होम » चौघडिया
animated-deepak

चौघड़िया पटना के लिए

animated-deepak

अगर आप कोई नया काम शुरू करने जा रहे हैं तो शुभ मुहूर्त देखते हैं, लेकिन अगर आपको जल्द से जल्द कोई कार्य करना हो तो चौघड़िया मुहूर्त महत्वपूर्ण हो जाता है। इसी शुभ मुहूर्त की जांच के लिए चौघड़िया या यूं कहें चोगड़िया का प्रयोग किया जाता है। हालांकि, परंपरागत रूप से चौघड़िया का उपयोग यात्रा मुहूर्त का पता लगाने के लिए किया जाता है, लेकिन आसान होने के कारण इसका उपयोग किसी भी मुहूर्त के लिए किया जाता है। किसी भी शुभ काम को शुरू करने के लिए चार अच्छे चौघड़िया हैं। इन चार चौघड़िया अमृत, शुभ, लाभ और चर को शुभ और उत्तम माना जाता है। इसी तरह तीन खराब चौघड़िया रोग, काल और उदवेग से बचने की बात कही जाती है। सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच के समय को दिन का चौघड़िया और सूर्यास्त और अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को रात का चौघड़िया कहा जाता है।

आज का चौघड़िया

Patna
शुभ
अशुभ
सामान्य
Rahu kaal राहु काल
Full Sun दिन चौघड़िया
Half sun उद्वेग- अशुभ 06:28 – 07:49
Half sun चल- सामान्य watch 07:49 – 09:10
Half sun लाभ- उन्नति 09:10 – 10:32
Half sun अमृत- सर्वोत्तम 10:32 – 11:53
Half sun काल- हानि 11:53 – 13:14
Half sun शुभ- अच्छा 13:14 – 14:36
Half sun रोग- अमंगल 14:36 – 15:57
Half sun उद्वेग- अशुभ 15:57 – 17:18
Full Sun रात चौघड़िया
Half sun शुभ- अच्छा 17:19 – 18:57
Half sun अमृत- सर्वोत्तम 18:57 – 20:36
Half sun चल- सामान्य 20:36 – 22:15
Half sun रोग- अमंगल 22:15 – 23:54
Half sun काल- हानि 23:54 – 01:32
Half sun लाभ- उन्नति 01:32 – 03:11
Half sun उद्वेग- अशुभ 03:11 – 04:50
Half sun शुभ- अच्छा 04:50 – 06:29

ज्योतिषी से बात करें

सभी देखें
astrologer-anandtarot-irfsheastrologer-ganeshtarot-valiniastrologer-indratarot-priestessastrologer-rameshwartarot-mystic-ruastrologer-sukrutitarot-pariastrologer-vatsaltarot-swati1astrologer-vyashastrologer-swaati

क्या होता चौघड़िया

किसी भी काम को करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाना आम बात है, लेकिन यदि जल्दी में किसी कार्य को करना है और शुभ मुहूर्त देखने विलंब है, तो चौघड़िया देखकर काम शुरू किया जा सकता है। पहले चौघड़िया का प्रयोग केवल यात्रा के लिए किया जाता था, लेकिन तेज भागते जीवन में अब चौघड़िया का उपयोग किसी भी शुभ काम को करने से पहले किया जा सता है। किसी भी शुभ काम को शुरू करने के लिए चार अच्छे चौघड़िया हैं। इन चार चौघड़िया अमृत, शुभ, लाभ और चर को शुभ और उत्तम माना जाता है। इसी तरह तीन चौघड़िया में कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता है। ये चौघड़िए हैं रोग, काल और उदवेग। सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच के समय को दिन का चौघड़िया और सूर्यास्त और अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को रात का चौघड़िया कहा जाता है। इन चौघड़िया का समय सूर्योदय से शुरू होकर 1.30 घंटे तक रहता है।

जानिए क्या है वार वेला, काल वेला और काल

दिन और रात के चौघड़िया में वार वेला, काल वेला और काल रात्रि का भी समय होता है। ये वार वेला, काल वेला और काल रात्रि किसी भी शुभ चौघड़िये के दौरान भी हो सकती है। वार वेला और काल वेला दिन के समय में होती है, जबकि काल रात्रि रात के समय प्रबल होती है। इस दौरान किए गए मांगलिक कार्य फलदायी नहीं होते हैं। इस समय को छोड़ा जाना चाहिए।

कौन सा चौघड़िया शुभ और कौन सा अशुभ होता है?

