कुंडली के दसवें भाव में शनि (Saturn) होने का प्रभाव
शनि (Saturn) को क्रूर ग्रहों में से एक माना जाता है, जो दुख, असंतोष और भ्रम के लिए जिम्मेदार है। शनि (Saturn) कुंडली में कितने भी अशुभ क्यों न हो, लेकिन फिर भी वे न्याय के स्वामी के रूप में जाने जाते हैं। कहा जाता है की शनि (Saturn) देव व्यक्ति के कर्मों का हिसाब करते हैं, उसी के अनुसार वे जातक को दंड देते हैं। यदि व्यक्ति अपने कर्मों को सुधार लेता है, तो उन्हने कभी भी शनि (Saturn) देव के दंड का सामना नहीं करना पड़ता है। आप कड़ी मेहनत करके शनि (Saturn) को प्रसन्न करने में सफल होते हैं, तो यह आपको सफलता और आरामदायक जीवन प्राप्त करने में मदद करेगा।
खगोलशास्त्र में शनि (Saturn) को एक अशुभ ग्रह माना जाता है। इनको अशुभ इसलिए माना जाता है, क्योंकी यह सुनिश्चित करते हैं, की आप कम उम्र से ही संघर्ष करना शुरू कर दें। यह आपको सिखाते है, की अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों से कभी भी भागना नहीं चाहिए। यदि शनि (Saturn) कुंडली में शुभ है। तो यह आपको ऑफिस में टॉप पोजीशन भी दिलाते हैं। इसके साथ ही यह आपको प्रमोशन भी दिलवाते है।
कुंडली के दसवें भाव में शनि (Saturn) देव होने से व्यक्ति कॅरियर के मामले में लकी होता है, लेकिन इसके लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी। इस भाव में शनि (Saturn) देव हमेशा निगेटिव रिजल्ट नहीं दे पाते। दसवें भाव का शनि (Saturn) आपको अपनी पसंद का कॅरियर बनाने में मदद करता है। आप अपनी प्रोफेशनल लाइफ में शनि (Saturn) की वजह से लकी रहते हैं। यहां पर शनि (Saturn) आपको मेहनत का फल जरुर देता है। यदि शनि (Saturn) खराब ग्रहों से पीड़ित है, तो सफलता में देरी हो सकती है। इस योग के बारे में और अधिक जानने के लिए इस आर्टिकल को पढ़े।
दसवें भाव में शनि (Saturn) का अर्थ
दसवां भाव प्रोफेशन, कॅरियर और बिज़नेस से जुड़ा होता है। राशि चक्र में शनि (Saturn) मकर राशि का स्वामी है, जो दसवें भाव का प्रतिनिधित्व करता है। यहाँ पर शनि (Saturn) होने की वजह से व्यक्ति को कॅरियर में सफलता का स्वाद कड़ी मेहनत के बाद ही मिलता है। जब इसका स्वाद आपको चखने के लिए मिलता है। तब आप अपने सारे संघर्षों को भूल जाते हैं और सुखद अनुभूति महसूस करते हैं। इसके अलावा, दसवां भाव पिता के साथ संबंध का भी प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए यह स्थान पिता और पुत्र के संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकता है। शनि इस भाव में अशुभ हुआ तो पिता और पुत्र में हमेशा अनबन रहती है।
यहां दसवें भाव का स्वामी होने के कारण शनि (Saturn) अपने पसंद के कॅरियर लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि शनि (Saturn) दसवें भाव में है, तो बारहवां भाव जो की विदेश के मामलों से जुड़ा है, शनि (Saturn) की दृष्टि में रहेगा। इसलिए यह संभव है कि शनि (Saturn) अन्य विदेशों में मनचाही नौकरी खोजने में भी आपकी मदद कर सकता है। आप अपने घर से मीलों दूर रहकर भी उच्च पद प्राप्त कर सकते हैं, और अपने काम से पहचान भी बना सकते हैं।
यदि दसवें भाव में शनि (Saturn) धनु या मीन राशि में हो और मंगल की दृष्टि उस पर न हो तो यह मोक्ष प्रदान कर सकता है। इसके अलावा, यदि यह मित्र ग्रहों के साथ युति कर रहे हैं तो, कॅरियर में सफलता आपको निश्चित ही मिलती है। लग्न से दसवें भाव में शनि (Saturn) वाले जातक अपने कॅरियर में अच्छे परिणाम की उम्मीद कर सकते हैं, और अपनी फाइनेंसियल स्टेट्स को मजबूत कर सकते हैं।
दसवें भाव में शनि (Saturn) का प्रभाव
- प्रोफेशन और ऑक्यूपेशन
- हायर स्टडीज
- लीडरशिप स्किल
- मैनेजिंग स्किल
अपने कॅरियर और प्रोफेशन से जुड़ी संभावनाओं के बारे में पता करने के लिए अभी अपनी कुंडली हमारे ज्योतिषी को दिखवाएं।
दसवें भाव में शनि (Saturn) का व्यक्तित्व पर प्रभाव
दसवें भाव में शनि (Saturn) होने की वजह से जातक अपने जीवन में कुछ बड़ा हासिल करने के लिए आशावादी दृष्टिकोण रखते हैं। जिसकी वजह से कितनी भी समस्या जीवन में हो आप आशा का दामन नहीं छोड़ते है। आप किसी भी काम को बेहतर तरीके से समय सीमा के पहले कर देते हैं। यह आपकी बहुत बड़ी खूबी होती है। अपने कामों की वजह से आप इतनी ख्याति पाते हैं, की लोग आपके पद चिन्हों पर चलना पसंद करते हैं। आपके पास एक अच्छी समझ और लीडरशिप स्किल भी होती है। यदि कोई आपको जिम्मेदारियां देता है तो आप उसे बिना किसी बहाने के पूरा करते हैं। आपकी यह खूबी हमेशा आपको सबसे आगे रखती है।
