चतुर्थ भाव में केतु मां के साथ रिश्ते करता है प्रभावित
कुंडली के चौथे घर में केतु, यह किस तरह के प्रभाव दिखाएगा, क्या परिणाम हमें देखने को मिलेंगे। यह जानना बहुत आसान काम नहीं है। इसके लिए हमने विद्वान ज्योतिष विशेषज्ञों की टीम को बुलाया। पूरी टीम ने हर पहलु का विश्लेषण किया। हर बात का बारीकी से अध्ययन किया। सामने आया कि चतुर्थ भाव में बैठा अशुभ ग्रह केतु आप पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव डाल सकता है।
इस ग्रह की छाया आपके आपकी माता के बीच खड़ी हो सकती है, यह संबंधों को बिगाड़ सकती है। ऐसे में आपको अपनी मां के साथ अपने संबंधों के बारे में सावधान रहना चाहिए। अगर बात सकारात्मक पक्ष की करें तो केतु आध्यात्मिकता, महत्वाकांक्षा और खुले विचारों का अहम कारक है। यह आपको जादूगर या जांच अधिकारी बनने में मदद करेगा।
केतु चतुर्थ भाव में हो तो क्या होता है?
चौथे भाव में केतु आपके जीवन में कोई बड़ी समस्या नहीं ला सकता है लेकिन आपके और आपकी मां के रिश्ते को नुकसान पहुंचाएगा। इसका मतलब है कि केतु आपकी मां के संबंधों को गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए यह आपको मां से दूर कर सकता है, विदेश जाने का कारण भी बन सकता है। आप चंद्रमा को भी जिम्मेदार ठहरा सकते हैं। चतुर्थ भाव के स्वामी चंद्रमा के साथ केतु के मैत्रीपूर्ण संबंधों के कारण यह संभव हो सकता है।
यदि केतु अपने शत्रु चंद्रमा के घर में प्रवेश करता है, तो इसके परिणामस्वरूप माता का बच्चों से अलगाव हो सकता है। आपको संपत्ति का नुकसान भी झेलना पड़ सकता है। आप आक्रामक हो सकते हैं, इसका असर आपकी मां के स्वास्थ्य पर हो सकता है।
यह न केवल आपकी माता के साथ संबंध बिगाडऩे बल्कि परिवार और दोस्तों के साथ भी रिश्तों में खटास पैदा कर सकता है। इसे इस तरह भी ले सकते हैं कि यह आपको माता के साथ अपने संबंधों की महत्ता का अहसास करवाता है। ऐसा होने पर आपको अपनी माता की विरासत में मिली संपत्ति से लाभ मिल सकता है।
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चतुर्थ भाव में केतु का प्रभाव
- धन और समृद्धि
- लाइफ स्टाइल
- आध्यात्मिकता
- मां से संबंध
चतुर्थ भाव में केतु, व्यक्तित्व पर प्रभाव
केतु मानसिक और मनोवैज्ञानिक रूप से अशांति का कारण बन सकता है। इस ग्रह की छाया आपकी सोचने की क्षमता और समझने की शक्ति दोनों को प्रभावित कर सकती है। तुरंत और प्रभावी निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होगी। धीरे धीरे आपकी अध्यात्म में रुचि कम होने लगेगी।
यदि केतु चतुर्थ भाव में चंद्रमा के साथ युति बना रहा है, तो यह आपकी मानसिक क्षमताओं, समृद्धि और बुद्धि को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। केतु के चौथे भाव में गोचर के कारण आप अकेलापन और अलग-थलग महसूस कर सकते हैं। आपके मन में नकारात्मक विचार आ सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ आप सामाजिक कार्यों में सक्रिय रह सकते हैं। दूसरे लोग आपकी सलाह पर अमल करना चाहेंगे। इसके चलते आप एक प्रसिद्ध व्यक्तित्व के रूप में भी पहचाने जा सकते हैं।
चतुर्थ भाव में केतु का विवाह पर प्रभाव
चौथे भाव में केतु के होने का मतलब है कि आपका प्रेम जीवन नीरस हो सकता है। केतु और चतुर्थ भाव की यह युति आपको जीवनसाथी से दूर रख सकती है। आपके रिश्ते में समर्थन और विश्वास की कमी के कारण आपके साथी से अलग होने या टूटने की संभावना है। इसके साथ ही हो सकता है कि आप अपने जीवनसाथी के साथ अंतरंग संबंध का आनंद न ले पाएं। चतुर्थ भाव केतु के कारण संतान प्राप्ति में परेशानी हो सकती है।
महिला जातक का स्वास्थ्य अस्थिर रहेगा। यदि आपने अरेंज मैरिज की है तो केतु का चौथे घर में होना कुछ अनुकूल परिणाम दे सकता है। वहीं अगर आप लव मैरिज करते हैं तो मुश्किलें ज्यादा आ सकती है। चौथे भाव में केतु आपकी मां के साथ-साथ आपके जीवनसाथी के साथ भी संबंध खराब कर सकता है।
चतुर्थ भाव में केतु का कॅरियर पर प्रभाव
कॅरियर के मामले में केतु जातकों के जीवन में व्यवधान डाल सकता है। राहत की बात बस यही है कि यह आपको विदेशों में अपनी शिक्षा पूरी करने में मदद कर सकता है। चौथे घर में केतु के जातक उच्च अध्ययन के लिए विदेश यात्रा कर सकते हैं। इसके अलावा आप विदेश में रहकर अच्छी कमाई करने में भी सफल हो सकते हैं।
चौथे भाव में केतु की उपस्थिति आपकी प्राथमिक शिक्षा को तो प्रभावित नहीं कर सकती है, लेकिन बाद में उच्च शिक्षा में यह चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है। आप बहुराष्ट्रीय कंपनी में मुख्य कार्यकारी या बॉस बन सकते हैं। आप प्रकाशन या सूचना विभाग में काम कर सकते हैं।
चतुर्थ भाव में केतु तो क्या करें उपाय
चौथे घर में केतु के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए ये उपाय अपनाए जा सकते हैं:
- गरीब और जरूरतमंद लोगों को गर्म कपड़े दान करें
- अपने गुरु के निर्देशों का पालन करें
- पालतु पशु यानी कुत्ते बिल्ली आदि को पालें
- अपने घर के मंदिर में ताजे पीले फूल चढ़ाएं
- केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए चांदी को किसी भी रूप में धारण करें
समापन
चतुर्थ भाव में केतु के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों में हमने समझा। चतुर्थ भाव में केतु के लाभ हैं कि यह आपकी विदेश की पढ़ाई पूरी करने में आपकी मदद कर सकता है और आपको अपनी मां के संबंधों के प्रति सजग बना सकता है। आपकी अरेंज मैरिज है तो आपको सकारात्मक परिणाम दे सकता है। वहीं, दूसरी तरफ मां के साथ मधुर संबंध बनाने में आपको बेहद मुश्किल होगी। कॅरियर और प्रोफेशन में अधिक बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। एक अशुभ ग्रह होने के बाद भी केतु राहु जितना दुर्भावनापूर्ण नहीं है क्योंकि इसमें कुछ सकारात्मक लक्षण भी हैं।