चौघड़िया
अगर आप कोई नया काम शुरू करने जा रहे हैं तो शुभ मुहूर्त देखते हैं, लेकिन अगर आपको जल्द से जल्द कोई कार्य करना हो तो चौघड़िया मुहूर्त महत्वपूर्ण हो जाता है। इसी शुभ मुहूर्त की जांच के लिए चौघड़िया या यूं कहें चोगड़िया का प्रयोग किया जाता है। हालांकि, परंपरागत रूप से चौघड़िया का उपयोग यात्रा मुहूर्त का पता लगाने के लिए किया जाता है, लेकिन आसान होने के कारण इसका उपयोग किसी भी मुहूर्त के लिए किया जाता है। किसी भी शुभ काम को शुरू करने के लिए चार अच्छे चौघड़िया हैं। इन चार चौघड़िया अमृत, शुभ, लाभ और चर को शुभ और उत्तम माना जाता है। इसी तरह तीन खराब चौघड़िया रोग, काल और उदवेग से बचने की बात कही जाती है। सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच के समय को दिन का चौघड़िया और सूर्यास्त और अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को रात का चौघड़िया कहा जाता है।
Today’s Choghadiya Sat, 30 Nov 2024
Bhubaneswarदिन चौघड़िया | |
---|---|
काल - हानि | 06:05 - 07:27 |
शुभ - अच्छा | 07:27 - 08:50 |
रोग - बुराई | 08:50 - 10:12 |
उद्वेग - बीएड | 10:12 - 11:35 |
चल - नेचरल | 11:35 - 12:57 |
लाभ - गेन | 12:57 - 14:20 |
अमृत - सर्वश्रेष्ठ | 14:20 - 15:42 |
काल - हानि | 15:42 - 17:05 |
रात चौघड़िया | |
---|---|
लाभ - गेन | 17:05 - 18:42 |
उद्वेग - बीएड | 18:42 - 20:20 |
शुभ - अच्छा | 20:20 - 21:57 |
अमृत - सर्वश्रेष्ठ | 21:57 - 23:35 |
चल - नेचरल | 23:35 - 01:13 |
रोग - बुराई | 01:13 - 02:50 |
काल - हानि | 02:50 - 04:28 |
लाभ - गेन | 04:28 - 06:05 |
Talk To Astrologer - Get 100 % Cashback on Your First Recharge.
See Allक्या होता चौघड़िया
किसी भी काम को करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाना आम बात है, लेकिन यदि जल्दी में किसी कार्य को करना है और शुभ मुहूर्त देखने विलंब है, तो चौघड़िया देखकर काम शुरू किया जा सकता है। पहले चौघड़िया का प्रयोग केवल यात्रा के लिए किया जाता था, लेकिन तेज भागते जीवन में अब चौघड़िया का उपयोग किसी भी शुभ काम को करने से पहले किया जा सता है। किसी भी शुभ काम को शुरू करने के लिए चार अच्छे चौघड़िया हैं। इन चार चौघड़िया अमृत, शुभ, लाभ और चर को शुभ और उत्तम माना जाता है। इसी तरह तीन चौघड़िया में कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता है। ये चौघड़िए हैं रोग, काल और उदवेग। सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच के समय को दिन का चौघड़िया और सूर्यास्त और अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को रात का चौघड़िया कहा जाता है। इन चौघड़िया का समय सूर्योदय से शुरू होकर 1.30 घंटे तक रहता है।
जानिए क्या है वार वेला, काल वेला और काल
दिन और रात के चौघड़िया में वार वेला, काल वेला और काल रात्रि का भी समय होता है। ये वार वेला, काल वेला और काल रात्रि किसी भी शुभ चौघड़िये के दौरान भी हो सकती है। वार वेला और काल वेला दिन के समय में होती है, जबकि काल रात्रि रात के समय प्रबल होती है। इस दौरान किए गए मांगलिक कार्य फलदायी नहीं होते हैं। इस समय को छोड़ा जाना चाहिए।
कौन सा चौघड़िया शुभ और कौन सा अशुभ होता है?
