2023 शुभ मुहूर्त

क्या आप साल 2023 में आप नई योजनाएं बना रहे हैं। शादी के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त, रिंग सेरेमनी या ग्रह प्रवेश के लिए शुभ दिन ढूंढ रहे हैं। यहां आपके इन सभी सवालों का जवाब मिलेगा। हम आपको सबसे सटीक हिंदू पंचांग के अनुसार 2023 के शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी देने वाले हैं। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए तिथि, नक्षत्र, दिन और शुभ समय की जानकारी यहां हम आपको उपलब्ध करवाने वाले हैं। अगर आप हमारे ज्योतिष विशेषज्ञों से बात करना चाहते हैं, तो अभी कॉल करें। पहला कॉल एक दम फ्री…

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अभिजीत मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त एक ऐसा समय होता है, जिस समय आप किसी भी कार्य की शुरुआत करक सकते हैं। आपके द्वारा अभिजीत मुहूर्त में शुरू किया गया कार्य निर्विघ्न रूप से सफल होता है। इस मुहूर्त के दौरान किसी अन्य ज्योतिषीय गणना की आवश्यकता नहीं होती है। शास्त्रों में इसे सबसे शुभ मुहूर्त और समय बताया गया है।

सभी शुभ अभिजीत मुहूर्त 2023 की सूची।

अन्नप्राशन मुहूर्त

अन्नप्राशन मुहूर्त को चावल खिलाने की रस्म के रूप में भी जाना जाता है। यह रस्म तब निभाई जाती है, जब बच्चा पांच से बारह महीने की उम्र का होता है। अन्नप्राशन मुहूर्त में ही बच्चे को पहली बार चावल खिलाया जाता है। लड़कों के लिए यह समय  6, 8, 10 या 12वें महीने में किया जाता है। वहीं लड़कियों के लिए यह आमतौर पर 5वें, 7वें, 9वें या 11वें महीने में किया जाता है। इसमें बच्चे की उम्र का बेहद ख्याल रखा जाता है, क्योंकि बच्चे में चावल या आनाज को पचाने की शक्ति आ जानी चाहिए।

सभी शुभ अन्नप्राशन मुहूर्त 2023 की सूची।

गृह प्रवेश मुहूर्त

ग्रह प्रवेश हमारे जीवन का सबसे खुशी का पल होता है, हर कोई चाहता है कि इस दिन किसी भी तरह का विघ्न न आएं। जब भी हम नए घर का निर्माण करवाते हैं, तो एक खास और शुभ तिथि के दौरान उस घर में प्रवेश करना चाहिए। गृह प्रवेश मुहूर्त यह सुनिश्चित करता है कि निवासी खुश और स्वस्थ रहें।

सभी शुभ गृह प्रवेश मुहूर्त 2023 की सूची।

जनेऊ संस्कार मुहूर्त

प्राचीन अनुष्ठानों और परंपराओं में से एक जनेऊ संस्कार का बहुत महत्व है।  जनेऊ संस्कार को यज्ञोपवीत या उपनयन के रूप में भी जाना जाता है। यह एक गुरु द्वारा शिष्य की स्वीकृति का प्रतीक है। एक समय था जब गुरु तय करते थे कि छात्र को स्कूल में प्रवेश दिया जाए या नहीं। यज्ञोपवीत 16 वैदिक संस्कारों में से एक महत्वपूर्ण संस्कार है।

 

सभी शुभ जनेऊ संस्कार मुहूर्त 2023 की सूची।

कर्णवेधन मुहूर्त

पहली बार बच्चे के कान छेदन की प्रक्रिया को कर्णवेधन संस्कार के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में इसका बहुत महत्व है। कर्णवेधन दो शब्द हैं जिनमें कर्ण का अर्थ है कान और वेद का अर्थ है छेदना। इस प्रकार कर्णवेध नवजात शिशु के कान छिदवाने की प्रक्रिया को निर्धारित करता है। यह प्रक्रिया भी उचित मुहूर्त, तिथि और समय कर संपन्न की जानी चाहिए।

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विवाह मुहूर्त

मनुष्य के जीवन में सबसे खास पल विवाह होता है। विवाह के दौरान निभाई जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक लग्न मुहूर्त या विवाह मुहूर्त है। किसी से भी शादी करने से पहले शुभ विवाह मुहूर्त जानना बेहद जरूरी है। विवाह मुहूर्त की जानकारी के बिना कोई भी विवाह समारोह पूर्ण और शुभ नहीं माना जाता है। शुभ मुहूर्त पर ही विवाह के रिति-रिवाजों को पूरा करना चाहिए।

