शारदीय नवरात्रि 2025: मां दुर्गा की नौ रातें और नौ अवतार
शारदीय नवरात्रि चंद्र मास आश्विन महीने के पहले दिन से शुरू होती है, और चंद्र मास अश्विन के दसवें दिन यह समाप्त होती है। यह 9 दिन माँ दुर्गा की पूजा-पाठ और उनकी कृपा पाने के लिए सबसे शुभ दिन माने जाते हैं। इन 9 दिनों को दुर्गा पूजा के रूप में भी जाना जाता है और इसे ज्यादातर उत्तरी और पूर्वी भारत में मनाया जाता है।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम ने रावण से लड़ने और उसे मारने के पहले माँ दुर्गा की पूजा की थी। उन्हें बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। नवरात्रि के दसवें दिन को ‘विजयादशमी’ या ‘दशहरा’ के नाम से जाना जाता है। शरद नवरात्रि आश्विन महीने के दौरान मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है की इस दिन के बाद से ही सर्दियों के मौसम के शुरुआत होती है।
लोग नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के विभिन्न अवतारों की पूजा करते हैं। लोग अपने घर या मंदिर में इनकी स्थापना करके इन नौ दिनों में मंत्र जाप, भजन, पूजा-पाठ और स्त्रोत का पाठ करते हैं। इन दिनों में हवन और अनुष्ठान का भी बहुत महत्व होता है। कहा जाता है जो भी नवरात्रि में पूरे भक्ति भाव के साथ माँ दुर्गा की पूजा करते हैं उनके सारे दुख दर्द दूर होते हैं।
निष्कर्ष
शारदीय नवरात्रि, दुर्गा के नौ अवतारों का प्रतीकात्मक उत्सव है। यह पूरे भारत में अलग-अलग शैली के रूप पूजा जाता है। जैसे पंजाब में जगराता किया जाता है। जैसे उत्तर भारत में नवरात्रि में रामलीला होती है। बंगाल की दुर्गा पूजा दुनिया भर में मशहूर है। तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में नवरात्रि को गोलू, बोम्मा गोलू, बॉम्बे हब्बा कहा जाता है।नवरात्रि में कन्याओं पूजन और अखंड दिए का सबसे ज्यादा महत्व है। इस नवरात्रि देवी दुर्गा आपको अच्छे स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करें।
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