सप्ताह में सात दिन होते हैं। ज्योतिष और मुहूर्त शास्त्र के अनुसार प्रत्येक दिन का एक स्वामी ग्रह होता है। हर दिन के पहले मुहूर्त पर उस दिन के स्वामी का शासन होता है। इसे एक उदाहरण से समझें तो रविवार को पहले चौघड़िया मुहूर्त पर सूर्य का शासन होता है, उसके बाद के मुहूर्त पर शुक्र, बुध, चंद्रमा, शनि, बृहस्पति और मंगल का शासन होता है। दिन के अंतिम मुहूर्त पर भी उस दिन के स्वामी ग्रह का शासन होता है।

दरअसर एक दिन में 24 घंटे होते हैं और चौघड़िया 1.30 घंटे की अवधि का होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र, बुध, गुरु और चंद्रमा को शुभ ग्रह माना जाता है, इसलिए इन वार पर पहला चौघड़िया हमेशा अच्छा होगा, लेकिन सूर्य, मंगल, शनि पाप ग्रह है, इन वार पर पहला चौघड़िया हमेशा नकारात्मक होगा।

महत्वपूर्ण शुभ मुहूर्त

उद्वेग चौघड़िया
ज्योतिष में सूर्य के प्रभाव को आमतौर पर अशुभ माना गया है इसीलिए इसे उद्वेग के रूप में चिह्नित किया जाता है। हालांकि, इस चौघड़िया में सरकारी कार्यों को किया जा सकता है।
चर चौघड़िया
शुक्र को एक शुभ और लाभकारी ग्रह माना जाता है। इसलिए इसे चर या चंचल रूप में चिह्नित किया गया है। शुक्र की चर प्रकृति के कारण, चर चौघड़िया को यात्रा उद्देश्य के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
काल चौघड़िया
शनि एक पापी ग्रह है इसीलिए इसे काल के रूप में चिह्नित किया गया है। काल चौघड़िया के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। हालांकि, कुछ मामलों में धनोपार्जन हेतु की जाने वाली गतिविधियों के लिए यह लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
शुभ चौघड़िया
बृहस्पति अत्यंत ही शुभ ग्रह है और यह लाभकारी ग्रह माना गया है। इसलिए इसे शुभ के रूप में चिह्नित किया जाता है। शुभ चौघड़िया को विशेष रूप से विवाह समारोह आयोजित करने के लिए उपयुक्त माना जाता है।
लाभ चौघड़िया
बुध ग्रह भी शुभ और लाभदायक ग्रह है इसलिए इसे लाभ के रूप में चिह्नित किया गया है। लाभ के चौघड़िया में शिक्षा या किसी विद्या को सिखने का कार्य प्रारंभ किया जाता है तो वह फलदायी होता है।
अमृत चौघड़िया
चंद्र ग्रह अति शुभ और लाभकारी ग्रह है। इसीलिए इसे अमृत के रूप में चिह्नित किया गया है। अमृत चौघड़िया को सभी प्रकार के कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है।
रोग चौघड़िया
मंगल एक क्रूर और अनिष्टकारी ग्रह है। इसलिए इसे रोग के रूप में चिह्नित किया गया है। रोग चौघड़िया के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। लेकिन युद्ध में शुत्र को हराने के लिए रोग चौघड़िया की अनुशंसा की जाती है।

