ज्योतिष में चंद्रमा का महत्व, हैं कई विशेषताएं
वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा एक ग्रह है, इसे क्वीन ऑफ प्लेनेट्स भी कहा जाता है। हमारी भावनाएं, मनोदशा, मन, मस्तिष्क, सभी चंद्रमा के आधार पर ही तय होती है। यही उनका प्रतिनिधित्व करता है। यही वजह है कि ज्योतिष में चंद्रमा की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। हमारी भावनाएं ही तय करती हैं कि किसी के साथ हमारे संबंध कितने सहज हो सकेंगे और हमारी मनोदशा का स्वामी चंद्रमा होता है।
आज हम बात करेंगे कि ज्योतिष में चंद्रमा क्या बताता है, उसकी भूमिका क्या है। क्या महत्व है। राशियों में चंद्रमा के गोचर का क्या असर होता है। आपकी कुंडली में चंद्रमा के मजबूत या कमजोर होने पर क्या प्रभाव देखने को मिलते हैं।
हम जानते हैं कि ज्योतिष में नौ ग्रह और बारह घर होते हैं। ये लगातार विचरण या गोचर करते रहे हैं। चंद्रमा सहित सभी ग्रह जन्मपत्री के किसी एक भाव में स्थित होते हैं। यहां हम केवल वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा की महत्ता पर बात करें, किसी दूसरे ग्रह की भूमिका या महत्व पर बात नहीं करेंगे।
अब हम अपने विषय पर आते हैं, ज्योतिष में चंद्रमा…, क्या आप जानते हैं कि ज्योतिष में चंद्रमा क्या दर्शाता है?
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ज्योतिष में चंद्रमा के लक्षण
- बौद्धिक शक्ति
- समृद्धि
- मातृत्व
- कल्याण की भावना
- ख़ुशी
- स्त्रीत्व और सुंदरता
- नजरिया
- मन
- जल
ज्योतिष में चंद्रमा का महत्व
ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा सबसे छोटा ग्रह है और पृथ्वी के सबसे करीब है। ऐसे में मनुष्य पर चन्द्रमा का प्रभाव बहुत अधिक होता है, इसलिए जन्म कुंडली के विश्लेषण में चन्द्रमा की स्थिति के बारे में विचार करना बहुत जरूरी है।
वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा के लग्न के लिए अलग से चार्ट तैयार किया जाता है। चंद्रमा के पास एक लग्न की शक्ति भी होती है। जातक के जीवन की प्रमुख और उपावधि भी चंद्रमा के नक्षत्र पर आधारित होती है।
सूर्य चतुर्थ घर का स्वामी होता है, जो कर्क राशि का होता है। वहीं दूसरी तरफ में चंद्रमा कर्क राशि का स्वामी है, वहीं चंद्रमा वृष राशि में उच्च का होता है। चन्द्रमा वृश्चिक में नीच का होता है। चंद्रमा वृष राशि में रोहिणी नक्षत्र, कन्या राशि में हस्त नक्षत्र और मकर राशि में श्रवण नक्षत्र को नियंत्रित करता है।
चंद्रमा का अन्य ग्रहों से संबंध
मित्र: सूर्य और बुध
तटस्थ: मंगल, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु
शत्रु : कोई नहीं
अब हम चंद्रमा और दूसरे ग्रहों पर नजर डालने वाले हैं, बताने वाले हैं कि दूसरे ग्रहों के साथ चंद्रमा की युति क्या रंग दिखाती है।
चंद्रमा और सूर्य की युति
इनके जीवन में कोई उलझन नहीं होती है। जिन जातकों के चन्द्रमा और सूर्य एक ही भाव में होते हैं उनके लिए रास्ता साफ नजर आता है। कॅरियर के मामले में चंद्रमा और सूर्य की युति आपको एक अच्छी स्थिति तक ले जा सकती है।
सूर्य आपको घर का अधिकारी बनाता है, आपका राज चलता है। सूर्य की उग्रता चंद्रमा की नरम भावनाओं को खत्म कर देती हैं और हावी हो जाती हैं। अधिक पढ़ें…
चंद्रमा और बुध की युति
