जानें क्या होता है वैदिक ज्योतिष में छठें भाव का महत्व
वैदिक ज्योतिष में शत्रु भाव ही छठे भाव के रूप में लोकप्रिय है। आपकी कुंडली के अन्य भागों की तरह ही यह भी बड़ा महत्व रखता है और यह अद्वितीय भी है। आमतौर पर इस भाव का संबंध आपके स्वास्थ्य और कल्याण से होता है। यही वजह है कि इसे रोग स्थान भी कहा जाता है। स्वस्थ मन एवं स्वस्थ शरीर के अलावा इस भाव का संबंध आपकी दैनिक आदतों, आपकी दिनचर्या और जिम्मेदारियों से भी होता है। हालांकि आपकी कुंडली का छठा भाव इस बात का निर्धारण करता है कि अपने जीवन में मिलने वाली चुनौतियों से आप किस तरीके से निबटते हैं। तो आपकी कुंडली के छठे भाव का वास्तव में क्या मतलब है, चलिए इसके बारे में अब हम पता करते हैं।
छठा भाव दर्शाता क्या है? (What does the 6th House Represent?)
- सेवा और रोजगार
- बाधाएं
- ऋण
- नौकर
- मातहत
- विश्वास
- शारीरिक बल
- कठिनाइयां
- चुनौतियों से लड़ने के लिए साहसी रवैया
- शत्रु
इस तरह से छठा भाव आपको प्रेरित करता है कि आप चुनौतियों से निपट सकें।।अपने रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर कर सकें। साथ ही अपनी जिंदगी से अनिश्चितताओं को भी आप हटा सकें और अंत में अपनी कोशिशों की वजह से दुश्मनों पर आपको विजय हासिल हो। इसके अलावा और अधिक दूरी तक जाने की आपकी क्षमता और शारीरिक बल पर भी वैदिक ज्योतिष में छठे भाव का ही नियंत्रण रहता है।
आपकी कुंडली को यह सहज तरीके से ठीक कर देने वाला होता है। जी हां यह भाव यह बताता है कि किस तरह की बीमारियों के प्रति आपका शरीर सबसे ज्यादा संवेदनशील है। इतना ही नहीं, इनसे ठीक होने में लगने वाले समय का भी अनुमान लगाया जाना मुमकिन है। इसके अलावा इसके जरिए यह संकेत मिल पाता है कि शरीर के वे कौन-से अंग हैं, जो बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं या जो चोटों का शिकार हो सकते हैं। हालांकि, आपकी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की शक्ति पर भी छठे भाव का ही नियंत्रण होता है।
आपको अपने जीवन में मिलने वाली बाधाओं, शत्रुता, चुनौतियों और ऋण आदि का ज्योतिष में छठा भाव प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए जब स्वाभाविक रूप से कोई अशुभ ग्रह छठे भाव में होता है, तो इस भाव के प्रतिकूल प्रभाव को यह कम कर देता है। साथ ही ग्रहों की स्थिति की वजह से प्रतिस्पर्धाओं, दैनिक जीवन की चुनौतियों एवं कार्यों में वांछित नतीजे भी मिल पाते हैं।
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अच्छे दिन और बुरे दिन हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा होते हैं। जब समय ज्यादा भाग्यशाली नहीं होता है, तो कुंडली के छठे भाव में ही आंतरिक शक्ति देने की ताकत मौजूद होती है। इस ताकत की वजह से बाहरी दुनिया से लड़ने के लिए आप एक सुपरहीरो की तरह सामने आते हैं। यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि छठे भाव में ग्रहों के अनुकूल प्रभाव की वजह से आप रियल एवेंजर्स बन सकते हैं।
कठिन वक्त में मजबूत रहें, जब छठा घर अनुकूल हो तो सब ठीक है।
