होम » होरा

आज का होरा अहमदाबाद के लिए

ज्योतिष शास्त्र में होरा काफी महत्वपूर्ण है। वैदिक ज्योतिष में जितना महत्व ग्रह-नक्षत्र, मुहूर्त, तिथि, वार आदि का है, उतना ही महत्व होरा का भी है। होरा भारत में समय की गणना का एक प्राचीन उपाय है। होरा का कुल योग 96 मिनट है, जो मोटे तौर पर प्रत्येक मंडल में 24 मिनट के बराबर है।

आज का होरा Tue, 25 Mar 2025

Ahmedabad
शुभ
अशुभ
सामान्य
राहु काल
दिन होरा 06:37
मंगल – आक्रामक 06:37 – 07:38
सूर्य – जोरदार 07:38 – 08:39
शुक्र – लाभकारी 08:39 – 09:41
बुध – त्वरित 09:41 – 10:42
चंद्र – कोमल 10:42 – 11:43
शनि – सुस्त 11:43 – 12:45
गुरु – फलदायी 12:45 – 13:46
मंगल – आक्रामक 13:46 – 14:47
सूर्य – जोरदार 14:47 – 15:49
शुक्र – लाभकारी 15:49 – 16:50
बुध – त्वरित 16:50 – 17:51
चंद्र – कोमल 17:51 – 18:53
रात्रि होरा 18:53
शनि – सुस्त 18:53 – 19:51
गुरु – फलदायी 19:51 – 20:50
मंगल – आक्रामक 20:50 – 21:48
सूर्य – जोरदार 21:48 – 22:47
शुक्र – लाभकारी 22:47 – 23:45
बुध – त्वरित 23:45 – 00:44
चंद्र – कोमल 00:44 – 01:43
शनि – सुस्त 01:43 – 02:41
गुरु – फलदायी 02:41 – 03:40
मंगल – आक्रामक 03:40 – 04:38
सूर्य – जोरदार 04:38 – 05:37
शुक्र – लाभकारी 05:37 – 06:36

होरा का महत्व

होरा में प्रत्येक वार का महत्व है। हर वार के हिसाब से गणना भी अलग-अलग होती है। आइए यहां प्रत्येक होरा के महत्व के बारे में जानते हैं।

सू्र्य यानी रवि होरा

सूर्य होरा की बात करें तो इस होरा मुहूर्त का उपयोग राजनीतिक कार्यों, सरकारी अधिकारियों से मिलने, नौकरी के लिए आवेदन करने, कोर्ट से संबंधित लेन-देन और खरीदारी आदि के लिए सूर्य होरा मुहूर्त को शुभ माना जाता है। सूर्य होरा माणिक्य धारण करने के लिए भी शुभ माना जाता है।

चंद्रमा होरा

चंद्रमा होरा में स्थान परिवर्तन किया जाता है। इस होरा का उपयोग आवास में परिवर्तन, यात्रा, संपत्ति से संबंधित मामलों, प्रेम संबंधों में प्रिय से मुलाकात, आभूषण की खरीदारी,, कपड़ों आदि की बिक्री, पानी से जुड़े कार्यों के साथ ही रचनात्मक और कलात्मक कार्यों के लिए किया जाता है। चंद्रमा की होरा में मोती धारण किया जा सकता है।

मंगल होरा

कृषि से जुड़े मामलों, वाहन की खरीद-बिक्री, इलेक्ट्रिकल और इंजीनियरिंग के कार्यों के लिए मंगल होरा का उपयोग होता है। इसके साथ ही ऋण देने और लेने, युद्ध कला आदि के लिए भी शुभ है। नई नौकरी में शामिल होने के लिए समय अच्छा है। इस होरा में मूंगा या कैट आई धारण कर सकते हैं।

बुध होरा

व्यवसाय और दवा से संबंधित मामलों के लिए बुध की होरा शुभ मानी जाती है। इसके अलावा सीखने-पढ़ने, ज्योतिष, धार्मिक कार्यों, लेखन, प्रिंटिंग आदि कार्यों, आभूषण की खरीदारी के लिए भी बुध होरा शुभ होती है। बुध की होरा में पन्ना रत्न धारण किया जा सकता है।

बृहस्पति होरा

देव गुरु बृहस्पति की होरा सभी शुभ कार्यों के लिए शुभ मानी जाती है। इस होरा में नौकरी ज्वाइन करने, व्यापार शुरू करने, कोई नया कोर्स शुरू करने के साथ ही कोर्ट कचहरी से जुड़े मामलों के लिए बुध की होरा शुभ है। इसमें धार्मिक कार्य, तीर्थ यात्र आदि के लिए भी यह होरा शुभ है। इस होरा में पुखराज धारण कर सकते हैं।

शुक्र होरा

प्रेम और विवाह, आभूषण की खरीद बिक्री, एंटरटेनमेंट, वाहन की खरीदारी आदि के लिए शुक्र की होरा शुभ होती है। इस होरा में हीरा, ओपल या नए वस्त्र भी धारण कर सकते हैं।

