मुंडन संस्कार अक्टूबर 2025: तिथियाँ, समय और महत्व

मुंडन संस्कार अक्टूबर 2025: तिथियाँ, समय और महत्व

मुंडन संस्कार मुहूर्त का महत्व

हिंदू संस्कृति में कई तरह के संस्कार हैं। जन्म के बाद अन्नप्राशन संस्कार, विद्यारंभ संस्कार की तरह मंडन संस्कार भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू परंपरा में, मुंडन संस्कार बच्चे के जन्म के चार महीने से तीन साल के बीच किया जाता है। यह एक अनिवार्य संस्कार है, जो उचित मुहूर्त और पूर्व निर्धारित तिथि पर पूरोहित के निर्देश पर होता है। आमतौर पर, मुंडन के लिए शुभ मुहूर्त एक से तीन साल की उम्र के बीच या पांच या सात साल की उम्र के बीच हो सकता है। 

मुंडन संस्कार के पीछे कई वैज्ञानिक कारण भी हैं। वैज्ञानिक कारणों की बात करें, तो मुंडन के बाद सूर्य की रोशनी से मिलने वाला विटामिन डी शरीर को अच्छी तरह मिलता है। सभी जानते हैं, बिना कपड़ों के रहने पर शरीर पर सूर्य की किरणें अच्छी तरह प्रभाव डालती है। इतना ही नहीं यह मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिकाओं को भी उत्तेजित करता है,  जिससे बच्चे की सक्रियता भी बढ़ जाती है। बच्चे को इससे काफी लाभ होता है। इस कारण बचपन में ही मुंडन संस्कार किया जाता है। 

वैदिक ज्योतिष के अनुसार पिछले जन्म के कर्मों को शुद्ध करने और पिछले जन्म के दायित्वों से मोक्ष प्राप्त करने के लिए मुंडन संस्कार किया जाता है। मुंडन के लिए, शुभ मुहूर्त का काफी महत्व है, क्योंकि इसी दिन बच्चे के जन्म के बाद मां के गर्भ से मौजूद बाल काटे जाते हैं। मान्यता के अनुसार, इन बालों को मुंडवाने से शिशु को नकारात्मक स्थिति से सुरक्षा प्राप्त होती है। मुंडन संस्कार भी 16 शुद्धिकरण संस्कारों में से एक है। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि मुंडन संस्कार का उद्देश्य बच्चे को पिछले जन्म की किसी भी अशुद्धता से मुक्त करना है। 

मुंडन के बाद, बच्चे के सिर को पवित्र जल से साफ किया जाता है, हल्दी और चंदन का लेप लगाया जाता है। इसे लगाने का मकसद यह है कि इससे मुंडन के दौरान कटने और छिलने की परेशानी से राहत मिलती है। 

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मुंडन संस्कार 2025 के लिए शुभ दिन

हिंदू पंचांग और वैदिक ज्योतिष के अनुसार एक दिन में तीस मुहूर्त होते हैं, जो शुभ या अशुभ हो सकते हैं। मुंडन के लिए द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी और त्रयोदशी तिथी उपयुक्त मानी जाती है। इसके अलावा ज्योतिषी से उचित मुंडन मुहूर्त की जानकारी प्राप्त की जा सकती है, ताकि किसी तरह की परेशानी न हो। मुंडन मुहूर्त की गणना के लिए तिथियों, योग, वार, नक्षत्र, ग्रह आदि का उपयोग किया जाता है। 

ये नक्षत्र माने जाते हैं मुंडन संस्कार के लिए शुभ

मुंडन संस्कार के लिए मृगशिरा, अश्विनी, पुष्य, हस्त, पुनर्वसु, चित्रा, स्वाति, श्रवण, धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र शुभ माना जाता है। वहीं जन्म तिथि के मुताबिक वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, माघ और फाल्गुन के उत्तरायण महीनों के दौरान मुंडन करना चाहिए। अगर आपके बच्चे का जन्मदिन इस महीने में आता है तो आप मुंडन संस्कार समारोह करा सकते हैं। 

साल 2025 में गणना के आधार पर पूरे साल में हर महीने के शुभ मुंडन मुहूर्त दिए गए हैं। आप नीचे दी गई तालिका के जरिए इशके बारे में जान सकते हैं। 

अक्टूबर 2025 के लिए मुंडन मुहूर्त के बारे में जानें

तारीखप्रारंभ समयअंत समयनक्षत्र
2/10/202510:21:00 ए.एम.04:15:00 पी.एम.श्रवण
2/10/202505:54:00 पी.एम.07:10:00 पी.एम.श्रवण
5/10/202507:50:00 ए.एम.10:00:00 ए.एम.शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद
8/10/202507:35:00 ए.एम.02:15:00 पी.एम.अश्विनी
8/10/202503:59:00 पी.एम.06:45:00 पी.एम.अश्विनी
11/10/202505:18:00 पी.एम.06:32:00 पी.एम.मृगशिरा
12/10/202507:25:00 ए.एम.09:32:00 ए.एम.मृगशिरा
12/10/202511:58:00 ए.एम.03:37:00 पी.एम.मृगशिरा, आर्द्रा
13/10/202501:59:00 पी.एम.05:00:00 पी.एम.आर्द्रा
15/10/202507:11:00 ए.एम.11:39:00 ए.एम.पुष्य
20/10/202509:11:00 ए.एम.03:05:00 पी.एम.हस्त
24/10/202507:15:00 ए.एम.11:03:00 ए.एम.अनुराधा
24/10/202501:15:00 पी.एम.05:42:00 पी.एम.अनुराधा
26/10/202507:19:00 ए.एम.11:00:00 ए.एम.ज्येष्ठा
30/10/202508:31:00 ए.एम.10:40:00 ए.एम.श्रवण
31/10/202510:45:00 ए.एम.03:50:00 पी.एम.धनिष्ठा
31/10/202505:25:00 पी.एम.06:50:00 पी.एम.धनिष्ठा

निष्कर्ष

मुंडन मुहूर्त 2025 का ज्ञान होना काफी जरूरी है। मुंडन संस्कार काफी महत्वपूर्ण है और ऐसा करने से बच्चे का नकारात्मक स्थिति से बचाव होता है। इसके लिए आप किसी जानकार ज्योतिषी से संपर्क कर बच्चे के मुंडन संस्कार के लिए उचित मुहूर्त की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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