चंद्रमा बुध को अपना मित्र मानता है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ चंद्रमा बुध को मित्र नहीं मानता, उसे शत्रु की तरह व्यवहार करता है। इस संयोजन से आपको कोमल वाणी और सदा मुस्कुराता हुआ चेहरा मिलता है। आपने इतने अच्छे हैं कि लोग आपके साथ रहना पसंद करते हैं। आप वास्तव में बुद्धिमान हैं और आपके पास किसी भी बात का विश्लेषण करने की बारीक क्षमता है। अधिक पढ़ें…
चंद्रमा और मंगल की युति
भावनाओं और परिपक्व ऊर्जा मिलकर आपको सही फैसले लेने में परेशानी पैदा करती है। आप अतिसक्रिय होते हैं, मंगल की उग्रता प्रभावित करती है और चंचल चंद्रमा मन पर शासन करता है। इसके अलावा आप भावुक, आक्रामक और कठोर हैं। आपका ध्यान और दृढ़ संकल्प ध्यान देने योग्य है। यह आपको अपने सभी कार्यों और परियोजनाओं को पूरा करने में मदद करता है। अधिक पढ़ें…
चंद्रमा और बृहस्पति की युति
यह बेहद शुभ संयोग होता है। सहानुभूति और ज्ञान दोनों एक साथ मिलती हैं। यह आपको उदार और दयालु बनाती हैं। इसके साथ ही आप बुद्धिमान, चतुर होते हैं। आपके लिए कोई भी स्थिति चुनौतीपूर्ण नहीं होती है। चंद्रमा और बृहस्पति की ऊर्जा के चलते आप मिलनसार, लचीले और व्यापक सोच वाले व्यक्ति होंगे। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें…
चंद्रमा और शुक्र की युति
चंद्रमा और शुक्र का मिलन यानी सुंदर तन के साथ सुंदर मन। आप रोमांटिक होते हैं। कला को पसंद करते हैं, संगीत, नाटक, नृत्य और ग्लैमर की दुनिया की ओर झुकाव होता है आपका। इसके साथ ही, आप फैशन स्टेटमेंट हैं और लोग आपको फॉलो करते हैं। जब आप घर से बाहर निकलते हैं तो लोगों आपको देखने लगते हैं। आपके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। खूबसूरत कपड़े, एक्सेसरीज और परफ्यूम आपकी खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं। और अधिक जानने के लिए पढ़ें…
चंद्रमा और शनि की युति
यह संयोग सांसारिक सफलता के लिहाज से सही नहीं है। यह वैराग्य की ओर ले जाता है। यह आपकी मानसिक शांति को प्रभावित करता है और आपको खुशी से वंचित करता है। इसके कुछ सकारात्मक पक्ष भी हैं। इसमें विशिष्ट भावों के संयोजन से राजयोग भी बनता है। कॅरियर और जीवन में आप एक राजा की तरह उन्नति प्राप्त करते हैं। और अधिक जानने के लिए पढ़ें…
चंद्रमा और राहु या केतु की युति
राहु या केतु का चंद्रमा के साथ युति को शुभ नहीं माना जाता है। इनका मिलना ग्रहण या दोष का कारण बनता है। राहु के साथ चंद्रमा का आना भौतिक सुख के प्रति आपको झुकाव अत्यधिक बढ़ा देता है। इससे मानसिक तनाव भी बहुत अधिक होता है। जबकि केतु चंद्रमा के साथ आना आपको बेचैन कर सकता है। कुछ और बातें आपके दिमाग में लगातार घूमती रहती हैं। और अधिक जानने के लिए पढ़ें…
हालांकि, चंद्रमा के साथ ग्रहों की युति का परिणाम उस राशि और घरों पर निर्भर करता है, जिस पर चंद्रमा रहता है। तो, आइए विभिन्न घरों में चंद्रमा के प्रभाव और भूमिका को जानें।
कुंडली के १२ भावों में चंद्रमा का प्रभाव
चंद्रमा का छठे, आठवें और बारहवें भाव में होना अशुभ माना जाता है। वहीं, चौथे, सातवें और दसवें भाव में चंद्रमा बहुत शक्तिशाली हो सकता है।
प्रथम भाव में चंद्रमा
ये लोग भावुक और मूडी स्वभाव के होते हैं। आपकी मां आपके व्यक्तित्व को बहुत प्रभावित करती है। आप नई-नई जगह की यात्रा करते हं और खूबसूरत यादों को तस्वीरों के रूप में संजोकर रखते हैं। ऐसे में यात्रा से जुड़ी बहुत सारी जानकारी आपके पास होती है। आपका आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प शानदार होता है। अधिक पढ़ें..