अब आपको यह जानकारी हो गई है कि वैदिक ज्योतिष में छठे भाव की वास्तविक ताकत क्या होती है। अब यह जानने का वक्त है कि छठे भाव का स्वामी कौन है। सामान्य तौर पर छठे भाव का स्वामी बुध है, क्योंकि कन्या राशि शत्रुओं के भाव को नियंत्रित करती है। हालांकि, आपकी लग्न के आधार छठे भाव का स्वामी बदल भी सकता है। तो आइए छठे भाव और इसके स्वामी में स्थित राशियों के महत्व के बारे में हम अधिक जानकारी प्राप्त करते हैं।
ज्योतिष में छठे भाव का महत्व और आपके लग्न के आधार पर उनके स्वामी (Significance of the 6th House in Astrology and Their Lords Based on Your Ascendant)
मेष लग्न (Aries Ascendant)
छठे भाव में कन्या (Virgo in the sixth house): आपका छठा भाव कन्या राशि का है। ऐसे में आपकी कुंडली में छठे भाव का स्वामी बुध है। आप अपने पेशे को हमेशा प्राथमिकता देते हैं। अपने क्षेत्र में प्रगति करने के लिए आप सभी तरह की रुकावटों से पार पाते हुए आगे निकल जाते हैं। हालांकि, आपके कॅरियर में ऐसी कुछ ही जगह होती है, जहां कि आपको ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। इनमें शिक्षा और चिकित्सा जैसे क्षेत्र शामिल हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि आप एक बड़े ही व्यवहारिक व्यक्ति हैं। साथ ही आप हर चीज को तराजू पर तौलने वाले भी हैं। आपका कॅरियर कितना विकास कर रहा है, आप इसकी भी गणना करते रहते हैं।
स्वास्थ्य को लेकर आपको ज्यादा कुछ सोचने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह आपको चिंता करने की कोई वजह नहीं देने वाला। मेष राशि के होने की वजह से हर वक्त आप खाने-पीने के दौरान सतर्क रहते हैं। यही वजह है कि आप कोई भी ऐसी चीज नहीं खा सकते हैं, जो आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाए। नियमित रूप से आप व्यायाम करते हैं और यह आपकी दिनचर्या में प्राथमिकताओं में से एक होता है। इसलिए इस बात की पूरी संभावना है कि आपका स्वास्थ्य बहुत अच्छा बना रहेगा। आप एक खुशहाल जिंदगी जीते रहेंगे। यह तब तक चलता रहेगा, जब तक कि छठे भाव में कोई प्रतिकूल स्थान न आ जाए या फिर छठा भाव किसी अशुभ ग्रह के प्रभाव में न चला जाए।
वृषभ लग्न (Taurus Ascendant)
छठे भाव में तुला (Libra in the sixth house): आपका छठा भाव तुला राशि का है। इस तरह से आपकी कुंडली में छठे भाव का स्वामी शुक्र है। जिस तरीके से अपनी जिंदगी में आप संतुलन बना कर चलते हैं, वैसे में इसकी कोई भी बराबरी नहीं कर सकता है। जब भी आप कोई भी निर्णय लेते हैं, तो इससे पहले आप हर किसी का लाभ देख लेते हैं। इतना ही नहीं, आपके पास मौजूद चीजों को लेकर भी आप बड़े ही सतर्क रहते हैं। जब एक टीम के रूप में काम करने का अवसर आता है, तो आप एक बहुत ही अच्छे साथी की तरह पेश आते हैं। दूसरों के साथ मिलकर आप बहुत ही अच्छी तरह से काम कर लेते हैं।
इतना ही नहीं, टीम के अंदर सामंजस्य बनाए रखने के लिए भी आप अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते हैं। यही वजह है कि एक टीम लीडर के रूप में भी अक्सर आपको मौका मिलता रहता है। साथ ही अपनी निजी जिंदगी में भी आप बहुत ही अच्छी तरह से पेश आते हैं। तर्क-वितर्क जैसी चीजों से जब आप बचते हैं और परस्पर विरोधी स्थितियों को भी नजरअंदाज करते हैं, तो इससे आपका साथी आपसे बहुत ही खुश रहता है।
मिथुन लग्न (Gemini Ascendant)
