Marriage Life vastu: सुखद वैवाहिक जीवन के लिए अपनाएं वास्तु के उपाय

आमतौर पर कहा जाता है कि शादी दो लोगों के बीच का बंधन है। यह दो अलग- अलग लोगों के जीवन को आनंदमय बनाने का एक जरिया है। इसे दो व्यक्तियों के मिलन के साथ ही दो आत्माओं को मिलन भी कहा गया है। यही कारण है कि जब भी आप अपने जीवन साथी का चयन करें तो अपनी पूरी चेतना को काम में लें। अपने पूरे प्रयास करें। हमारे समग्र प्रयास करना बेहद जरूरी हैं। हिंदू परंपरा के अनुसार, बचपन और शिक्षा के बाद विवाह जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण चरण कहा जाता है। इसी तरह वास्तु में भी विवाह को महत्वपूर्ण कहा गया है। वास्तु में विवाह के लिए बताया गया है कि यह पवित्र रिश्ता स्वर्ग में बनाया जाता है।

शादी का संबंध, दो अलग अलग व्यक्तियों के मिलन का प्रतीक होता है, यह मिलन में जीवन में कई बाह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसा कई बार वर या वधू मिलना मुश्किल हो जाता है। लोगों को अपने लायक लड़के या लड़कियां तलाश के बावजूद नहीं मिल पाते हैं। ज्यादातर समय कुंडली में ग्रह संबंधी समस्याएं विवाह संबंधी समस्याएं पैदा करती हैं। वहीं दूसरी तरफ यह भी देखा गया है कि आपके घर में वास्तु दोष विवाह में देरी का एक और प्रमुख कारण हो सकता है।

वास्तु शास्त्र कई मायनों में हमारे जीवन से जुड़ा हुआ होता है और विवाह जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक माना जाता है। विवाह में देरी होना या बेजोड़, बेमेल साथ से विवाह होना वास्तु दोष के कारण हो सकता है।

यदि आपके बच्चों को जीवन साथी नहीं मिल पा रहा है, तो आपको वास्तु शास्त्र में बताए अनुसार विवाह के लिए सर्वश्रेष्ठ वास्तु युक्तियों का चयन करना चाहिए। इन उपायों को अपनाना चाहिए। शादी करने के लिए कुंडली का विश्लेषण और मिलान करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसा कहा जाता है कि आपकी शादी में देरी के लिए स्थान और ग्रहों की चाल में बदलाव जिम्मेदार हो सकते हैं। वे विवाह की वजह के तौर पर सामने आ सकते हैं।


वैवाहिक जीवन के लिए वास्तु गाइड

वास्तु शास्त्र जीवन में मौजूद बुरे प्रभावों को समाप्त करता है और आपके घर को रहने के लिए एक सकारात्मक स्थान बनाता है। एक सकारात्मक और सामंजस्यपूर्ण माहौल होने पर आपको सहज वातावरण मिलता है। यह आपके प्यार को खिलने में मददगार साबित होता है और जोड़ों के बीच एक बंधन को मजबूत करता है। विवाह के लिए वास्तु टिप्स के अनुसार यदि आप वास्तु मानदंडों का सख्ती से पालन करते हैं, तो आप बेहतर जीवन जी सकते हैं और ये टिप्स आपके जीवन से परेशानियों को दूर करने में मदद कर सकते हैं। स्वस्थ और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स नीचे दिए गए हैं।