दूसरे भाव में चंद्रमा
आप हमेशा भावनात्मक रूप से सुरक्षित रहने पसंद करते हैं। आप फालतू खर्च बहुत करते हैं, ऐसे में किसी भी बिल का भुगतान करने से पहले एक बार अपने बैंक बैलेंस पर नजर जरूर डाल लें। बाद में किसी तरह की परेशानी में पड़ने से बेहतर है पहले सावधानी बरतना। ऐसे लोगों के साथ आमदनी और खर्च में उतार चढ़ाव देखने को मिलता है। अधिक पढ़ें…
तीसरे घर में चंद्रमा
रचनात्मकता और आत्म अभिव्यक्ति से जुड़े क्षेत्रों में आप अच्छा नाम कमा सकते हैं। आप मन में चल रही भावनाओं को आसानी के साथ साझा कर सकते हैं। आप अपनी बात कहने में या किसी से साझा करने में झिझकते नहीं है। आप अपनी मातृभूमि से अत्यधिक जुड़े हुए हैं। आप नई चीजें सीखने और नए विषयों पर चर्चा करना भी पसंद करते हैं। अधिक पढ़ें…
चतुर्थ भाव में चंद्रमा
आप अपनी मां से अत्यधिक जुड़ाव महसूस करते हैं। आपके लिए आपका परिवार सबसे पहले आता है। आप अपनी भावनाओं का संतुलन बनाए रखते हैं। इसके साथ ही मुश्किल समय में आप घर पर ही रहना पसंद करते हैं। आप घर से दूर नहीं रह सकते, जल्द से जल्द घर लौटने की योजना बनाते रहते हैं। आपका घर आपके लिए
एक सुकून महसूस करने वाली जगह होती है। जब आप अपनों के साथ होते हैं तो आप सुरक्षित महसूस करते हैं। अधिक पढ़ें….
पंचम भाव में चंद्रमा
आप बहुत दयालु हैं और दूसरों के बारे में भी सोचते हैं। दूसरों के लिए कुछ करने से आपको खुशी और संतुष्टि दोनों मिलती है। आप भावनाओं को रोक नहीं पाते हैं। ड्रामा या नाटक करने में माहिर होते हैं। आप अपनी भावनाओं को साझा करने के लिए उत्सुक रहते हैं। आपकी शौक और रुचि लगातार बदलती रहती है, लेकिन आपकी प्रतिभा स्थित रहती है।
छठे भाव में चंद्रमा
आप एक व्यवस्थित व्यक्ति होते हैं, अधिक प्रभावी भी होते हैं। जब तक आपका काम व्यवस्थित और प्रभावी ढंग से पूरा नहीं हो जाता, तब तक आप शांत नहीं बैठते हैं। आप जीवंत महसूस करना पसंद करते हैं। जब आपका कॅरियर सही दिशा में जा रहा होता है, तो आप खुश और संतुष्ट रहते हैं। आप काम में अपने कौशल का उपयोग करते हैं और हमेशा सेवा में रहना चाहते हैं। अधिक पढ़ें…
सातवें घर में चंद्रमा
आप रिश्तों में घुल मिल जाते हैं। आप में दृढ़ संकल्प होता है। सरल और सहज स्वभाव के होते हैं। लोगों की देखभाल करना आपको पसंद होता है। कॅरियर में कोई भी अनिश्चितता आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती है। आप बाधाओं को अपनी प्रतिभा से कम कर देंगे और प्रभावी तरीके से आगे बढ़कर सफलता हासिल करेंगे। अधिक पढ़ें…
आठवें घर में चंद्रमा
ज्योतिष के मुताबिक यह चंद्रमा के लिए अनुकूल स्थान नहीं है और इससे अलगाव की स्थिति पैदा हो सकती है। यह चंद्रमा दीर्घायु प्रदान कर सकता है। इसके साथ ही, यह सभी प्रतिकूलताओं और कठिन समय से लड़ने के लिए पर्याप्त शक्ति प्रदान करता है। पैतृक संपत्ति से धन लाभ के योग भी हैं। अचानक हुआ लाभ चौंका सकता है। अधिक पढ़ें…
नौवें घर में चंद्रमा
सांसारिक और साधारण काम आपके लिए नहीं बने हैं। आप झुकाव दर्शन की तरफ होता है और आप दुनिया के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहते हैं। नई भाषाएं सीखने और विभिन्न संस्कृतियों के बारे में जानने में आपकी रुचि रहती है, आप अलग अलग जगह की यात्रा करते हैं। नौवें भाव में चंद्रमा आपको असाधारण क्षमताओं का आशीर्वाद देता है। ये आपको सपनों को हकीकत में बदल देंगे। अधिक पढ़ें…
दसवें घर में चंद्रमा
यह भाव बताता है कि आपको लोगों से आलोचना मिलेगी या प्रशंसा, लोगों का रवैया क्या रहेगा आपके प्रति, यह जानकारी इस भाव से प्राप्त होगी। आप अक्सर ऐसे लोगों से मिलते जुलते रहते हैं जो आपके माता-पिता से संबंध रखते हैं। इसके साथ ही, चंद्रमा की स्थिति आपको सार्वजनिक रूप से अपनी प्रतिभा और चमक दिखाने का मौका देगी। महिलाओं के लिए अपने सपनों को जीने जैसा है, वे बहुत ही दृढ़ निश्चयी होती हैं। अधिक पढ़ें…