छठे भाव में वृश्चिक (Scorpio in the sixth house): आपका छठा भाव वृश्चिक राशि का है। ऐसे में आपकी कुंडली में छठे भाव का स्वामी मंगल है। आप वास्तव में बड़े ही मेहनती लोगों में से एक हैं। आप अपने काम में बड़े ही मशगूल हो जाते हैं। अपने काम के प्रति आपका जुनून देखने लायक होता है। हालांकि, एक चीज यह भी है कि आपको अकेले काम करना ज्यादा पसंद होता है। किसी एक डेस्क पर जंजीर से बंध कर काम करना आपको बिल्कुल भी पसंद नहीं है। इससे आप दूरी बनाकर ही रखते हैं।
आपकी खास बात यह है कि चुनौतियों की ओर आप बड़े आकर्षित होते हैं। यही वजह है कि आपके लिए एक वैसे पेशे को चुनना ही सबसे बेहतर होता है, जिसमें चुनौतियां भरी होती हैं। साथ ही जिसमें थोड़ी-बहुत रचनात्मकता की भी जरूरत होती है। एक बार आपको जब यह मिल जाता है, तो इसके बाद अपनी जिंदगी में आप कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखने वाले हैं।
कर्क लग्न (Cancer Ascendant)
छठे भाव में धनु (Sagittarius in the sixth house): आपका छठा भाव धनु राशि का है। ऐसे में आपकी कुंडली में छठे भाव का स्वामी बृहस्पति है। आप एक सामाजिक प्राणी हैं। जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा। किसी भी तरह के सामाजिक समारोहों में आप बड़े ही सक्रिय तरीके से भाग लेते हैं। जो भी मेहमान यहां आते हैं, उनका भी आप बड़े ही गर्मजोशी से अभिनंदन करते हैं। यही वजह है कि लोगों को आपके पास रहने में बड़ा ही आनंद मिलता है।
इसमें कोई शक नहीं कि आप एक जीवंत व्यक्ति हैं। आप ऊर्जा से भरे हुए हैं। ऐसा इसलिए कि छठे भाव पर धनु राशि का प्रभाव है। इतना ही नहीं, जीवन के प्रति आपका दृष्टिकोण भी हमेशा सकारात्मक ही रहता है। यह आपकी सक्रिय जीवन शैली का ही नतीजा है कि स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी परेशानी आपके आसपास भी नहीं फटकती है। हालांकि, कई बार ज्यादा खा लेने से या अधिक शराब पी लेने की अपनी आदत की वजह से सेहत से जुड़ी कई बीमारियों की चपेट में आप आ सकते हैं।
सिंह लग्न (Leo Ascendant)
छठे भाव में मकर (Capricorn in the sixth house): आपका छठा भाव मकर राशि का है। इस तरह से आपकी कुंडली में छठे भाव का स्वामी शनि है। अपनी नौकरी का आप पूरा आनंद लेते हैं। आपको कौन-कौन से काम करने हैं, इसकी सूची हमेशा आपके हाथ में मौजूद रहती है। जब तक कि आप सभी काम को निबटा नहीं लेते, तब तक आपको बेचैनी महसूस होती रहती है। आपके लिए स्थिर या खाली बैठना एक बहुत ही मुश्किल काम है।
इसके अलावा आप जितने भी काम करते हैं, उनमें आप पूरी तरीके से अनुशासित रहते हैं। साथ ही आप सभी कामों को करने में पूरी तरीके से कुशल होते हैं। स्वास्थ्य के मोर्चे पर भी आप काफी जिम्मेवारी तरीके से पेश आते हैं। इसके बावजूद हड्डियों, नाखूनों और दांतों से संबंधित समस्याओं से आपको दो-चार होना पड़ सकता है।
कन्या लग्न (Virgo Ascendant)
छठे भाव में कुंभ (Aquarius in the sixth house): आपका छठा भाव कुंभ राशि का है। इस तरह से आपकी कुंडली में छठे भाव का स्वामी शनि है। आप एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो हमेशा नए विचारों और ऊर्जा से भरे रहते हैं। इतना ही नहीं, आपकी सोच भी हमेशा आगे बढ़ने की दिशा में ही रहती है। नए और रोमांच से भरपूर जिम्मेवारियों को उठाने के लिए आप हमेशा तैयार रहते हैं। आखिर आप तैयार रहेंगे भी क्यों नहीं? आपके पास ऊर्जा इतनी अधिक मात्रा में मौजूद है कि यह आपको कभी थकने ही नहीं देती।
