दीवाली की पूजा कैसे करें?

पांच दिन चलने वाले दीवाली के पर्व को रोशनी का त्यौहार भी कहा जाता है। दीवाली के त्यौहार में पांच दिन धनतेरस, रुप चौदस, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज माने जाते हैं, प्रत्येक दिन अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। यह त्योहार विजयदशमी (दशहरा) के बीस दिनों के बाद आता है।

दीवाली के प्रथम दिन सनातन धर्म के अनुयायी घरों के बाहर रंगोली सजाकर और नए सामान खरीदकर धनतेरस मनाते हैं। अगले दिन, नरक चतुर्दशी के अवसर पर मां काली तथा यमदेव की पूजा की जाती है। पर्व के तीसरे दिन दिवाली अथवा दीपावली को भक्त मां लक्ष्मी की भगवान गणेश एवं मां सरस्वती सहित पूजा करती हैं। चौथे दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा कर भगवान कृष्ण को भोग लगाया जाता है। त्यौहार के अंतिम दिन भाई दूज को भाई-बहनों के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बहनें भाई को भोजन खिला कर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। आइए, दीवाली के पर्व के बारे में विस्तार से जानते हैं।

लोग दिवाली कैसे मनाते हैं? (How People Celebrate Diwali?)

हिंदू संवत के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या को दीवाली का पर्व मनाया जाता है। इस शुभ दिन पर लोग अपने घरों तथा मंदिरों को दीपकों के प्रकाश से रोशन करते हैं। बच्चे पटाखे चलाते हैं, महिलाएं घरों के बाहर सुंदर रंगोली बना कर सजावट करती है। पौराणिक आख्यानों के अनुसार भगवान राम 14 वर्ष का बनवास पूर्ण कर दीवाली के दिन ही अयोध्या लौटे थे। भगवान राम, सीता तथा लक्ष्मण को वापिस आया देख अयोध्यावासियों ने उस दिन पर्व मनाया था, इसी को कालांतर में दीवाली कहा जाने लगा।

दीवाली के दिन लोग आपस में मिलकर एक-दूसरे को बधाई देते हैं और मिठाईयों तथा उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। दीवाली के पर्व को मनाने के लिए लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, रंग रोगन कर उन्हें सजाते हैं। अपने निकट के मंदिरों में जाकर ईश्वर के दर्शन करते हैं तथा उनका आशीर्वाद लेते हैं।

अभी अपनी ऑनलाइन निःशुल्क जन्मपत्री डाउनलोड करें और अपने भविष्य की योजना स्मार्ट तरीके से बनाएं!

दिवाली पूजा का महत्व (Significance Of Diwali Puja)

इस दिन मां महालक्ष्मी, सरस्वती तथा गणेशजी की आराधना की जाती है। इनके साथ ही गोवर्धन पूजा के रूप में प्रकृति के महत्व को स्वीकार कर अपना सम्मान दर्शाया जाता है। पूजा के बाद अपने घर के बड़े लोगों से आशीर्वाद लेते हैं तथा अपने से छोटों को उपहार आदि देकर प्रसन्न किया जाता है। इस प्रकार दीवाली का पर्व सामाजिक रूप से सभी को एक-दूसरे से मिलने का अवसर देता है और आध्यात्मिक रूप से भी ईश्वरीय आशीर्वाद पाने की राह दिखाता है।

पर्व की शाम के समय लोग रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर घरों से बाहर निकलते हैं। वे दीयों और कलरफुल लाइट्स का उपयोग कर अपने घर को सजाते हैं। भक्त न केवल लक्ष्मी पूजा करते हैं बल्कि भगवान गणेश, भगवान सरस्वती, भगवान राम, भगवान हनुमान और धन के स्वामी कुबेर को भी सर्वोच्च सम्मान देते हैं। बच्चे तथा युवा त्यौहार पर पटाखे चलाते हैं और खूब मस्ती करते हैं।

विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में अपने घर पर लक्ष्मी पूजा का आयोजन करें, अभी किसी ज्योतिषी से बात करें!