11वें भाव में चंद्रमा
आमतौर पर आपके लक्ष्य और सपने बहुत बड़े होते हैं। जीवन में बड़े सपने आपको बड़ा काम करने के लिए प्रेरित करेंगे। आपका रवैया तुरंत बदल जाता है, मनमौजी हैं आप। आपके कार्यों को करने में कठिनाई हो सकती है। आप जितना अधिक सामाजिक कार्यों में शामिल होंगे, लोगों से मिलेंगे जुलेंगे, उतना ही संतुष्ट महसूस करेंगे। चंद्रमा आपके संबंधों में खटास का कारण भी बन सकता है। अधिक पढ़ें…
बारहवें भाव में चंद्रमा
आप न केवल संवेदनशील हैं बल्कि आप में बहुत सहानुभूति भी है। आप दूसरों को समझते हैं और ध्यान रखते हैं कि आपके शब्दों से कोई आहत न हो। आप बदले में यही उम्मीद भी करते हैं। अंतिम भाव में चंद्रमा का प्रभाव आपके मूड में उतार-चढ़ाव का कारण बन सकता है। कभी-कभी आप बहुत गर्म होते हैं, कभी कभी बहुत सहज हो जाते हैं, ठंडे बिल्कुल बर्फ की तरह। अधिक पढ़ें…
चंद्रमा के गोचर के परिणाम
वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा सबसे तेज ग्रह है। यह हर 2-1/4 दिनों के बाद राशि बदलता है। चंद्रमा का गोचर हमारे जीवन में अचानक और त्वरित बदलाव के लिए जिम्मेदार होता है। चंद्रमा का सिंह और कुंभ राशि में गोचर अनुकूल परिणाम देता है। वहीं वृष और कर्क राशि चंद्रमा के लिए पसंदीदा स्थान होते हैं। वृश्चिक राशि में चंद्रमा शुभ फल नहीं देता है।
जब चन्द्रमा पहले, तीसरे, छठे, दसवें या ग्यारहवें भाव में गोचर करता है तो शुभ फल देता है वरना कई तरह की चुनौतियों का कारण बनता है।
क्या होता है जब कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है?
चंद्रमा मजबूत स्थान पर होता है तो आनंद, उत्साह और शांत मन के संकेत देता है। चंद्रमा सबसे शक्तिशाली तब होता है जब वह वृश्चिक लग्न के लिए 9वें घर में होता है। इसके साथ ही केंद्र में सातवें घर में वृष राशि में उच्च का होता है। यह नवें घर का स्वामी होता है, जो भाग्य की तरफ इशारा करता है।
हालांकि, चंद्रमा सातवें घर में है तो जातक को धन, धन, प्रसिद्धि और सामाजिक स्थिति मिलती है। बृहस्पति और शुक्र जैसे शुभ ग्रहों से युति अच्छे परिणाम पाने की संभावना है।
क्या होता है जब कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है?
जन्म कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है तो तनाव, चिंता, अवसाद, आत्महत्या की प्रवृत्ति और निराशावादी दृष्टिकोण का कारण बनता है। कमजोर चंद्रमा आपकी कल्पना, कॅरियर, पेशे और पूरे जीवन को प्रभावित के साथ ही आपके मस्तिष्क पर भी असर डालता है।
कमजोर चंद्रमा की स्थिति जातकों के लिए कई तरह से हानिकारक हो सकती है। इसके अलावा जब चंद्रमा राहु, केतु और शनि क्रूर ग्रहों से पीड़ित होता है तो यह मनोवैज्ञानिक विकार, अवसाद, माइग्रेन, पागलपन, कमजोर स्मृति, अनिर्णय जैसी स्थिति ला सकता है।
आप कुंडली में चंद्रमा को कैसे शक्तिशाली बना सकते हैं?
- दूध और चांदी का दान करें। इसमें दूध का दान सोमवार के दिन न करें।
- जिन लोगों को दान दिया है, उनके प्रति आभार व्यक्त जरूर करें।
- रविवार और सोमवार के दिन सफेद वस्त्र धारण करें और सफेद भोजन करें। इसके साथ ही नारियल को भी अपने खाने में शामिल करें।
- चांदी के शिवलिंग को अपने घर में रखें और नियमित रूप से इसकी पूजा करें। घर में मोर पंख रखने से आपकी चंद्र स्थिति मजबूत होती है।
- यदि चंद्रमा कमजोर हो तो गायों को गुड़ खिलाएं, अधिक पानी पिएं, कुष्ठ रोगियों को जूते या खाद्य पदार्थ दान करें।