कैसा होना चाहिए पश्चिम मुखी घर : जानें वास्तु टिप्स


पश्चिम मुखी घर का वास्तु कैसा होना चाहिए

पश्चिमी मुखी घर का वास्तु कैसा हो, यह चर्चा अपने आप में बहुत खास है। दरअसल, घर के मामले में ज्यादातर लोगों का तीसरा विकल्प पश्चिमी मुखी घर होता है। लोग पहले उत्तर या पूर्व मुखी घर को लेना पसंद करते हैं। इसके बाद पश्चिम मुखी घर की बारी आती है।


पश्चिम मुखी घर के लिए वास्तु टिप्स

आम तौर पर यही माना जाता है कि पश्चिम मुखी घर को नहीं खरीदा जाना चाहिए। ऐसा करने से बचना चाहिए। इसके पीछे मुख्य कारण नकारात्मक ऊर्जा के संचार को मान लिया जाता है। इसके कारण लोग ऐसे घरों को नहीं खरीदते हैं, जो पश्चिम मुखी होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इन पर शनि भारी होता है, जिसके कारण परेशानियां आ सकती हैं। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर वास्तु के नियमों का पालन किया जाए, तो यह बात गलत साबित हो सकती है। अगर वास्तु के सिद्धांतों को सख्ती से लागू किया जाए तो पश्चिम मुखी घर भी अच्छा परिणाम देने वाले साबित हो सकते हैं।

अपने राशिफल के बारे में जानना चाहते है? अभी किसी ज्योतिषी से बात करें!


पश्चिम मुखी घरों में वास्तु का महत्व

भगवान और सकारात्मकता, दोनों ऐसी चीजें हैं, जो हर जगह विद्यमान है। इन्हें नकारा नहीं जा सकता है। ऐसे में विश्वास रखना चाहिए कि सब अच्छा होगा। नकारात्मक ऊर्जा पश्चिम दिशा में ज्यादा होती है, यह आम तौर पर माना जाता है। इस बात को नकारा नहीं जा सकता है पर वास्तु के सिद्धांतों को सही तरीके से लागू करके हम इस नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव को कम कर सकते हैं और सकारात्मक ऊर्जा को बहुत अधिक बढ़ा सकते हैं। वास्तु में पश्चिम मुखी घरों के लिए अहम गाइडलाइन होती है, जिसका पालन करके अच्छे परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। अच्छा जीवन बिताया जा सकता है।

वास्तु के मुताबिक पश्चिम मुखी घर का प्रवेश द्वार अगर सही दिशा में है, तो नकारात्मकता को काफी कम किया जा सकता है। पश्चिम मुखी घर का दरवाजा बनाते समय ध्यान रखा जाना चाहिए कि तीसरे, चौथे, पांचवें या छठे पद के मुहूर्त में इसका निर्माण शुरू होना चाहिए। सातवें, आठवें व नवें पद में यह नहीं किया जाना चाहिए। प्रवेश द्वार के अलावा भी बाकी सभी तत्व भी बराबर ही जरूरी होते हैं।