सभी शुभ विवाह मुहूर्त 2023 की सूची।

मुंडन मुहूर्त

हिंदू संस्कृति में मुंडन सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है। हिंदू परंपरा में यह अनिवार्य है। घर में जब किसी बच्चे का जन्म होता है, और उसके पहली बार बाल काटे जाते हैं, उस प्रक्रिया को मुंडन कहा जाता है। यह एक विशेष अवधि जन्म के चार महीने से तीन साल के बीच किया जाता है। बच्चे के बाल मुंडवाने के लिए एक नाई को नियुक्त किया जाता है। इन सभी अनुष्ठानों को एक निश्चित निश्चित तिथि और शुभ मुहूर्त पर उचित मार्गदर्शन में किया जाता है।

सभी शुभ मुंडन मुहूर्त 2023 की सूची।

नामकरण मुहूर्त

भारतीय परंपराओं में इंसान के जन्म के साथ ही कई सारे अनुष्ठान जोड़ दिए जाते हैं, जो समय के साथ साथ पूरे किए जाते हैं। इन अनुष्ठानों में से एक है नामकरण समारोह। इस  औपचारिक कार्यक्रम में एक बच्चे का नाम रखा जाता है और परिवार में उसका स्वागत किया जाता है। आयोजित होने वाले प्रत्येक समारोह के लिए, सही मुहूर्त और तिथि निर्धारित करना सबसे महत्वपूर्ण है।

सभी शुभ नामकरण मुहूर्त 2023 की सूची

नया व्यवसाय शुरू करने का मुहूर्त

जब आप किसी नए कार्य की शुरुआत करते हैं, तो निश्चित ही उसे वैदिक रिति रिवाजों और शुभ तिथि, मुहूर्त में करना चाहेंगे। व्यवसाय शुरू करने का शुभ समय यह सुनिश्चित करता है कि व्यवसाय एक बड़ी सफलता प्राप्त करें। यह आर्थिक विकास के साथ-साथ समाज में मान-सम्मान और परिवार में खुशियां अर्जित करने में मदद करता है।

नया व्यवसाय शुरू करने के लिए सभी शुभ 2023 मुहूर्तों की सूची

संपत्ति खरीद मुहूर्त

आप अगर जमीन या कोई संपत्ति की खरीददारी करते हैं, तो उसके लिए भी आवश्यक है कि आप उचित समय पर ही खरीदारी करें। जिससे की वह संपत्ति आपके लिए सकारात्मकता, विकास, अवसर और खुशी लेकर आए। ग्रहों की चाल, सूर्य और चंद्रमा की स्थिति, राहु और केतु और अन्य तत्व जगह के चारों ओर सकारात्मक या नकारात्मक वाइब्स बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए, संपत्ति खरीदने के लिए पहले से शुभ दिन और समय पर विचार करना अनिवार्य हो जाता है।

सभी शुभ संपत्ति खरीद मुहूर्त 2023 की सूची

रिंग सेरेमनी मुहूर्त

रिंग सेरेमनी भी विवाह की तरह ही मनुष्य जीवन का एक महत्वपूर्ण पल है। साल 2022 में जो भी रिंग सेरेमनी करना चाहते हैं, उसके लिए कुछ अच्छे मुहूर्त है। सगाई की रस्म शादी से पहले दो आत्माओं के बीच के बंधन को मान्य करने के लिए की जाती है। यदि सगाई शुभ मुहूर्त के अनुसार होती है, तो होने वाले वर और वधू के लिए आनंदमय और स्वर्णिम अवधि होने की संभावना है।

सभी शुभ रिंग समारोह मुहूर्त 2023 की सूची

वाहन खरीदने के लिए मुहूर्त

हर किसी के जीवन में एक पल ऐसा जरूर आता है, जब वह खुद से खरीदी हुई किसी वस्तु या वाहन का मालिक कहलता है। यह उसके लिए खुशी का पल भी होता है। अपना खुद का वाहन रखना आजकल कोई विलासिता या बड़ी बात नहीं है। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि हम वाहन खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त की पुष्टि करने के लिए ज्योतिष का सहारा क्यों लेते हैं?  क्योंकि, यह मालिक और परिवार की वृद्धि और समृद्धि की संभावनाओं को बढ़ाता है और किसी भी दुर्घटना से बचने में मदद करता है।

सभी शुभ वाहन खरीदने 2023 के लिए मुहूर्त की सूची

विद्यारंभ मुहूर्त

विद्यारंभ समारोह एक बच्चे के पहली बार स्कूल में शामिल होने से पहले किया जाता है। भारतीय परंपराओं में इसे महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।  इसलिए बच्चे की शिक्षा शुरू करने के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना बेहद जरूरी हो जाता है।  विद्यारंभ समारोह यह आश्वासन देता है कि बच्चा सीखेगा और बढ़ेगा और अपने माता-पिता की अपेक्षाओं को पूरा करेगा।

सभी शुभ विद्यारंभ मुहूर्तों की सूची 2023

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मुहूर्त क्यों महत्वपूर्ण हैं?