  • वास्तु शास्त्र सलाह देता है कि एक जोड़े के बीच विचारों की स्पष्टता और बातों में सरलता होनी चाहिए। सुखी वैवाहिक जीवन के लिए पारदर्शिता होना बेहद महत्वपूर्ण है। अपने रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए आप घर के अंदर उत्तर-पूर्व कोने में नीले या बैंगनी रंग को दीवारों पर सजा सकते हैं। इस रंग की दीवारों रिश्तों में सहजता लाने का काम करती हैं।
  • दक्षिण-पूर्व स्थान रसोई के लिए एकदम सही है। यह दिशा अग्नि तत्वों के लिए जानी जाती है। इसलिए, यह महिला की मानसिक और शारीरिक स्थिति को स्थिर रखने में मदद करता है। किचन की दीवारों पर ऑरेंज कलर के पेंट का इस्तेमाल करें।
  • मास्टर बेडरूम का निर्माण घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में करना चाहिए। मनुष्य को इस दिशा में सोना चाहिए क्योंकि यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है और मन को शांत और स्थिर रखता है।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार गहरा नीला और भूरा रंग बच्चों के कमरे के लिए सबसे अच्छा रहता हैं। आप गेस्ट रूम को ब्लू या पर्पल कलर से भी सजा सकते हैं। आप इन रंगों का इस्तेमाल कमरे की दीवारों को सजाने या पेंट करने में कर सकते हैं।
  • अपने लैंपशेड को लाइट करने के लिए सॉफ्ट शेड्स या पेस्टल टोन का चुनाव करना चाहिए। शादी के लिए वास्तु टिप्स के अनुसार गुलाबी और हल्के फूलों के रंग आपके कमरे को सजाने के लिए आदर्श रंग माने जाते हैं।
  • दक्षिणी कोना एक मास्टर बेडरूम बनाने के लिए एकदम सही रहता है। बिस्तर को कमरे के दक्षिण क्षेत्र या दक्षिण-पश्चिम कोने में रखना चाहिए। प्रेम विवाह के लिए वास्तु टिप्स के अनुसार बिस्तर को इन दोनों दिशाओं के बीच में नहीं रखना चाहिए क्योंकि इससे पार्टनर के बीच झगड़ा हो सकता है।
  • शादी के मामले में वास्तु यह भी सलाह देता है कि नुकीले किनारे या कोने जोड़कर तैयार किया गया बेडरूम आदर्श नहीं माना जाता है। बेडरूम का आकार या तो समकोण या चतुष्कोणीय होना चाहिए।
  • धातु या मेटल से बने बिस्तर पर सोने से बचना चाहिए क्योंकि यह नकारात्मकता लाता है। इससे आपकी रातों की नींद हराम हो सकती है, आपको परेशान कर सकती है।
  • सिंगल या क्वीन साइज शयन कक्ष के लिए आदर्श माने जाते हैं। लेकिन, बेडरूम में दो जुड़े हुए बिस्तर या गद्दे की सिफारिश वास्तु शास्त्र कभी नहीं करता है।
  • शयनकक्ष के लिए दक्षिण-पश्चिम कोना एकदम सही माना जाता है। दीवार को गुलाबी या आड़ू रंगों से सजाना चाहिए। हल्के रंग सुखद अनुभूति देते हैं और कमरे में रोमांस और सामंजस्यपूर्ण रूप की भावना पैदा करते हैं।
  • मास्टर बेडरूम में किसी भी तरह का शीशा रखने से बचें। यह दोनों जीवन साथियों के बीच तनाव पैदा कर सकता है और कमरे से सकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकाल सकता है। अगर आपके बेडरूम में शीशा है तो उसे ढक कर रखें।
  • कमरे के उत्तर-पूर्व क्षेत्र को पूरी तरह साफ सुथरा रखें। इसमें अनावश्यक चीजों का जमावड़ा नहीं रखना चाहिए। पत्रिकाओं, पत्रिकाओं और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को उचित स्थान पर रखना  बेहतर होता है।
  • जीवनसाथी के साथ संबंध को और भी बेहतर करने के लिए घर के अंदर कुछ पौधे लगा सकते हैं। उत्तर-पूर्व क्षेत्र में सफेद रंग के फूल लगाए जा सकते हैं। जबकि दक्षिण-पश्चिम दिशा में लाल और बैंगनी रंग के गुलाब सबसे अच्छे होते हैं। फूल एक कमरे की सुंदरता को और भी बढ़ा देते हैं। उनकी  ताजा सुगंध वातावरण को शांत और सुखदायक रखती है।
  • शयन कक्ष में कंप्यूटर, टेलीविजन और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बेडरूम में नहीं रखने चाहिए। ये उपकरण गर्मी उत्पन्न करते हैं और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं। अपना काम करने के लिए घर में अलग जगह बनाएं। इसके अलावा, आपको रात में इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों को कवर करना चाहिए।
  • अपने शयन कक्ष में डेकोरेटिव आइटम्स का कोई भी सिंगर पीस न रखें। अगर रखना ही है तो कोई जोड़ा रखें। मसलन बतख का पेयर, तितली का जोड़ा। इससे दोनों जीवन साथियों के बीच में प्यार और लगाव और भी बढ़ेगा।
  • घर की दक्षिण-पश्चिम दीवार को फोटो फ्रेम से सजाएं। इस पर अपने जीवन साथी के साथ अपनी फोटो लगा सकते हैं।
  • अपने जीवनसाथी के साथ शांति बनाए रखने के लिए कमरे में क्रिस्टल रखें। रोज क्वार्ट्स को कमरे में साइड टेबल या बैठने की जगह के पास लगाया जा सकता है।