मिथुन राशि वालों की तरह ही आप बड़े ही रचनात्मक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं। नए कार्य क्षेत्र में काम करने का आपके पास बड़ा बढ़िया विकल्प मौजूद रहता है। एक टीम के रूप में भी काम करना आपके लिए कभी भी चुनौतीपूर्ण नहीं होता। ऐसा इसलिए कि दूसरों के साथ काम करने में आपको बड़ा ही आनंद मिलता है। स्वास्थ्य के मोर्चे पर भी किसी भी तरह की बीमारी की चपेट में आने की आपकी बिल्कुल भी आशंका नहीं है, क्योंकि आप अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखते हैं और खानपान आदि भी बहुत ही अच्छी तरह से करते हैं। इतना ही नहीं, आप एक अनुशासित शेड्यूल का भी पालन करते हैं। ऐसा कभी भी नहीं होता है कि आप नियमित रूप से व्यायाम करना भूल जाएं।
तुला लग्न (Libra Ascendant)
छठे भाव में मीन (Pisces in the sixth house): आपका छठा भाव मीन राशि का है। इस तरह से आपकी कुंडली में छठे भाव का स्वामी बृहस्पति है। इस भाव में मीन राशि की वजह से आपको दिन में सपने आते हैं। साथ ही आप उस काम से दूरी बनाकर रहते हैं, जिसमें कि आपको ज्यादा मानसिक ऊर्जा की जरूरत पड़ती है। जब नौकरी करने की बात आती है तो आप वैसे ही विकल्प का चुनाव करते हैं, जिसमें कि आपकी रुचि हो।
अपनी जिंदगी में आप सभी चीजों को बहुत ही अच्छी तरीके से तैयार चाहते हैं। इसकी वजह से अपने काम को लेकर हो सकता है कि आपको चिंता अधिक हो। कुछ भी गलत होता है, तो आप बड़े ही बेचैन हो जाते हैं।
वृश्चिक लग्न (Scorpio Ascendant)
छठे भाव में मेष (Aries in the sixth house): आपका छठा भाव मेष राशि का है। ऐसे में आपकी कुंडली में छठे भाव का स्वामी मंगल है। अपने काम के प्रति आप ज्यादा ही प्रतिबद्ध होते हैं। तय समय सीमा के अंदर किसी भी काम को पूरा करने के लिए आप एड़ी-चोटी का जोर लगा देते हैं। यहां तक कि अपने लक्ष्यों को पाने के लिए और अपने सपनों को साकार करने के लिए आप आधी रात को भी उठकर काम में लग सकते हैं। पीछे की सीट पर बैठना आपको कभी भी मंजूर नहीं है। कहने का मतलब है कि आप हर काम में आगे रहना चाहते हैं और दूसरों से भी आप बिल्कुल ऐसे ही उम्मीद करते हैं।
आप बड़े ही अनुशासित तरीके से पेश आते हैं। आपका शेड्यूल गूगल कैलेंडर पर एकदम फिक्स होता है। आप बड़ी ही कठोरता से इसका पालन करते हैं। आप किसी के अंतर्गत काम करने की बजाय एक उद्यमी के रूप में या फिर एक फ्रीलांसर के रूप में काम करना अधिक पसंद करते हैं और यही आपके लिए अच्छा भी होगा। नियम और शर्तों के अनुसार किसी अनुबंध के आधार पर काम करना आपके लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। हालांकि, जब आप अनुबंध पर हस्ताक्षर कर रहे हैं तो इस दौरान किसी भी शर्त पर समझौता करने से आपको बचना चाहिए।
धनु लग्न (Sagittarius Ascendant)
छठे भाव में वृषभ (Taurus in the sixth house): आपका छठा भाव वृषभ राशि का है। इस तरह से आपकी कुंडली में शुक्र छठे भाव का स्वामी है। छठे भाव पर शुक्र के नियंत्रण की वजह से आपका जीवन काफी हद तक संतुलित बना रहेगा। यही वजह है कि जब व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के बीच संतुलन बनाने की बात आती है तो दूसरे भी आपसे सीखना और आपका अनुकरण करना शुरू कर देते हैं।