पश्चिम मुखी घर के वास्तु समाधान

  • जैसा कि पूर्व में हमने बताया है कि पश्चिम मुखी घर के वास्तु दोषों के कारण लोग इन घरों को खरीदना पसंद नहीं करते हैं। इन घरों को खरीदना और बेचना दोनों मुश्किल हो जाता है। ऐसे में इन दोषों को हटाया जा सकता है।
  • नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखने के लिए वास्तु पिरामिड को पश्चिमी कोने में रखना चाहिए।
  • सकारात्मक ऊर्जा के लिए पीतल का पिरामिड पश्चिम दिशा की ओर रखा जाना चाहिए। ऐसे घरों में सभी कमरे वास्तु नियमों के मुताबिक बनाए जाने चाहिए। खास तौर पर मुख्य बेडरूम और रसोई बनाने में वास्तु के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। इससे कमाई में वृद्धि व परिवार में शांति बनी रहती है।
  • सकारात्मक और दिव्य ऊर्जा के संचार के लिए घर के उत्तर पूर्व में अधिक से अधिक खिड़कियां रखें।
  • अगर घर में कोई खंभा है तो उस पर सुंदर सी वास्तु पेंटिंग सजा सकते हैं।
  • सकारात्मक ऊर्जा के लिए उत्तर पूर्व कोने में पानी से भरी एक कटोरी रखें।
  • वास्तु दोष को दूर करने के लिए पश्चिम दिशा में एक पीतल का पिरामिड रखें।
  • पश्चिम दिशा के दोष को दूर करने के लिए वास्तु भाजक शीट को लगा सकते हैं।
  • छत के नीचे विपरीत दिशा में वास्तु का तांबे का तीर रखें। यह छत के पश्चिम दिशा से जुड़े दोषों को दूर करता है।

वास्तु के मुताबिक पश्चिम मुखी घर अच्छा है या बुरा

ज्यादातर लोगों का सवाल यह होता है कि वास्तु के मुताबिक पश्चिमी मुखी घर अच्छा है या बुरा। अधिकतर वास्तु विशेषज्ञ मानते हैं कि वास्तु के नजरिए से पूर्व मुखी मकान सबसे बेहतर होते हैं। यह केवल इसलिए होता है क्योंकि सूर्योदय पूर्व दिशा में होता है। वहीं वे पश्चिम दिशा में देखने वाले घर का विरोध करते हैं, क्योंकि पश्चिम में सूर्यास्त होता है। हालांकि यह सही कारण नहीं है, जिसके कारण पश्चिम के घर के शुभ नहीं माना जाता। वहीं दूसरी तरफ कुछ और बातें हैं, जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इनमें प्रवेश द्वार, शयन कक्ष, रसोई, सीढिय़ां और बाकी बातें शामिल हैं।

क्या आप अपने साथी के साथ अनुकूल हैं? अपनी अनुकूलता जांचें


पश्चिम मुखी मकान के लिए वास्तु टिप्स

पश्चिम मुखी मकान में अगर वास्तु के नियमों का पालन किया जाता है तो यह परिवार के लिए अच्छा साबित हो सकता है। यह पश्चिम मुख घर से भी नकारात्मकता को कम करता है।

  • अगर दक्षिण पश्चिम दिशा में कुआं है, तो यह गरीबी व धन की कमी का सबब बन सकता है।
  • पश्चिम दिशा में दक्षिण पश्चिम दिशा में रसोई होना भी नकारात्मक ऊर्जा लेकर आता है।
  • पश्चिम दिशा में देखते हुए दो मंजिला मकान में मुख्य शयनकक्ष दक्षिण पश्चिम दिशा के टॉप पर होना चाहिए।
  • पश्चिम मुखी मकान का अतिथि कक्ष उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए।
  • दक्षिण या पश्चिम में किसी भी तरह का निर्माण किए जाने से बचना चाहिए। यह नकारात्मक ऊर्जा के लिहाज से सही नहीं है।
  • मकान में ढलान उत्तर में होनी चाहिए। यह धन सम्पन्नता को आकर्षित करती है।
  • नकारात्मकता रोकने के लिए पश्चिम और दक्षिण दिशा में कम्पाउंड वॉल मोटी और चौड़ी होनी चाहिए।
  • पश्चिम में बड़े पेड़ लगाए जाने चाहिए।
  • पश्चिम मुखी मकान अगर टी पर या फिर विधिशूल पर हों तो उसे नहीं खरीदना चाहिए।
  • पश्चिम में किसी तरह का टेरेस या बालकनी नहीं होनी चाहिए।