सिंगल लाइफ पार्टनर के लिए वास्तु के टिप्स

ऐसी मान्यता है कि शादियां स्वर्ग में बनती हैं। स्वर्ग में बनने वाले जोड़े को धरती पर मिलाने में वास्तु शास्त्र मददगार साबित हो सकता है। वास्तु दो साथियों को एक छत के नीचे मिलाने में अहम भूमिका अदा करता है। अविवाहित या अकेली लड़कियों को शीघ्र विवाह के लिए कुछ वास्तु टिप्स का पालन करना चाहिए। इससे उन्हें अपने लिए बेहतर और योग्य वर मिलने में मदद मिल सकती है।

विवाह दो अलग-अलग आत्माओं का मिलन है। नए जीवन की शुरुआत, मजबूत बंधन, प्यार और समर्थन दो लोगों के बीच में मौजूद रिश्ते को खिलाने में मदद करता है। अविवाहित लड़के या लड़कियों के माता-पिता के लिए देर से शादी और शादी से जुड़े अन्य मुद्दे काफी कठिन होते हैं। वे इस समस्या से चिंता ग्रस्त हो जाते हैं कि उनके बच्चों की शादी में देरी आखिर किस कारण से हो रही है।

वास्तु शास्त्र और अन्य पुराने ग्रंथों के मुताबिक विवाह एक धार्मिक परंपरा और पवित्र रिश्ता है। इसके तहत इसके दोनों भागीदारों को अपने रिश्ते को स्वस्थ और खुशहाल बनाने के लिए अपनी मौजूदा जिम्मेदारियों का पालन करना चाहिए और उन्हें निभाना चाहिए।

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सिंगल्स के लिए वास्तु टिप्स

  • अविवाहित लड़कियों के लिए घर का उत्तर-पश्चिम कोना एक सही स्थान होता है। उन्हें दक्षिण-पश्चिम कोने के कमरे में नहीं रहना चाहिए, जहां तक हो सके इसमें रहने से बचना चाहिए।
  • यदि कमरे में अटैच लेट बाथ हैं, तो उसका उपयोग न होने पर उसके दरवाजे को बंद ही रखना चाहिए।
  • जल्दी शादी के लिए वास्तु उपायों के अनुसार कमरे को पेस्टल रंगों से सजाएं। कमरे को काले और भूरे जैसे गहरे रंगों से न रंगें।
  • सिंगल लोगों को बीम के नीचे सोने से बचना चाहिए। यहां तक कि परिवार के सभी सदस्यों को भी बीम के नीचे सोने से बचना चाहिए। यह अत्यधिक दबाव पैदा कर सकता है और घर में रहने वाले सदस्यों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
  • वास्तु शास्त्र की सलाह है कि लड़कियों को अपने जीवन साथी को प्यार के प्रति आकर्षित करने के लिए लाल रंग के कपड़े और सामान पहनना चाहिए। यह रंग जल्द ही शादी करने की इच्छा को प्रेरित करने में भी मदद करता है।
  • ऐसी जगह शीशा लगाने से बचें जहां से बिस्तर नजर आ रहा है। कमरे के किसी भी कोने में बिस्तर की झलक नजर नहीं आनी चाहिए।
  • कमरे में शीशा लगाने के लिए दक्षिण और पश्चिम की दीवारें आदर्श मानी जाती हैं। यदि आप कमरे में शीशा रखना चाहते हैं तो उन्हें ढक कर रखना चाहिए।

वास्तु से जुड़े समाधान

विशेषज्ञों मानते हैं कि यदि आपकी शादी में देरी हो रही है, तो जब भी आप अपने साथी से मिलने जाएं तो मिलें तो अपने जूते चप्पल कमरे से बाहर उतार कर कमरे में प्रवेश करें।

वास्तु शास्त्र में शुक्रवार को पवित्र दिन माना गया है। इसलिए, यदि आप भगवान शिव की पूजा अर्चना  करते हैं तो यह आपको सकारात्मक परिणाम दे सकता है। आपको कम से कम 7 शुक्रवार तक भगवान शिव की पूजा करते रहना चाहिए।

अविवाहित लड़के या लड़कियों को विवाह समारोह के दौरान कुछ मेहंदी लगानी चाहिए। इस उपाय को शीघ्र विवाह के लिए सभी वास्तु उपायों में सबसे अच्छा माना जाता है। ज्योतिषियों की ओर से भी इस उपाय या समाधान को अपनाने के लिए कहा जाता है। 

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