लोग दीवाली पर नई चीजें खरीदना पसंद करते हैं (People Consider Diwali For Buying New Items)

भारतीय धर्मावलंबी दीवाली पर नया वाहन, नया घर अथवा नया सामान खरीदने को शुभ मानते हैं। विशेषकर धनतेरस के अवसर पर लोग सोने-चांदी तथा इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की खरीददारी करते हैं। इसके साथ ही इस अवसर को नया व्यापार आरंभ करने के लिए भी उत्तम माना जाता है। ईमानदारी से प्रार्थना के साथ भगवान की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और धन आ सकता है। बहुत से भक्त देवी लक्ष्मी के पैरों के निशान भी अपन घर के प्रवेश द्वार पर सजाते हैं, माना जाता है कि इससे घर में सौभाग्य का आगमन होता है। लोग अपने पुराने रत्नों को शहद, जल, दही तथा दूध से भी शुद्ध करते हैं।

दीपावली 2025 की तिथियां (Upcoming Dates For Deepawali 2025)

EventMuhurat
धनतेरस18 अक्टूबर 2025, शनिवार
रूप चौदस (अथवा नरक चतुर्दशी)19 अक्टूबर 2025, रविवार
दिवाली20 अक्टूबर 2025, सोमवार
नरक चतुर्दशी20 अक्टूबर 2025, सोमवार
गोवर्धन पूजा22 अक्टूबर 2025, बुधवार
भाई दूज22 अक्टूबर 2025, बुधवार

दिवाली पूजा कैसे करें (Steps To Perform Diwali Puja)

दिवाली पूजा बहुत ही सरल है। इस पूजा को निर्विघ्न रूप से और सही प्रकार किस तरह किया जाए, इसकी विधि यहां दी जा रही है:

  • सबसे पहले अपने पूजा कक्ष को धोकर साफ-सुथरा कर शुद्ध करें।
  • आप भी स्नान आदि कर हल्के रंग के स्वच्छ, धुले हुए वस्त्र पहन कर पूजा के लिए तैयार हो जाएं।
  • घर के मंदिर में विद्यमान देवी लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र को नमन कर उनके आगे धूपबत्ती तथा दीपक जलाएं।
  • देवी लक्ष्मी को मिठाई या खीर का प्रसाद चढ़ाएं।
  • अब ताजे कमल के फूल देवी लक्ष्मी की मूर्ति के सामने रखें और सच्चे मन से उनकी पूजा करें।
  • अपने घर को रंगोली से सजाएं और अपने घर में देवी लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए तोरण लटकाएं।

दिवाली पूजा से होने वाले लाभ (Benefits Of Organizing Diwali Puja)

दीवाली की पूजा करने से भक्तों को निम्न लाभ प्राप्त हो सकते हैं:

  • आपकी समस्त वित्तीय समस्याएं दूर हो जाएंगी तथा इनकम में बढ़ोतरी होगी।
  • आप अपने कॅरियर या प्रोफेशनल लाइफ में कामयाबी पा सकेंगे और तरक्की मिलेगी।
  • आप के पास धन की कमी नहीं होगा, मां लक्ष्मी और सरस्वती की कृपा से दूसरे लोग आपके ज्ञान और बुद्धि की प्रशंसा करेंगे।
  • आपमें आध्यात्मिक भाव जागृत होगा और आप धर्म के मार्ग पर अग्रसर होंगे।

समापन

दीवाली का पर्व अंधकार पर प्रकाश की विजय का पर्व है। इस दिन की जाने वाली पूजा से व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। लोग अपने निकट के मंदिरों में जाकर ईश्वर की आराधना करते हैं। अपने संबंधियों, मित्रों तथा परिजनों से मिलकर शुभकामनाएं देते हैं। आपको और आपके परिवार को दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं।

Also Read: बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड समेत कई राज्यों में दिवाली के बाद छठ पूजा मनाई जाती है। आइए इस विशेष पूजा के बारे में और जानें।

Choose Your Package to Get 100% Cashback On First Consultation