मुहूर्त एक शुभ समय को कहा जाता है, जिस दौरान हम अपने शुभ कार्यों की शुरुआत कर सकते हैं। जब हम किसी चीज को हासिल करने में अपनी पूरी मेहनत और लगन लगा देते हैं, तो हमेशा सही तरीके से शुरुआत करना महत्वपूर्ण होता है। ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में कार्य शुरु करने पर आधी सफलता तो उसी समय मिल जाती है। इससे आपके मन वांछित सफलता मिलता है। वैदिक ज्योतिष हमेशा कुछ भी महत्वपूर्ण शुरू करने से पहले शुभ मुहूर्त, विशिष्ट दिनों और समय की गणना पर निर्भर करता है। कोई आश्चर्य नहीं कि मुहूर्त की गणना की परंपरा सदियों से चली आ रही है, क्योंकि शुरुआत से ही चीजों को गति में रखना आवश्यक है।

मुहूर्त क्या है? क्या अशुभ मुहूर्त होते हैं?

शुभ मुहूर्त 2023 में जाने से पहले, आइए समझते हैं कि मुहूर्त क्या है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, दिन के 24 घंटों को 30 मुहूर्तों में विभाजित किया गया है, जहां प्रत्येक मुहूर्त 48 मिनट का होगा। मुहूर्त के स्वरूप की बात करें तो ये शुभ या अशुभ दोनों प्रकार के हो सकते हैं। यहां ज्योतिष में सभी 30 मुहूर्त और उनकी प्रकृति की सूची दी गई है।

मुहूर्तशुभ/अशुभ
अहिअशुभ
मित्रशुभ
पितृअशुभ
वासुशुभ
वराहशुभ
विश्वदेवशुभ
विधिशुभ (सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर)
सुतामुखीशुभ
पुरुहुतअशुभ
वाहिनीअशुभ
नकटनाकारअशुभ
वरुणशुभ
आर्यमनशुभ (रविवार को छोड़कर)
भागाअशुभ
गिरीशअशुभ
अजपदाअशुभ
अहीर बुध्न्यशुभ
पुष्यशुभ
अश्विनीशुभ
यमअशुभ
अग्निशुभ
विदार्थशुभ
कांडाशुभ
अदितिशुभ
जीव/अमृतअत्यंत शुभ
विष्णुशुभ
द्युमद्गद्य्युतिशुभ
ब्रह्म अत्यंतशुभ
समुद्रमशुभ

शुभ 2023 मुहूर्त: पंचांग के तत्व

2023 के शुभ मुहूर्त की गणना करते समय किन कारकों पर विचार किया जाता है? आइए, हम उन पांच तत्वों के बारे में बात करते हैं-

तिथि (हिंदू पंचांग में तिथि) | वार (हिंदू पंचांग में दिन)

नक्षत्र | योग | करण

इन तत्वों का सही संयोजन ज्योतिष को शुभ मुहूर्त को परिभाषित करने में मदद करता है। आइए इन तत्वों के बारे में विस्तार से जानते हैं…

शुभ तिथि

2023 के शुभ मुहूर्त की गणना में एक तिथि महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हिंदू पंचांग में तिथि सूर्योदय से शुरू होती है और अगले दिन सूर्योदय पर समाप्त होती है। हालांकि, कई बार एक दिन में दो तिथियां हो सकती हैं।

एक मास की 30 तिथियां होती हैं, जिन्हें 15-15 दिनों में विभाजित किया जाता है। इन्हें शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के नाम से जाना जाता है। कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है।

नीचे दोनों पक्षों की तिथियां बताई गई है…

कृष्ण पक्ष तिथि (ढलता चंद्रमा)शुक्ल पक्ष तिथि (उगता चंद्रमा)
प्रतिपदाप्रतिपदा
द्वितीयाद्वितीया
तृतीयातृतीया
चतुर्थीचतुर्थी
पंचमीपंचमी
षष्ठीषष्ठी
सप्तमीसप्तमी
अष्टमीअष्टमी
नवमीनवमी
दशमीदशमी
एकादशीएकादशी
द्वादशीद्वादशी
त्रयोदशीत्रयोदशी
चतुर्दशीचतुर्दशी
अमावस्या (नया चंद्रमा)अमावस्या (नया चंद्रमा)

शुभ वार या दिन

सप्ताह के सातों दिनों की अपनी एक अलग महत्ता है। हर दिन अलग अलग कार्य करने के लिए शुभ माने जाते हैं। कुछ काम करने के लिए शुभ होते हैं और कुछ कैसे नहीं। मुहूर्त की गणना करने में दिन भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए, गुरुवार और रविवार को कुछ नया शुरू करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। हिंदू पंचांग भी ग्रेगोरियन कैलेंडर की तरह सात दिनों से ही बना है।