शनि होरा

मेहनतकश लोगों के लिए शनि की होरा अच्छी मानी जाती है। इसके अलावा तेल और लोहे से संबंधित व्यापार के लिए भी शनि की होरा उपयुक्त होती है। इस होरा काल में नीलम या गोमेद धारण किया जा सकता है।

महत्वपूर्ण शुभ मुहूर्त

उद्वेग मुहूर्त
ज्योतिष में सूर्य के प्रभाव को आमतौर पर अशुभ माना गया है इसीलिए इसे उद्वेग के रूप में चिह्नित किया जाता है। हालांकि, इस चौघड़िया में सरकारी कार्यों को किया जा सकता है।
लाभ मुहूर्त
बुध ग्रह भी शुभ और लाभदायक ग्रह है इसलिए इसे लाभ के रूप में चिह्नित किया गया है। लाभ के चौघड़िया में शिक्षा या किसी विद्या को सिखने का कार्य प्रारंभ किया जाता है तो वह फलदायी होता है।
चर मुहूर्त
शुक्र को एक शुभ और लाभकारी ग्रह माना जाता है। इसलिए इसे चर या चंचल रूप में चिह्नित किया गया है। शुक्र की चर प्रकृति के कारण, चर चौघड़िया को यात्रा उद्देश्य के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
अमृत मुहूर्त
चंद्र ग्रह अति शुभ और लाभकारी ग्रह है। इसीलिए इसे अमृत के रूप में चिह्नित किया गया है। अमृत चौघड़िया को सभी प्रकार के कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है।
काल मुहूर्त
शनि एक पापी ग्रह है इसीलिए इसे काल के रूप में चिह्नित किया गया है। काल चौघड़िया के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। हालांकि, कुछ मामलों में धनोपार्जन हेतु की जाने वाली गतिविधियों के लिए यह लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
रोग मुहूर्त
मंगल एक क्रूर और अनिष्टकारी ग्रह है। इसलिए इसे रोग के रूप में चिह्नित किया गया है। रोग चौघड़िया के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। लेकिन युद्ध में शुत्र को हराने के लिए रोग चौघड़िया की अनुशंसा की जाती है।
शुभ मुहूर्त
बृहस्पति अत्यंत ही शुभ ग्रह है और यह लाभकारी ग्रह माना गया है। इसलिए इसे शुभ के रूप में चिह्नित किया जाता है। शुभ चौघड़िया को विशेष रूप से विवाह समारोह आयोजित करने के लिए उपयुक्त माना जाता है।

त्यौहार कैलेंडर

सभी देखें

5 Apr

स्वामीनारायण जयंती

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पूरे देश में राम नवमी मनाई जाती है। भगवान श्री राम के जन्म को इस दिन बड़े हर्ष -उल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन इसी दिन स्वामीनारायण जयंती भी मनाया जाता है।

5 Apr

राम नवमी

भारतवर्ष में कई त्योहार में मनाएं जाते हैं, जिनमें से कुछ त्योहार ऐसे होते हैं, जिनके जाने के बाद फिर अगले साल उनके आने का इंतजार होने लगता है। ऐसे त्योहारों में शामिल है रामनवमी (Ramnavmi)।

7 Apr

कामदा एकादशी

चैत्र नवरात्रि के बाद आने वाले दिन को कामदा एकादशी के रूप में जाना जाता है। कामदा एकादशी को चैत्र शुक्ल एकादशी भी कहते हैं। हिंदू धर्म में, कामदा एकादशी भगवान विष्णु के एक अन्य अवतार, भगवान कृष्ण की पूजा करने का दिन है।

9 Apr

महावीर जयंती

जैन समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार महावीर जयंती है। इस दिन भगवान महावीर का जन्म हुआ था। वे जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर भगवान थे। जैन धर्म के अनुसार जो भावनाओं और इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं, वही तीर्थंकर कहलाते है।

10 Apr

पंगुनी उथिरम

पंगुनी उथिराम या मीना उत्तरा फाल्गुनी के नाम से जाने जाना वाला यह त्योहार भारत के तमिल भाषी क्षेत्रों में काफी लोकप्रिय है। यह स्कंद पुराण में वर्णित आठ महाव्रतों में से एक है।

11 Apr

हनुमान जयंती

हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस दिन संकटमोचन हनुमान का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

13 Apr

बोहाग बिहू

बिहू असमिया समुदाय द्वारा मस्ती और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसके तीन प्रकार हैं, ‘बोहाग बिहू’, जिसे रोंगाली बिहू, ‘कोंगाली बिहू’ या कटि बिहू और ‘भोगली बिहू’ के नाम से भी जाना जाता है, जो माघ बिहू या मगहर दोमही के नाम से भी प्रसिद्ध है।

