छठ पूजा, छठ व्रत, डाला छठ और सूर्य षष्ठी आदि नामों से जाना जाता है। यह कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाने वाला पर्व है। ऋगवेद में सूर्योपासना के इस पर्व का जिक्र है। इस व्रत के नियम काफी सख्त हैं और व्रती पानी तक नहीं पीते हैं।
आने वाले त्योहारों के बारे में यहां जानिए।
8 नवंबर को नहाय-खाय से हो रही शुरूआत
इस साल वर्ष 2022 में छठ पर्व की शुरूआत 30 अक्टूबर को नहाय-खाय से हो रही है। 30 अक्टूबर को खरना होगा। इस दिन खीर का प्रसाद बनता है। इसके बाद पहला अर्घ्य 30 अक्टूबर को है। इस दिन सुबह से ही व्रती प्रसाद बनाने में जुट जाती हैं। पर्व में ठेकुवा का काफी महत्व होता है। इसके अलावा मौसमी फल आदि चढ़ाए जाते हैं।
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व्रत में सात्विकता का है महत्व
छठ व्रत में सात्विकता का काफी महत्व है। इस कारण पूजा से पहले पूरी साफ-सफाई की जाती है। नदी घाटों की भी सफाई होती है। चार दिनों तक चलने वाले पर्व की शुरूआत कार्तिक शुक्ल की चतुर्थी तिथि से होती है और सप्तमी को इसका समापन होता है। व्रत के पहले दिन लौकी और भात (चावल) का भोजन ग्रहण किया जाता है। दूसरे दिन खरना होता है और इस दिन खीर का प्रसाद बनता है। इसके अगले दिन उगते और दूसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य के साथ व्रत का समापन होता है।
छठ पूजा के बारें में जानें विस्तार से।
छठ पूजा मुहूर्त
छठ पूजा बुधवार, 30 अक्टूबर 2022 को
छठ पूजा के दिन सूर्योदय का समय – 06:57 बजे
छठ पूजा के दिन सूर्यास्त का समय – 06:18 बजे
षष्ठी तिथि शुरू – 30 अक्टूबर 2022 को 05:49 बजे
षष्ठी तिथि समाप्त – 31 अक्टूबर 2022 को 03:27 बजे
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