस्कार के सही मुहूर्त के बारे में

जून 2025 - शुभ उपनयन मुहूर्त

तारीखदिनसमय
5 जून 2025गुरुवार08:51 ए.एम. से 03:42 पी.एम.
6 जून 2025शुक्रवार08:47 ए.एम. से 03:40 पी.एम.
7 जून 2025शनिवार06:28 ए.एम. से 08:42 ए.एम.
7 जून 2025शनिवार11:03 ए.एम. से 05:52 पी.एम.
8 जून 2025रविवार06:24 ए.एम. से 08:33 ए.एम.
12 जून 2025गुरुवार06:09 ए.एम. से 01:01 पी.एम.
12 जून 2025गुरुवार03:19 पी.एम. से 07:52 पी.एम.
13 जून 2025शुक्रवार06:08 ए.एम. से 12:57 पी.एम.
13 जून 2025शुक्रवार03:13 पी.एम. से 05:30 पी.एम.
15 जून 2025रविवार05:25 पी.एम. से 07:40 पी.एम.
16 जून 2025सोमवार08:08 ए.एम. से 05:20 पी.एम.
26 जून 2025गुरुवार02:22 पी.एम. से 04:40 पी.एम.
27 जून 2025शुक्रवार07:29 ए.एम. से 09:42 ए.एम.
27 जून 2025शुक्रवार12:02 पी.एम. से 06:54 पी.एम.
28 जून 2025शनिवार07:25 ए.एम. से 09:41 ए.एम.
30 जून 2025सोमवार09:37 ए.एम. से 11:50 ए.एम.

निष्कर्ष

अगर आपका कोई लड़का है, तो आपको उपनयन संस्कार के मुहूर्त को जानना चाहिए। उपयुक्त मुहूर्त पर जनेज्ञ संस्कार करने से देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। आपको किसी विद्यान ज्योतिषी से बात कर जनेऊ संस्कार के शुभ मुहूर्त को जानें।

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