राजनीति में ‘चिराग’ को सूर्य का सहारा नहीं, LJP का आगे का सफर कितना मुश्किल
चुनाव आयोग ने लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) का चुनाव चिह्न ‘बंगला’ फ्रीज कर दिया है। यह फैसला चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच वर्चस्व की लड़ाई को लेकर किया गया। दोनों गुट पार्टी सिंबल ‘बंगले’ पर अपना-अपना दावा कर रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद से चाचा-भतीजा में रार तेज हो गई है। देखते हैं आखिर चिराग के ग्रह क्या कहते हैं। कैसी है चिराग की सूर्य कुंडली-
कुंडली मजबूत पर सूर्य नहीं
चिराग पासवान का जन्म 31 अक्टूबर 1982 को हुआ है। उनकी कुंडली में बुध, शनि, सूर्य, शुक्र और गुरु जैसे बड़े ग्रह एक ही स्थान पर है। ये सभी तुला राशि में है। सभी ग्रह कुंडली को मजबूती देते हैं, लेकिन सूर्य तुला राशि में नीच का होता है। राजनीति में सफलता के लिए सूर्य का मजबूत होना आवश्यक है। चिराग की कुंडली को सूर्य ग्रह का सहारा नहीं मिल रहा है, इसलिए कुंडली के आधार पर कह सकते हैं कि चिराग को राजनीति में वह सफलता नहीं मिलेगी, जिसकी उन्हें तलाश है।
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किसे मिल सकता है बंगला?
इलेक्शन सिंबल (रिजर्वेशन एंड अलॉटमेंट) ऑर्डर, 1968 के मुताबिक, किसी भी राजनीतिक दल का हर गुट यदि खुद मुख्य पार्टी होने का दावा करता है, तो आयोग सभी तथ्यों, परिस्थितियों और पार्टी के प्रतिनिधियों की सुनवाी के बाद किसी भी तरह का फैसला ले सकता है। ये नियम सभी मान्यता प्राप्त नेशनल और स्टेट पॉलिटिकल पार्टी पर लागू होता है। LJP के मामले में भी चुनाव आयोग इसी आधार पर फैसला लेगा। बिहार की राजनीति में इन दिनों पार्टियों में अंदरूनी लड़ाई चल रही है। कुछ दिन पहले तेज प्रताप और तेजस्वी यादव के बीच भी विवाद की खबरें थी।