  • सोमवार
  • मंगलवार
  • बुधवार
  • गुरुवार (बृहस्पतिवार)
  • शुक्रवार
  • शनिवार
  • रविवार

शुभ नक्षत्र या जन्म सितारे

सूर्य के वार्षिक पथ को 12 भागों में विभाजित किया गया है, जिसके अनुसार 12 राशियां होती है। इसी प्रकार 27 (कभी-कभी 28) भागों में विभाजित किया जाता है, उसे नक्षत्र कहा जाता है।  उनका नाम उनके निकटतम प्रमुख ग्रह के नाम पर रखा गया है। दिन और तारीख की तरह, शुभ 2023 मुहूर्त की गणना में नक्षत्र भी एक महत्वपूर्ण कारक है। आइए नक्षत्रों की सूची के बारे में जानते हैं…

शासक ग्रहनक्षत्र
बृहस्पतिपूर्व भाद्रपद, विशाखा, पुनर्वसु
केतुमाघ, अश्विनी, मूल
बुधअश्लेषा, ज्येष्ठ, रेवती
चंद्रमारोहिणी, हस्त, श्रवण
राहुस्वाति, आर्द्रा, शतभिषा
शनिपुष्य, अनुराधा, उत्तरा भाद्रपद
सूर्यकृतिका, उत्तरा आषाढ़, उत्तरा फाल्गुनी
शुक्रपूर्वा आषाढ़, पूर्वा फाल्गुनी, भरणी

ज्योतिष में शुभ योग

ज्योतिष शास्त्र में कई चीजों की तरह, योग की गणना भी सूर्य और चंद्रमा की स्थिति का उपयोग करके की जाती है। शुभ मुहूर्त की गणना करने में भी इनकी बहुत बड़ी भूमिका होती है। ये आपके कार्य को शुभ और अशुभ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहाँ सूची है:-

योगप्रकृति
ऐंद्राशुभ
अतिगंदअशुभ
आयुष्मानशुभ
ब्रह्मशुभ
धृतिशुभ
ध्रुवशुभ
गण्डअशुभ
हर्षनशुभ
पारिअशुभ
प्रीतिशुभ
साध्यशुभ
सौभाग्यशुभ
शिवशुभ
शोभानशुभ
शूलअशुभ
शुभशुभ
शुक्लशुभ
सिद्धिशुभ
सुकर्माशुभ
वैधृतिअशुभ
वज्रअशुभ
वरियाशुभ
विशकुंभअशुभ
वृद्धीशुभ
व्याघताअशुभ
व्यतिपातअशुभ

करण

सीधे शब्दों में कहें तो एक करण आधा दिन होता है। एक दिन को दो करणों से समझा जा सकता है। हिंदू पंचांग में विभिन्न प्रकार के 11 करण होते हैं। उनमें से 4 स्थिर हैं, और अन्य चल (जंगम यानि विचरण करने वाले) हैं। शुभ मुहूर्त की गणना करते समय ज्योतिषी भी इन करणों को मानते हैं।

यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि विष्टी / भद्र करण उन सभी में सबसे अशुभ माना जाता है।

करणप्रकृति
बालवजंगम (चल)
बावा/भवजंगम (चल)
चतुष्पादफिक्स्ड (स्थिर)
गारजंगम (चल)
कौलव/कोलवजंगम (चल)
किंस्टुघनफिक्स्ड (स्थिर)
नागफिक्स्ड (स्थिर)
शकुनिफिक्स्ड (स्थिर)
टेटिल/टेटिलजंगम (चल)
वनिजजंगम (चल)
विष्टी/भद्राजंगम (चल)

2023 में शुभ मुहूर्त के दौरान क्या किया जा सकता है?

मुहूर्त 2023 आपकी मदद कर सकता है…

  • मुहूर्त देखकर ही किसी भी नए व्यवसाय या नौकरी की शुरुआत कर सकते हैं।
  • वैदिक ज्योतिष की सहायता से बच्चों का नामकरण कर सकते हैं।
  • रिंग सेरेमनी और शादी के लिए भी विशेष मुहूर्त हैं।
  • मुहूर्त में गृह प्रवेश करने से घर में शांति और खुशियां आएगी।
  • संपत्ति और वाहन मुहूर्त देखकर ही खरींदे।
  • बच्चों के लिए विद्यारंभ करवाने के लिए भी विशेष मुहूर्त है।

अंतिम नोट्स

इस लेख में दिए गए मुहूर्त की गणना प्रामाणिक हिंदू पंचांग से की जाती है। किसी भी कार्य की शुरुआत आप बिना मुहूर्त न करें, यह आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं। यह आपका कार्य कब शुरु करना है, इसके लिए मार्गदर्शन के तौर पर काम करता है।

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15th November 2024
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पक्ष::
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