कन्या और कर्क अनुकूलता
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कन्या
कर्क
कन्या और कर्क लव कंपेटेबिलिटी
कन्या राशि वालों के लिए लव एक जरूरत है, वेे हर समय अपने पार्टनर से इस बात का आश्वासन चाहते हैं कि वे उनसे प्रेम करते रहें। वेे बहुत धैर्यवान होते हैं और अपने साथी से काफी अटैच होते हैं। वे ऐसी रिलेशनशिप एक्सेप्ट करते हैं, जिनमें उन्हें सीरयसनेस औऱ स्टेबिलिटी नजर आए। ये जरूरत के अनुसार अपने पार्टनर का चयन करते हैं और काफी डिवोटेड और ऑनेस्ट लवर होते हैं।
- कन्या और कर्क के बीच की लव कंपेटेबिलिटी कमिटमेंट औऱ अंडरस्टैंडिंग पर आधारित होती है, इससे उनकी रिलेशनशिप में बैलेंस बना रहता है।
- कन्या और कर्क के लव अफेयर बेहतर ढंग से काम कर सकते हैं, क्योंकि दोनों राशियों की प्रकृति आशावादी और रिश्तों को बनाए रखने की होती है।
- कर्क जातक आमतौर पर क्रिएटिव, कफंर्टेबल और त्याग करने वाले होते हैं, जबकि कन्या जातक सीरियस, कॉन्फिडेंट और अधिकार जमाने वाले होते हैं।
- कन्या और कर्क के लव अफेयर में कर्क का साथ कन्या जातक को खुद पर विश्वास करना सिखाता है। वहीं कन्या के साथ से कर्क अपनी लाइफ औऱ उसके टेंशन को अधिक प्रैक्टिकल पर्सपेक्टिव से सॉल्व कर पाते हैं।
- दोनों राशियों के पास एक-दूसरे के अनुसार ढलने की क्षमता होती है, समय के साथ दोनों के बीच बेहतर को-ऑर्डिनेशन और डेडिकेशन देखने को मिलता है।
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कन्या और कर्क संबंध के फायदे
कन्या और कर्क क्रमशः अर्थ और वाटर एलिमेंट के साइन हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि इन राशियों का नेचर काफी डिफरेंट होता है । इनके रिश्ते में कुछ अनुकूलता भी देखने को मिलती है। देखते हैं इनके रिश्तों के फायदे-
- कन्या जातक हमेशा कर्क जातकों के सेंस ऑफ ह्यूमर की सराहना करते हैं, क्योंकि कर्क कई बार फनी होते हैं और मजाक करना उन्हें पसंद आता है। कन्या को यह बात पसंद होती है।
- चाहे वे भाई-बहन हों, दोस्त हों, सहकर्मी या रिश्तेदार ही क्यों ना हों, कन्या और कर्क के बीच खुशहाल और नॉर्मल रिलेशनशिप होता है। अक्सर दोनों रिलेशनशिप को मजबूत करने के लिए प्रयासरत होते हैं।
- कन्या और कर्क जातक एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और साथ मिलकर सार्थक कार्य करते हैं। इससे उनके बीच स्नेह और प्रेम बढ़ता है।
- कन्या और कर्क कुछ मामलों में अनुकूल हो सकते हैं, क्योंकि दोनों को घर पर रहना पसंद होता है। जब वे दोनों साथ में ज्यादा टाइम स्पेंड करते हैं, तो उनका रिश्ता बेहद स्ट्रॉन्ग हो जाता है।
- कर्क किसी भी रिलेशनशिप में वफादारी और ईमानदारी की चाहत रखते हैं, कन्या में कर्क के सभी पैमानों पर खरा उतरने की संभावना होती है।
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कन्या और कर्क संबंध के नुकसान
कन्या और कर्क राशि जातकों की रिलेशनशिप में कंपेटेबिलिटी के साथ ही प्रतिकूल प्रभाव भी देखने को मिलते हैं। दोनों ही भावनात्मक रूप से संवेदनशील राशियां हैं। दोनों के मजबूत रिलेशन में कई तरह की परेशानियां भी हैं-
- कन्या राशि को परफेक्शनिस्ट राशि के रूप में जाना जाता है, लेकिन जब चीजें विपरीत होने लगती है, तो वे बहुत अधिक क्रिटिकल हो जाते हैं।
- कर्क जातक बेहद सेंसेटिव होते हैं और कई बार वे अपने अहंकार को कंट्रोल करने में असफल होते हैं, जिससे रिश्ते में टेंशन बढ़ने की आशंका रहती है।
- कन्या और कर्क दोनों स्वभाव से जिद्दी होते हैं। एक बार तय कर लिया तो कोई इन्हें डिगा नहीं सकता। ऐसे में कई बार रिलेशनशिप में गलतफहमियां भी उत्पन्न हो जाती है।
- कन्या और कर्क के मेल को ब्रेन और हर्ट का रिलेशनल कहा जा सकता है। इनके साथ आने पर दोनों ही तरह के परिणामों की आशंका है, या तो वे एक सक्सेसफुल कपल की तरह लाइफ स्पेंड कर सकते हैं या विवादों में उलझकर अपना रिश्ता खत्म कर सकते हैं।
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