Swastikत्यौहार कैलेंडर

सभी देखें
Regain Your Lost Happiness

9 Mar

आमलकी एकादशी

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष को आमलकी एकादशी या रंगभरणी एकादशी मनाई जाती है । यह एकादशी होली और शिवरात्रि के बीच में पड़ती है । इस दिन आंवले की पूजा की जाती है।

Regain Your Lost Happiness

12 Mar

होली

रंगों के इस त्योहार को न सिर्फ भारत देश में बल्की दुनिया के कई हिस्सों में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, यह मस्ती और आनंद का पर्व है। इस त्योहार से जुड़ी कई परंपराएं है, जो दो दिनों तक जारी रहती है।

Regain Your Lost Happiness

13 Mar

फाल्गुन पूर्णिमा

हिन्दू पंचाग में फाल्गुन माह सबसे आखिरी माना जाता है। उसी प्रकार फाल्गुन पूर्णिमा साल की अंतिम तिथि होती है, जो शुक्ल पक्ष मे मनाई जाती है व आखिरी दिन भी।

Regain Your Lost Happiness

15 Mar

भ्रातृ द्वितीया

होली के बाद भाई का तिलक करके होली की भाई दूज मनाई जाती है। जिससे उसे सभी प्रकार के कष्टों से बचाया जा सके। एक पौराणिक कथा के अनुसार, भाई दूज वाले दिन यमराज हर वर्ष अपनी बहन यमुना से मिलने उनके घर जाते हैं।

Regain Your Lost Happiness

18 Mar

रंग पंचमी

रंग पंचमी को आम तौर होली के नाम से जाना जाता है। यह त्योहार भारत में फाल्गुन माह में मनाया जाता है। यह पर्व अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग समय अवधि तक मनाया जाता है।

Regain Your Lost Happiness

20 Mar

शीतला सप्तमी

शीतला सातम (Shitala Satam) का पर्व अधिकतर पश्चिमी भारत के राज्यों यथा गुजरात, राजस्थान, उत्तरप्रदेश आदि में मनाया जाता है। शीतला सातम को राजस्थानी भाषा में ‘बासोड़ा’ भी कहा जाता है।

Regain Your Lost Happiness

21 Mar

शीतला अष्टमी

भारतीय परंपराओं में शीतला अष्टमी का त्योहार बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन माता शीतला की पूजा की जाती है। इस त्योहार को मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में मनाया जाता है।

Regain Your Lost Happiness

24 Mar

पापमोचनी एकादशी

पापमोचनी एकादशी की कथा या कहानी भविष्य उत्तर पुराण में बताई गई है। भगवान विष्णु के अवतार कृष्ण और पांडवों में सबसे बड़े भाई युधिष्ठिर के बीच हुए संवाद के जरिए इसे उजागर किया गया है।

Regain Your Lost Happiness

27 Mar

जमात उल-विदा

इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक रमजान नवां महीना होता है। इसे रमदान के रूप में भी पहचानते हैं। यह इस्लामिक कैलेंडर का सबसे पवित्र माह माना जाता है। दुनिया भर में यह माह मुस्लिम धर्म में अपनी अलग अहमियत रखता है।

Regain Your Lost Happiness

28 Mar

चैत्र अमावस्या

अमावस्या वह तिथि है जब चंद्रमा दिखाई नहीं देता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, 30 चंद्र चरण होते हैं, जिन्हें “तिथि” कहा जाता है। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच 12 डिग्री की दूरी होती है तो उसे अमावस्या कहा जाता है।

Regain Your Lost Happiness

29 Mar

गुड़ी पड़वा

गुड़ी पड़वा वसंत ऋतु के दौरान आने वाला त्योहार है, जो मुख्य रूप से महाराष्ट्र और गोवा राज्यों में मनाया जाता है। इस दिन से मराठी नव वर्ष की शुरुआत होती है। गुड़ी पड़वा हिंदू चंद्र कैलेंडर के नए साल के पहले महीने चैत्र महीने में आता है।