यदि आपके काम पर किसी का ध्यान नहीं जाता है, तो आप बहुत जल्दी बोर हो जाते हैं, अन्य कामों को करने में भी टालमटोल कर सकते है। कहने का मतलब यह है, की यदि आपके काम को लोग नोटिस नहीं करते हैं, आपकी मेहनत की तारीफ नहीं करते हैं तो आपको फिर काम करने में मजा नहीं आता है। इस भाव में शनि (Saturn) होने की वजह से हो सकता है, की आपकी सोशल लाइफ पर निगेटिव प्रभाव पड़ सकता है। आपको अपने दोस्तों या करीबी लोगों का भरपूर समर्थन मिल सकता है। संघर्ष के बाद आपको पावर और समाज में अच्छी स्थिति मिल सकती है।
दसवें भाव में शनि (Saturn) का विवाह पर प्रभाव
शनि (Saturn) की दसवें भाव में यह युति इस बात का संकेत देती है, कि आप अपने वैवाहिक संबंधों में अपने साथी के साथ अच्छा समय बिताएंगे। इसके आलावा आप अपनी जॉब और बिज़नेस में अधिक व्यस्त रहने की वजह से अपने जीवन साथी को समय देना भी भूल सकते हैं। जिसकी वजह से कई तरह की परेशानी सम्बन्धों में आ सकती हैं। आप अपने साथी के साथ आपसी संबंध विकसित करने में भी असफल हो सकते हैं। अपने पार्टनर के साथ आपको अच्छी फिजिकल केमिस्ट्री की भी कमी महसूस हो सकती है।
शनि (Saturn) दसवें भाव में होने की वजह से व्यक्ति के जीवन में मैरिज से जुड़ी समस्या हो सकती है। आपकें पार्टनर को भी बच्चे के जन्म के समय सेहत से जुड़ी हुई, कुछ परेशानी भी पैदा कर सकता है। आपके वैवाहिक जीवन में हमेशा अप और डाउन बना ही रहता है। अपने प्यार में नयापन महसूस न होने की वजह से यह लोग थोड़ा अकेलापन और निराशा महसूस कर सकते हैं। यदि शनि (Saturn) दसवें भाव में स्थित है, तो यह आपको दाम्पत्य संबंधों में अतिरिक्त प्रयास करने के लिए कहेगा। तभी जाकर रिश्ते मधुर होंगे।
दसवें भाव में शनि (Saturn) का कॅरियर पर प्रभाव
दसवें भाव में शनि (Saturn) होने की वजह से व्यक्ति कॅरियर में सफलता की ओर धीरे-धीरे बड पाते हैं। आप कितने ही धीरे सफलता की ओर कदम बढ़ाए, पर आप कभी निराश और हताश नहीं होते है। जिसकी वजह यह है की आप सिर्फ लक्ष्य को देखते हैं। इस भाव में शनि (Saturn) होने की वजह से यह व्यक्ति को अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करते है। जब तक आप 35 वर्ष के नहीं हो जाते, तब तक आपको अपने कॅरियर में कई तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। उसके बाद, आप अपने आप को सफलता के एक इंच करीब पाएंगे, क्योंकि आपके प्रयास व्यर्थ नहीं जा सकते हैं।
कॅरियर और बिज़नेस की दृष्टि से शनि (Saturn) का दसम भाव में होना बहुत अच्छा माना जाता है। आप अपनी एजुकेशन को आगे बढ़ाते जाते हैं। व्यक्ति को अपनी पढ़ाई की वजह से विदेश में भी अच्छी नौकरी मिल सकती है। आप 40 वर्ष की आयु के बाद अपने पैसो से जुड़ी हुई हर समस्या का समाधान पा सकते हैं, अच्छी संपत्ति प्राप्त कर सकते हैं। शनि (Saturn) दसम भाव में होने की वजह से व्यक्ति अपने ऑफिस में भी अच्छा ओहदा पा सकता है।
दसवें भाव में शनि (Saturn) के उपाय
दशम भाव में शनि (Saturn) के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए कुछ उपाय बताने जा रहे हैं। जिन्हें अपनाकर आप लाभ पा सकते हैं।
- शनिवार को जाएं शनि मंदिर में जाकर दर्शन करें।
- गरीबों को चावल और अनाज का दान दें।
- हर शनिवार को भैंस या घोड़े को कुछ खाने दें।
- हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
अपनी कुंडली में शनि (Saturn) ग्रह के बारे में जानने के लिए, अभी हमारे ज्योतिषी से सम्पर्क करें।
निष्कर्ष
संक्षेप में कहें तो दशम भाव में स्थित शनि (Saturn) अपने जातकों के लिए काफी मददगार होते हैं। इस भाव में शनि (Saturn), आपकी वर्किंग स्ट्रेटेजीज और मैनेजिंग स्किल पर नजर रखते हैं। उसी के अनुसार यह अच्छे या बुरे परिणाम देते हैं । दसम भाव में शनि (Saturn) देव राजा होते हैं, क्योंकि यह भाव कॅरियर और बिज़नेस के घर का मालिक होता है। अपना मनमुताबिक कॅरियर पाने के लिए आपको शनि (Saturn) की सहमति की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, दसवें घर का शनि (Saturn) आपके शादीशुदा जिन्दगी में ज्यादा दखल नहीं देता है। हालांकि जीवन में आपको छोटी-मोटी समस्याएं और जीवनसाथी के साथ असंतोष हो सकता है।