कार्तिक अमावस्या 2025: पाएं मां लक्ष्मी की दिव्य कृपा
कार्तिक अमावस्या 2025: पाएं मां लक्ष्मी की दिव्य कृपा
भारतीय परंपराओं में कार्तिक मास की अमावस्या को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन पूरे भारत में दीपावली का महत्वपूर्ण त्योहार भी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि महाभारत कॉल में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं इस दिन का महत्व बताते हुए कहा था कि यह मेरा सबसे प्रिय दिन और जो कोई भी इस दिन मेरी वंदना करेगा, उसके समस्त ग्रह दोष दूर हो जाएंगें। आइए कार्तिक अमास्या की तिथी को जानते हैं…
कार्तिक अमावस्या की पूजा तिथि और मुहूर्त
कार्तिक अमावस्या के शुभ अवसर पर भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। इस पूजा को संपूर्ण विधि विधान से करने से सारे पापों से छुटकारा मिल जाता है। अगर आप वैदिक पंडितों से पूजा करवाना चाहते हैं, तो यहां क्लिक करें...
कार्तिक अमावस्या | मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025 |
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लक्ष्मी पूजा मुहूर्त | शाम 07:40 बजे से रात 08:29 बजे तक |
अवधि | 00 घंटे 49 मिनट |
प्रदोष काल | शाम 06:04 बजे से रात 08:29 बजे तक |
वृषभ काल | 07:40 PM से 09:44 PM तक |
कार्तिक अमावस्या व्रत और धार्मिक कर्म
कार्तिक अमवास्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद भगवान श्री कृष्ण का ध्यान लगाकर उनकी आराधना करना चाहिए, और सूर्य देव को अर्घ्य प्रदान करने के के बाद बहते हुए जल में तिल प्रवाहित करना लाभकारी होगा। इसके बाद व्रत का संकल्प लें।इस दिन सुबह नवग्रह स्त्रोत का पाठ करने से ग्रह संबंधित दोष दूर होते हैं। कार्तिक अमावस्या के दिन विष्णु सहस्त्रनाम के जाप की भी विशेष महिमा है। ऐसा माना जाता है कि विष्णु सहस्त्रनाम के जाप से कुंडली ने बनने वाले सभी अशुभ योग दूर हो जाते है। इस दिन शिवलिंग का शहद से अभिषेक करना अत्यंत शुभ माना गया है। इसके अलावा देवालय या फिर किसी गरीब के घर दीपक जलाने से शनि का अशुभ प्रकोप कम होता है।
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कार्तिक अमावस्या पर दीपक जलाने का महत्व
कार्तिक अमावस्या के दिन वैसे तो भारतवर्ष समेत पूरी दुनिया में दीपावली होने के कारण दीपक जलाएं जाते हैं, लेकिन इसका कार्तिक अमावस्या में भी दीये जलाने की परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काटकर वापस लौटे थे। हालांकि, इस दिन दीये जलाने को लेकर और भी मान्यता है । कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान जब पितृगण धरती पर आते हैं, तो उन्हें फिर पितृ लोक पहुंचने में परेशानी न हो, इसी वजह से दीपक जलाकर प्रकाश किया जाता है। इस प्रथा का प्रचलन विशेष रूप से बंगाल में है।
निष्कर्ष
हिंदू धर्म में कार्तिक माह को बेहत ही खास माना गया है। कार्तिक माह के हर दिन को किसी न किसी त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इस पूरे महीने भगवान विष्णु और धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा होती है। कार्तिक अमावस्या इस माह के मध्य में पड़ती है। उम्मीद करते हैं, आप कार्तिक अमावस्या के महत्व को समझ गए होंगे।
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