एक चीज यह भी है कि बिना रुचि के आप कोई भी काम नहीं करने वाले। अपने प्रियजनों के साथ आप अच्छा-खासा वक्त भी बिताने वाले हैं। अपने व्यस्त कार्यक्रम के बाद आप आराम करने के इच्छुक होंगे। आप जिंदगी को एक रेस मानकर नहीं चलते। यही वजह है कि जिंदगी में आप किसी भी चीज के पीछे भागने की बजाय अपनी खुद की गति और अपनी स्वतंत्र इच्छा से ही काम करेंगे।
मकर लग्न (Capricorn Ascendant)
छठे भाव में मिथुन (Gemini in the sixth house): आपका छठा भाव मिथुन राशि का है। ऐसे में आपकी कुंडली में छठे भाव का स्वामी बुध है। आप एक मिलनसार प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं। हालांकि, बहुत जल्द आप किसी भी चीज से घबरा जाते हैं। अपने काम के प्रति आप कुछ ज्यादा ही भावुक होते हैं। किसी भी काम को पूरा करने के लिए आप अपनी बुद्धि और अपनी रचनात्मकता का भी इस्तेमाल करते हैं।
आपको नीरस और उबाऊ नौकरियों में बिल्कुल भी रुचि नहीं होती है। अपनी जिंदगी में अनोखा काम करने को लेकर आप हमेशा बड़े ही उत्साहित रहते हैं। आप अपनी बुद्धि और कलात्मक कौशल का उपयोग हमेशा कर सकते हैं।
कुंभ लग्न (Aquarius Ascendant)
छठे भाव में कर्क (Cancer in the sixth house): आपका छठा भाव कर्क राशि का है। ऐसे में आपकी कुंडली में छठे भाव का स्वामी चंद्रमा है। अपने पेशे के प्रति आप पूरी तरह से समर्पित होते हैं। आपके लिए यह सिर्फ एक नौकरी नहीं होती, बल्कि इसे आप अपनी जिंदगी का एक बड़ा ही महत्वपूर्ण हिस्सा मानते है।
जब भी आप अपने काम के दौरान अपने क्षेत्र में किसी उपलब्धि को हासिल कर लेते हैं, तो आपकी खुशी देखने लायक होती है। साथ ही आप और अधिक काम करने के लिए प्रेरित भी हो जाते हैं। वैसे, घर की सफाई करना, गाड़ी चलाना, भोजन तैयार करना और कई तरह की सांसारिक गतिविधियों में लिप्त होना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। बेहद चुनौतीपूर्ण और तनावपूर्ण काम की वजह से आपका दिमाग थोड़ा अस्वस्थ हो सकता है।
मीन लग्न (Pisces Ascendant)
छठे भाव में सिंह (Leo in the sixth house): आपका छठा भाव सिंह राशि का है। इस तरह से आपकी कुंडली में छठे भाव का स्वामी सूर्य है। आपको इस बात पर बड़ा ही गर्व महसूस होता है कि इन राशियों के लोग अपने काम पर गर्व महसूस करते हैं। उन्हें जो भी काम दिया जाता है, वे बड़ी ही खुशी और उत्साह के साथ उसे पूरा करते हैं। जब उनका कोई काम सफल नहीं हो पाता है, तो ऐसे में उन्हें सुस्ती महसूस होने लगती है। साथ ही वे खुद को अस्वस्थ भी महसूस करते हैं। इस तरह के लोगों को वैसी ही नौकरी तलाशने की जरूरत होती है, जहां पर कि वे रोजाना नए-नए प्रयोग कर सकें।
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छठे भाव में शुक्र (Venus in the Sixth House)
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ऐसी स्थिति में मंगल खुश नहीं होता है। वैसे, आप बड़े ही मेहनती हैं और आपके अधीन रहकर जो लोग काम कर रहे हैं, उनसे भी आपको बड़ी उम्मीदें हैं। जब तक आप पूरी तरीके से थक नहीं जाते, तब तक आप कोशिश करना और अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल करना बंद नहीं करने वाले हैं। दूसरों से निर्देश लेना आपको अपनी जिंदगी में बिल्कुल भी पसंद नहीं है। आखिर ऐसा हो भी क्यों नहीं? आपकी काम करने की अपनी खुद की अलग शैली जो है। और पढ़ें…
छठे भाव में बुध (Mercury in the Sixth House)
