Swami Vivekananda Chicago Speech: हर दौर में यादगार और समकालीन
आज से 128 साल पहले यानि 11 सितंबर 1893 को अमेरिका के शिकागो में स्वामी विवेकानंद ने दुनिया की सबसे बड़ी धर्म संसद में भाषण दिया था। दुनिया के अलावा भारत का बच्चा-बच्चा स्वामी विवेकानंद के नाम से परिचित है। स्वामी जी का धर्म संसद में दिया गया भाषण इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वामीजी के उस अमर भाषण को याद किया, जिसमें विवेकानंदजी धर्म और आध्यात्म का खास संयोजन किया था। हमने स्वामी विवेकानंदजी की कुंडली का अध्ययन करने की कोशिश की, आखिर ऐसे कौन से ग्रहों का संयोजन था, जिन्होंने स्वामीजी को इतना महान बनने के लिए प्रेरित किया-
साधारण कुंडली की असाधारण कहानी
स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को विश्वनाथ दत्त और भुनेश्वरी देवी के घर कोलकाता में हुआ था। उनकी कुंडली में चंद्र और शनि की युति है। इस युति को कुंडली में विष दोष जरूर कहते हैं, लेकिन यह युति जातक को बेहद धैर्य वाला इंसान बनाती है। स्वामी विवेकानंद के धैर्य के बारे में हम सभी जानते हैं। मंगल और गुरु आमने-सामने है। मंगल मेष राशि में स्वग्रही है। कह सकते हैं इसलिए उग्र देवी काली की उपासना के लिए गुरु रामकृष्ण परमहंस से प्रेरित हुए। सूर्य कुंडली के अनुसार शुक्र और बुध की युति दूसरे भाव में है। बुध वाणी का कारक है, इसलिए स्वामीजी की वाणी से सभी आकर्षित होते थे।
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पीएम मोदी ने भी स्वामीजी के भाषण को याद किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट करके स्वामी विवेकानंदजी के 1893 में शिकागो के धर्म सम्मेलन मेें दिए भाषण को याद किया। उन्होंने कहा कि इसकी भावना में अधिक न्यायपूर्ण, समृद्ध और समावेशी दुनिया बनाने की क्षमता है। विवेकानंद के भाषण की चारों ओर प्रशंसा हुई और आज भी इसकी गूंज सुनी जाती है। यह भाषण हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति पर गहराई से विचार व्यक्त करता है।
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