13 Apr

मेष संक्रांति

मेष संक्रांति 2025 के अनुष्ठान, तिथि और समय को जानें। साथ ही, इस शुभ दिन को मनाने का महत्व भी जानें।

13 Apr

पोहेला बोइशाख

बंगाल में नया साल बैसाख के महीने में पहले दिन को मनाया जाता है, जिसे पोईला बैसाख के नाम से जाना जाता है। पश्चिम बंगाल के अलावा यह त्रिपुरा, असम बांग्ला देश में मनाया जाता है।

13 Apr

बैसाखी

बैसाखी का उत्सव सिखों का एक प्रमुख त्योहार है। जो हर साल 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है। इस उत्सव का आयोजन सिख नव वर्ष की शुरुआत के उपलक्ष्य में किया जाता है। यह मुख्य रूप से पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा और भारत के उत्तरी क्षेत्र में मनाया जाता है।

13 Apr

विशु कानी

इस त्योहार का गहरा सांस्कृतिक महत्व है, और दुनिया भर में मलयाली हिंदू इसे उत्साह के साथ मनाते हैं। इसे बिसु के नाम से भी जाना जाता है और कर्नाटक के मैंगलोर और उडुपी जिलों में अप्रैल के दूसरे सप्ताह में इसे मनाया जाता है।

13 Apr

पुथांडु या तमिल नव वर्ष

तमिल वर्ष का पहला दिन पुंथाडु के नाम से जाना जाता है। इसे चिथिरई भी कहते हैं। इस दिन से तमिल नववर्ष की शुरुआत होती है। इसका दूसरा नाम वरुशा पिरप्पू भी होता है।

19 Apr

ईस्टर

ईसाई धर्म में ईस्टर को पवित्र समय-अवधि में से एक माना जाता है। ईस्टर के धार्मिक त्योहार को ग्रीक और लैटिन में ‘पास्का’ के नाम से भी जाना जाता है। ईसाई मानते हैं कि इसका मतलब है कि इजरायल के लोग मिस्र से भाग गए।

21 Apr

पृथ्वी दिवस

पृथ्वी दिवस एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन है जो मुख्य रूप से पर्यावरण की सुरक्षा पर केंद्रित है। 2025 में इस वार्षिक आयोजन की 55वीं वर्षगांठ है। इसकी थीम धरती को पुनःस्थापित करना है, जो यह बताता है कि जलवायु परिवर्तन ने कैसे हमारी प्राकृतिक प्रणाली को विकृत कर संकट बढाया है और कई घातक बीमारियों के साथ-साथ दुनिया की अर्थव्यवस्था में दरार आ गई है।

23 Apr

वरूथिनी एकादशी

साल भर में जितनी भी एकादशी होती है, हिन्दू धर्म शास्त्र में उन सभी को करने का अलग-अलग स्थान और महत्व प्राप्त है। वरुथिनी एकादशी वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की तिथि को पड़ती है।

23 Apr

वल्लभाचार्य जयंती

श्री वल्लभाचार्य एक भारतीय दार्शनिक थे, जिन्होंने भारत के ब्रज क्षेत्र में वैष्णववाद के कृष्ण-केंद्रित पुष्टि संप्रदाय और शुद्ध अद्वैत दर्शन की स्थापना की। आज की दुनिया में, भगवान श्री कृष्ण के कई भक्तों का मानना है कि श्री वल्लभाचार्य ने गोवर्धन पर्वत पर प्रभु के दर्शन किए थे।

28 Apr

परशुराम जयंती

भगवान परशुराम ऋषि जमदग्नि और रेणुका के पुत्र हैं। उन्होंने देवी लक्ष्मी के अवतार धरणी से विवाह किया। इस ब्राह्मण योद्धा ने पृथ्वी पर बुरी ताकतों को खत्म करने के लिए जन्म लिया था।

29 Apr

अक्षय तृतीया

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया या आखा तीज का बहुत अधिक महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भाग्य की रेखाएं बदल जाती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

होरा क्या होता है?

ज्योतिष में होरा का काफी महत्व है। यह कुंडली विश्लेषण के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। होरा की अवधि एक गंटे की मानी जाती है। एक दिन यानी 24 घंटे में कुल 24 होरा होती है। हर दिन यानी वार की होरा सूर्योदय से शुरू होती है।

होरा का क्या महत्व है?

होरा का ज्योतिष में काफी महत्व है। इसके जरिए धन-संपत्ति के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। किसी भी तरह की कठिन परिस्थितियों में होरा का उपयोग होता है। इसमें ग्रहों की अहम भूमिका होती है।

होरा चार्ट क्या है?

होरा चार्ट फलादेश के लिए तैयार किया जाता है। हर व्यक्ति की एक राशि होती है और उसी आधार पर उसका स्वभाव और अन्य बातें तय होती हैं। इसी के आधार पर होरा चार्ट भी तैयार किया जाता है।

Exit mobile version