आखिर किन ग्रहों की वजह से Xi Jinping को मिल रही इतनी प्रसिद्धि?
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के 100 सालों के राजनीतिक इतिहास में तीसरा ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया गया है। इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को और भी मजबूती प्रदान होगी। इस ऐतिहासिक प्रस्ताव के दस्तावेज में में पार्टी के पिछले 100 सालों के इतिहास के सारांश के साथ पार्टी की उपलब्धियों और भविष्य की दिशाओं की चर्चा की गई है। इस प्रस्ताव के पारित होने से चीन की सत्ता पर शी की पकड़ अनिवार्य रूप से मज़बूत हो जाएगी। आइए जानते हैं क्या कहती है शी जिनपिंग की सूर्य कुंडली….
शी जिनपिंग को तीन ग्रह बनाते हैं दृढ़ निश्चयी
15 जून 1953 को बीजिंग में जन्में Xi Jinping की सूर्य कुंडली पर नजर डालें, तो उनकी राशी कर्क है। जो उन्हें किसी एक विचार पर स्टेबल रखती है। इसके अलावा उनकी कुंडली में मिथुन राशि में बुध, सूर्य और मंगल का योग है, जो उनको दृढ़ निश्चयी और विश्लेषणात्मक बनाता है। इसके अलावा उनको सूर्य-मंगल से भी ऊर्जा और मजबूती मिलती है। उनके आने वाले समय की बात की जाए, तो अप्रैल 2022 के बाद उनका और भी अच्छा समय आने वाला है। क्योंकि गुरु का ट्रांजिट उनके कर्म स्थान से होगा, जो शनि के सामने से होगा। यह योग उनको और भी मजबूती प्रदान करेगा।
चीन के तीन बड़े नेताओं में शामिल शी जिनपिंग
चीन को इतनी ताकत प्रदान करने वालों में तीन नेताओं का नाम लिया जाता है। जिसमें माओत्से तुंग, डांग श्याओपिंग और तीसरे वर्तमान राष्ट्रपति शी जिनपिंग। शी जिनपिंग जिस ऐतिहासिक प्रस्ताव को लेकर आए हैं, उसका मुख्य उद्देश्य चीन को बलशाली और देश में साझा ख़ुशहाली लाना है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के इस ऐतिहासिक प्रस्ताव को एक अलिखित संविधान की तरह देखा जा रहा है। इस प्रस्ताव में कम्युनिस्ट पार्टी के इतिहास की नए सिरे से व्याख्या और देश के भविष्य की नीतियों का उल्लेख किया गया है।
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