सप्ताह में सात दिन होते हैं। ज्योतिष और मुहूर्त शास्त्र के अनुसार प्रत्येक दिन का एक स्वामी ग्रह होता है। हर दिन के पहले मुहूर्त पर उस दिन के स्वामी का शासन होता है। इसे एक उदाहरण से समझें तो रविवार को पहले चौघड़िया मुहूर्त पर सूर्य का शासन होता है, उसके बाद के मुहूर्त पर शुक्र, बुध, चंद्रमा, शनि, बृहस्पति और मंगल का शासन होता है। दिन के अंतिम मुहूर्त पर भी उस दिन के स्वामी ग्रह का शासन होता है।
दरअसर एक दिन में 24 घंटे होते हैं और चौघड़िया 1.30 घंटे की अवधि का होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र, बुध, गुरु और चंद्रमा को शुभ ग्रह माना जाता है, इसलिए इन वार पर पहला चौघड़िया हमेशा अच्छा होगा, लेकिन सूर्य, मंगल, शनि पाप ग्रह है, इन वार पर पहला चौघड़िया हमेशा नकारात्मक होगा।
Important Auspicious Muhurat
Location Wise Chogadiya
View Allअक्सर पूछे जाने वाले सवाल
चौघड़िया क्या होता है?
चौघड़िया का मतलब होता है चार और घड़िया यानी घड़ी, इस तरह दोनों शब्दों को मिलाकर एक शब्द बनता है चौघड़िया। सूर्यास्त से सूर्योदय के बीच के सम को 30-30 घड़ी और उस 30 घड़ी को 8 भागों में विभाजित किया गया है। हिंदू समयानुसार एक घड़ी 24 मिनट के बराबर होती है और एक चौघड़िया 4 घड़ियों के बराबर यानी करीब 96 मिनट की होती है। इस हिसाब से एक चौघड़िया की अवधि करीब डेढ़ घंटे की होती है। इसी के मुताबिक चौघड़िया का मुहूर्त देखा जाता है।
चौघड़िया मुहूर्त के विभिन्न प्रकार क्या हैं?
चौघड़िया में वार वेला, काल वेला और काल रात्रि का भी स्थान होता है। हालांकि, वार वेला, काल वेला और काल रात्रि के दौरान कोई भी शुभ कार्य वर्जित होता है। अब समय के हिसाब से इसे देखें तो वार वेला और काल वेला दिन के समय प्रबल होते हैं जबकि काल रात्रि रात के समय प्रबल होती है। इस दौरान किए गए मांगलिक कार्य फलदायी नहीं होते हैं।
क्या होगा यदि एक शुभ चौघड़िया मुहूर्त वेला, काल या रात्री के अशुभ समय के साथ मेल खाता है?
यदि किसी शुभ चौघड़िया में वेला, काल या रात्री का अशुभ समय रहता है, तो ऐसे समय को छोड़कर दूसरा चौघड़िया देखा जाना चाहिए।
क्या होगा अगर एक शुभ चौघड़िया मुहूर्त वेला, काल या रात्रि के अशुभ समय के साथ मेल खाता है?
चौघड़िया शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है- चो यानी चार और घड़िया यानी घड़ी। प्रत्येक घड़ी, हिंदू समय के अनुसार, 24 मिनट के बराबर होती है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक 30 घड़ियां होती हैं जिन्हें 8 से विभाजित किया जाता है। इसलिए, 8 दिन चौघड़िया मुहूर्त और 8 रात चौघड़िया मुहूर्त होते हैं। एक चौघड़िया 4 घड़ी (लगभग 96 मिनट) के बराबर होता है। तो, एक चौघड़िया लगभग 1.5 घंटे तक रहता है।