पश्चिम दिशा से प्रवेश और वास्तु

सुग्रीव:
सुग्रीव, वास्तु के अनुसार पश्चिम दिशा से प्रवेश व्यापारियों या व्यवसायियों के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस दिशा से प्रवेश तेजी से उन्नति व समृद्धि को लेकर आता है। यह बच्चों की शिक्षा के लिहाज से भी अच्छा होता है। अगर आप शैक्षिक संस्थान शुरू करना चाहता हैं तो भी यह लाभदायक रहता है।

पुष्पदंत:
आशीर्वाद के प्रभाव को पुष्पदंत कहा जाता है। वे वरुण, जो ब्रह्मांड को नियंत्रित करते हैं और धन के देवता कुबेर के सारथी हैं, उनके सलाहकार माने जाते हैं। सशक्त और मजबूत आर्थिक स्थिति तय होती है अगर पश्चिम दिशा से प्रवेश माना जाता है।

वरुण:
वरुण ब्राह्मण के कर्ताधर्ता हैं। उनका देव तत्व सभी देवताओं में सबसे प्रभावी है। वे अग्नि के भाई हैं और जीवन के दाता हैं।


सामान्य प्रश्न (FAQs)

पश्चिम मुखी घर के क्या फायदे हैं?
पश्चिम की ओर देखने वाले मकान का सबसे बड़ा फायदा है कि आप देर शाम तक धूप और सूर्य का रोशनी का आनंद ले सकते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि पश्चिम मुखी घर तुलनात्मक नजरिए से ज्यादा समृद्धि व सम्पन्नता देता है। यद्यपि पश्चिम मुखी घर का फायदा यह भी है कि इनके दुश्मन नहीं होते, अगर होते हैं तो वे आपके काम को पसंद करते हैं। घर का वातावरण भी सही रहता है।

पश्चिम मुखी घर बुरे क्यों माने जाते हैं?
वास्तु शास्त्र के मुताबिक सभी घर एक समान महत्व के होते हैं। पश्चिम मुखी मकान भी किसी तरीके से कम महत्ता नहीं रखते। ये उत्तर या पूर्व मुखी मकानों जितने ही लाभकारी होते हैं। यह जरूरी है कि इनमें वास्तु के सिद्धान्तों को अनुसरण करना चाहिए।

क्या हम पश्चिम मुखी मकान में रह सकते हैं?
यह कहना गलत है कि पश्चिम मुखी मकान में रहने से दुर्भाग्य हमारा पीछा करता है। यह सही नहीं है, पश्चिम मुखी मकान भी उसी तरह है, जिस तरह दूसरे मकान होते हैं। वहां वास्तु के नियमों का पालन करना होता है। वास्तु के मुताबिक हर दिशा का अपना महत्व है।

घर के पश्चिमी कोने में क्या रखा जाना चाहिए?
अगर घर में कई तरह की परेशानियां है, धन की कमी से परेशान हैं तो कुछ बातें हैं जिनका ध्यान रखा जा सकता है। वास्तु कहता है कि घर के दक्षिण पश्चिमी कोने में नमक और पानी का पानी गिलास में भरकर रखना चाहिए। गिलास के पीछे लाल रंग का बल्ब जलाना चाहिए।


अंतिम शब्द

पश्चिम मुखी घर का होना मुश्किल हो सकता है क्योंकि इसमें शनि का प्रभुत्व है और यह दुर्भाग्य, खराब स्वास्थ्य और गरीबी से जुड़ा है।

लेकिन पश्चिम मुखी घरों के वास्तु और वास्तु टिप्स का उपयोग करके इन मुद्दों का निदान करना मुश्किल नहीं है।

हालांकि, पश्चिम मुखी घरों के लिए वास्तु शास्त्र के सुझाव परिवार के लिए अधिक सकारात्मकता पैदा करेंगे।

यह उनके जीवन में धन, बहुतायत, प्रेम और सफलता से उनके जीवन को बेहतर बनाएगा। लेकिन वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लेना न भूलें।



Choose Your Package to Get 100% Cashback On First Consultation