Regain Your Lost Happiness

29 Mar

चैत्र नवरात्रि

नवरात्री पूजा में माता का आह्वान कर उनकी पूजा की जाती है। जिसे वसंत नवरात्रि (दुर्गा) के रूप में भी जाना जाता है। नवरात्रि के त्योहार पर दिव्य दुर्गा देवी के नौ प्रकारों की पूजा की जाती है।

Regain Your Lost Happiness

29 Mar

चेटी चंड

भारत की विविधता उन त्योहारों में सबसे अधिक देखी जा सकती है जिन्हें देश मनाता है। ऐसा ही एक उत्सव चेटी चंद है, जो सिंधी लोगों द्वारा मनाया जाता है। चेटी चंद एक सिंधी घटना है जो उनके लिए नए साल की शुरुआत का जश्न मनाती है। यह सिंधी महीने चेत के पहले दिन मनाया जाता है। सिंधी नव वर्ष, चेटी चंद, मराठियों के लिए गुड़ी पड़वा के दिन ही पड़ता है। चेटी चंद का त्योहार सिंधी भगवान उडेरोलाल का जन्मदिन भी है, जिन्हें झूलेलाल के नाम से भी जाना जाता है।

Regain Your Lost Happiness

30 Mar

ईद-उल-फ़ित्र या रमज़ान

मुस्लिम कैलेंडर का नवां महीना रमजान या रमदान होता है, यह बहुत मुकद्दस माह होता है, इस दौरान मुस्लिम अनुयायी उपवास रखते हैं, जिसे रोजा कहा जाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

चौघड़िया क्या होता है?

चौघड़िया का मतलब होता है चार और घड़िया यानी घड़ी, इस तरह दोनों शब्दों को मिलाकर एक शब्द बनता है चौघड़िया। सूर्यास्त से सूर्योदय के बीच के सम को 30-30 घड़ी और उस 30 घड़ी को 8 भागों में विभाजित किया गया है। हिंदू समयानुसार एक घड़ी 24 मिनट के बराबर होती है और एक चौघड़िया 4 घड़ियों के बराबर यानी करीब 96 मिनट की होती है। इस हिसाब से एक चौघड़िया की अवधि करीब डेढ़ घंटे की होती है। इसी के मुताबिक चौघड़िया का मुहूर्त देखा जाता है।

चौघड़िया मुहूर्त के विभिन्न प्रकार क्या हैं?

चौघड़िया में वार वेला, काल वेला और काल रात्रि का भी स्थान होता है। हालांकि, वार वेला, काल वेला और काल रात्रि के दौरान कोई भी शुभ कार्य वर्जित होता है। अब समय के हिसाब से इसे देखें तो वार वेला और काल वेला दिन के समय प्रबल होते हैं जबकि काल रात्रि रात के समय प्रबल होती है। इस दौरान किए गए मांगलिक कार्य फलदायी नहीं होते हैं।

क्या होगा यदि एक शुभ चौघड़िया मुहूर्त वेला, काल या रात्री के अशुभ समय के साथ मेल खाता है?

यदि किसी शुभ चौघड़िया में वेला, काल या रात्री का अशुभ समय रहता है, तो ऐसे समय को छोड़कर दूसरा चौघड़िया देखा जाना चाहिए।

क्या होगा अगर एक शुभ चौघड़िया मुहूर्त वेला, काल या रात्रि के अशुभ समय के साथ मेल खाता है?

चौघड़िया शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है- चो यानी चार और घड़िया यानी घड़ी। प्रत्येक घड़ी, हिंदू समय के अनुसार, 24 मिनट के बराबर होती है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक 30 घड़ियां होती हैं जिन्हें 8 से विभाजित किया जाता है। इसलिए, 8 दिन चौघड़िया मुहूर्त और 8 रात चौघड़िया मुहूर्त होते हैं। एक चौघड़िया 4 घड़ी (लगभग 96 मिनट) के बराबर होता है। तो, एक चौघड़िया लगभग 1.5 घंटे तक रहता है।