आप किसी भी काम को करने के लिए जितनी भी कोशिश कर सकते हैं, उसकी बराबरी कर पाना किसी के लिए भी बहुत ही मुश्किल है। इसलिए आपको सबसे मेहनती व्यक्ति कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा। यही वजह है कि आपकी जो दोस्तों की मंडली भी बनी हुई है, उसमें भी सभी का रवैया और उनकी योग्यता बिल्कुल आपकी ही तरह हो सकती है। एक और बात ध्यान देने वाली यह है कि दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए आपको बिल्कुल भी परफेक्ट बनने की जरूरत नहीं है। आपको लोग वैसे ही प्यार करते हैं, जैसे आप हैं। और पढ़ें…
छठे भाव में शनि (Saturn in the Sixth House)
यहां शनि बहुत ही सहज है। आप काम में डूबे रहने वाले व्यक्ति हैं। अपने पेशे को आप बहुत ही गंभीरता से लेते हैं। हालांकि, आप काम करने के लिए नहीं जीते, बल्कि जीने के लिए आप काम करते हैं। आपके अंदर जिम्मेवारियों को निभाने की प्रबल भावना मौजूद होती है। इन जिम्मेवारियों को पूरा करने के लिए आप इसमें पूरी तरीके से व्यस्त हो जाते हैं। अनावश्यक चीजों के लिए आपके पास जिंदगी में बिल्कुल भी वक्त नहीं रहने वाला है। वैसे, अपने आपको थोड़ा हल्का करना और दुनिया की खूबसूरती का भी आनंद उठा लेना आपके लिए बेहतर होगा। और पढ़ें…
छठे भाव में राहु (Rahu in the Sixth House)
राहु की यह स्थिति अपने जीवन में चल रहे संघर्ष का प्रबंधन करने के लिए बहुत ही अच्छी है। किसी एसोसिएशन के साथ काम करने के दौरान आपको लाभ मिलेगा और संघर्षों को भी आप सुलझा पाएंगे। आपके अंदर दूसरों की मदद करने की भी तीव्र इच्छा रहती है। यही वजह है कि आप किसी एनजीओ में शामिल हो सकते हैं या फिर समाज के कमजोर वर्ग की मदद के लिए आप अपना खुद का एक एनजीओ भी शुरू कर सकते हैं। आपके लिए बेहतर यही होगा कि बिना किसी उद्देश्य के तर्क-वितर्क में पड़ने से बचें। और पढ़ें…
छठे भाव में केतु (Ketu in the Sixth House)
अपनी जिंदगी में हमेशा बेहतर करने के लिए आप बड़े ही सजग रहते हैं। वैसे, पिछली घटनाओं से आप सीख सकते हैं और उन्हें दोहराने से आप बचने की कोशिश भी कर सकते हैं। अपने स्वास्थ्य का आप आनंद लेने वाले हैं। आपका शरीर भी मजबूत बना रहेगा। यदि कोई छोटी-मोटी बीमारी है भी तो अपने स्वास्थ्य की चिंता करने की आपको जरूरत नहीं है। वह इसलिए कि छठे भाव में केतु के प्रभाव की वजह से आपके स्वस्थ हो जाने की पूरी संभावना है। और पढ़ें…
यह जरूरी नहीं कि छठा भाव हमेशा खराब ही हो। हालांकि इसके पीछे कई वजहें मौजूद हैं। आइए सभी का पता लगाएं।
खराब क्यों होता है छठा भाव (Why is the 6th house bad)?
वैदिक ज्योतिष में छठा भाव जिंदगी में कई तरह की समस्याओं को लेकर आता है। वैसे, यदि इसके सबसे अच्छे नतीजों के बारे में बात करें, तो यह हमें कर्म का पाठ पढ़ाता है, जिससे कि हम अच्छे के लिए अपने आप को बदल सकें। देखा जाए तो समस्याएं हमारी जिंदगी का हिस्सा हैं और छठे भाव के बुरे प्रभाव की वजह से हमारी जिंदगी में शत्रु, बीमारियां और ऋण से जुड़ी समस्याएं आ सकती हैं।
जिंदगी में असंतुलन की भी स्थिति पैदा हो सकती है। वैसे तो इसे नकारात्मक भाव माना जाता है, फिर भी यह वित्तीय त्रिकोण के भावों में से एक है। कुशल जातकों को अच्छी आमदनी होने की पूरी संभावना है। साथ ही छठे भाव में स्थित अशुभ ग्रहों की वजह से कुछ परिस्थितियों में शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं।