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आज का होरा 

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ज्योतिष शास्त्र में होरा काफी महत्वपूर्ण है। वैदिक ज्योतिष में जितना महत्व ग्रह-नक्षत्र, मुहूर्त, तिथि, वार आदि का है, उतना ही महत्व होरा का भी है। होरा भारत में समय की गणना का एक प्राचीन उपाय है। होरा का कुल योग 96 मिनट है, जो मोटे तौर पर प्रत्येक मंडल में 24 मिनट के बराबर है।

आज का होरा Sat, 01 Feb 2025

kolkata
शुभ
अशुभ
सामान्य
Rahu kaal राहु काल
Full Sunदिन होरा Full Sun 06:14
Half sun शनि – सुस्त 06:14 – 07:09
Half sun गुरु – फलदायी 07:09 – 08:05
Half sun मंगल – आक्रामक 08:05 – 09:01
Half sun सूर्य – जोरदार 09:01 – 09:57
Half sun शुक्र – लाभकारी 09:57 – 10:53
Half sun बुध – त्वरित 10:53 – 11:49
Half sun चंद्र – कोमल 11:49 – 12:45
Half sun शनि – सुस्त 12:45 – 13:41
Half sun गुरु – फलदायी 13:41 – 14:37
Half sun मंगल – आक्रामक 14:37 – 15:33
Half sun सूर्य – जोरदार 15:33 – 16:29
Half sun शुक्र – लाभकारी 16:29 – 17:25
Full Sun रात्रि होरा Full Sun 17:25
Half sun बुध – त्वरित 17:25 – 18:29
Half sun चंद्र – कोमल 18:29 – 19:33
Half sun शनि – सुस्त 19:33 – 20:37
Half sun गुरु – फलदायी 20:37 – 21:41
Half sun मंगल – आक्रामक 21:41 – 22:45
Half sun सूर्य – जोरदार 22:45 – 23:49
Half sun शुक्र – लाभकारी 23:49 – 00:53
Half sun बुध – त्वरित Taurus Horoscope 2022 00:53 – 01:57
Half sun चंद्र – कोमल 01:57 – 03:01
Half sun शनि – सुस्त 03:01 – 04:05
Half sun गुरु – फलदायी 04:05 – 05:09
Half sun मंगल – आक्रामक 05:09 – 06:13

होरा का महत्व

होरा में प्रत्येक वार का महत्व है। हर वार के हिसाब से गणना भी अलग-अलग होती है। आइए यहां प्रत्येक होरा के महत्व के बारे में जानते हैं।

सू्र्य यानी रवि होरा

सूर्य होरा की बात करें तो इस होरा मुहूर्त का उपयोग राजनीतिक कार्यों, सरकारी अधिकारियों से मिलने, नौकरी के लिए आवेदन करने, कोर्ट से संबंधित लेन-देन और खरीदारी आदि के लिए सूर्य होरा मुहूर्त को शुभ माना जाता है। सूर्य होरा माणिक्य धारण करने के लिए भी शुभ माना जाता है।

चंद्रमा होरा

चंद्रमा होरा में स्थान परिवर्तन किया जाता है। इस होरा का उपयोग आवास में परिवर्तन, यात्रा, संपत्ति से संबंधित मामलों, प्रेम संबंधों में प्रिय से मुलाकात, आभूषण की खरीदारी,, कपड़ों आदि की बिक्री, पानी से जुड़े कार्यों के साथ ही रचनात्मक और कलात्मक कार्यों के लिए किया जाता है। चंद्रमा की होरा में मोती धारण किया जा सकता है।

मंगल होरा

कृषि से जुड़े मामलों, वाहन की खरीद-बिक्री, इलेक्ट्रिकल और इंजीनियरिंग के कार्यों के लिए मंगल होरा का उपयोग होता है। इसके साथ ही ऋण देने और लेने, युद्ध कला आदि के लिए भी शुभ है। नई नौकरी में शामिल होने के लिए समय अच्छा है। इस होरा में मूंगा या कैट आई धारण कर सकते हैं।

बुध होरा

व्यवसाय और दवा से संबंधित मामलों के लिए बुध की होरा शुभ मानी जाती है। इसके अलावा सीखने-पढ़ने, ज्योतिष, धार्मिक कार्यों, लेखन, प्रिंटिंग आदि कार्यों, आभूषण की खरीदारी के लिए भी बुध होरा शुभ होती है। बुध की होरा में पन्ना रत्न धारण किया जा सकता है।

बृहस्पति होरा

देव गुरु बृहस्पति की होरा सभी शुभ कार्यों के लिए शुभ मानी जाती है। इस होरा में नौकरी ज्वाइन करने, व्यापार शुरू करने, कोई नया कोर्स शुरू करने के साथ ही कोर्ट कचहरी से जुड़े मामलों के लिए बुध की होरा शुभ है। इसमें धार्मिक कार्य, तीर्थ यात्र आदि के लिए भी यह होरा शुभ है। इस होरा में पुखराज धारण कर सकते हैं।

शुक्र होरा

प्रेम और विवाह, आभूषण की खरीद बिक्री, एंटरटेनमेंट, वाहन की खरीदारी आदि के लिए शुक्र की होरा शुभ होती है। इस होरा में हीरा, ओपल या नए वस्त्र भी धारण कर सकते हैं।

शनि होरा

मेहनतकश लोगों के लिए शनि की होरा अच्छी मानी जाती है। इसके अलावा तेल और लोहे से संबंधित व्यापार के लिए भी शनि की होरा उपयुक्त होती है। इस होरा काल में नीलम या गोमेद धारण किया जा सकता है।

महत्वपूर्ण शुभ मुहूर्त

उद्वेग मुहूर्त
ज्योतिष में सूर्य के प्रभाव को आमतौर पर अशुभ माना गया है इसीलिए इसे उद्वेग के रूप में चिह्नित किया जाता है। हालांकि, इस चौघड़िया में सरकारी कार्यों को किया जा सकता है।
लाभ मुहूर्त
बुध ग्रह भी शुभ और लाभदायक ग्रह है इसलिए इसे लाभ के रूप में चिह्नित किया गया है। लाभ के चौघड़िया में शिक्षा या किसी विद्या को सिखने का कार्य प्रारंभ किया जाता है तो वह फलदायी होता है।
चर मुहूर्त
शुक्र को एक शुभ और लाभकारी ग्रह माना जाता है। इसलिए इसे चर या चंचल रूप में चिह्नित किया गया है। शुक्र की चर प्रकृति के कारण, चर चौघड़िया को यात्रा उद्देश्य के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
अमृत मुहूर्त
चंद्र ग्रह अति शुभ और लाभकारी ग्रह है। इसीलिए इसे अमृत के रूप में चिह्नित किया गया है। अमृत चौघड़िया को सभी प्रकार के कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है।
काल मुहूर्त
शनि एक पापी ग्रह है इसीलिए इसे काल के रूप में चिह्नित किया गया है। काल चौघड़िया के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। हालांकि, कुछ मामलों में धनोपार्जन हेतु की जाने वाली गतिविधियों के लिए यह लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
रोग मुहूर्त
मंगल एक क्रूर और अनिष्टकारी ग्रह है। इसलिए इसे रोग के रूप में चिह्नित किया गया है। रोग चौघड़िया के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। लेकिन युद्ध में शुत्र को हराने के लिए रोग चौघड़िया की अनुशंसा की जाती है।
शुभ मुहूर्त
बृहस्पति अत्यंत ही शुभ ग्रह है और यह लाभकारी ग्रह माना गया है। इसलिए इसे शुभ के रूप में चिह्नित किया जाता है। शुभ चौघड़िया को विशेष रूप से विवाह समारोह आयोजित करने के लिए उपयुक्त माना जाता है।

त्यौहार कैलेंडर

सभी देखें

9 Mar

आमलकी एकादशी

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष को आमलकी एकादशी या रंगभरणी एकादशी मनाई जाती है । यह एकादशी होली और शिवरात्रि के बीच में पड़ती है । इस दिन आंवले की पूजा की जाती है।

12 Mar

होली

रंगों के इस त्योहार को न सिर्फ भारत देश में बल्की दुनिया के कई हिस्सों में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, यह मस्ती और आनंद का पर्व है। इस त्योहार से जुड़ी कई परंपराएं है, जो दो दिनों तक जारी रहती है।

13 Mar

फाल्गुन पूर्णिमा

हिन्दू पंचाग में फाल्गुन माह सबसे आखिरी माना जाता है। उसी प्रकार फाल्गुन पूर्णिमा साल की अंतिम तिथि होती है, जो शुक्ल पक्ष मे मनाई जाती है व आखिरी दिन भी।

15 Mar

भ्रातृ द्वितीया

होली के बाद भाई का तिलक करके होली की भाई दूज मनाई जाती है। जिससे उसे सभी प्रकार के कष्टों से बचाया जा सके। एक पौराणिक कथा के अनुसार, भाई दूज वाले दिन यमराज हर वर्ष अपनी बहन यमुना से मिलने उनके घर जाते हैं।

18 Mar

रंग पंचमी

रंग पंचमी को आम तौर होली के नाम से जाना जाता है। यह त्योहार भारत में फाल्गुन माह में मनाया जाता है। यह पर्व अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग समय अवधि तक मनाया जाता है।

20 Mar

शीतला सप्तमी

शीतला सातम (Shitala Satam) का पर्व अधिकतर पश्चिमी भारत के राज्यों यथा गुजरात, राजस्थान, उत्तरप्रदेश आदि में मनाया जाता है। शीतला सातम को राजस्थानी भाषा में ‘बासोड़ा’ भी कहा जाता है।

21 Mar

शीतला अष्टमी

भारतीय परंपराओं में शीतला अष्टमी का त्योहार बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन माता शीतला की पूजा की जाती है। इस त्योहार को मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में मनाया जाता है।

24 Mar

पापमोचनी एकादशी

पापमोचनी एकादशी की कथा या कहानी भविष्य उत्तर पुराण में बताई गई है। भगवान विष्णु के अवतार कृष्ण और पांडवों में सबसे बड़े भाई युधिष्ठिर के बीच हुए संवाद के जरिए इसे उजागर किया गया है।

27 Mar

जमात उल-विदा

इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक रमजान नवां महीना होता है। इसे रमदान के रूप में भी पहचानते हैं। यह इस्लामिक कैलेंडर का सबसे पवित्र माह माना जाता है। दुनिया भर में यह माह मुस्लिम धर्म में अपनी अलग अहमियत रखता है।

28 Mar

चैत्र अमावस्या

अमावस्या वह तिथि है जब चंद्रमा दिखाई नहीं देता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, 30 चंद्र चरण होते हैं, जिन्हें “तिथि” कहा जाता है। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच 12 डिग्री की दूरी होती है तो उसे अमावस्या कहा जाता है।

29 Mar

गुड़ी पड़वा

गुड़ी पड़वा वसंत ऋतु के दौरान आने वाला त्योहार है, जो मुख्य रूप से महाराष्ट्र और गोवा राज्यों में मनाया जाता है। इस दिन से मराठी नव वर्ष की शुरुआत होती है। गुड़ी पड़वा हिंदू चंद्र कैलेंडर के नए साल के पहले महीने चैत्र महीने में आता है।

29 Mar

चैत्र नवरात्रि

नवरात्री पूजा में माता का आह्वान कर उनकी पूजा की जाती है। जिसे वसंत नवरात्रि (दुर्गा) के रूप में भी जाना जाता है। नवरात्रि के त्योहार पर दिव्य दुर्गा देवी के नौ प्रकारों की पूजा की जाती है।

29 Mar

चेटी चंड

भारत की विविधता उन त्योहारों में सबसे अधिक देखी जा सकती है जिन्हें देश मनाता है। ऐसा ही एक उत्सव चेटी चंद है, जो सिंधी लोगों द्वारा मनाया जाता है। चेटी चंद एक सिंधी घटना है जो उनके लिए नए साल की शुरुआत का जश्न मनाती है। यह सिंधी महीने चेत के पहले दिन मनाया जाता है। सिंधी नव वर्ष, चेटी चंद, मराठियों के लिए गुड़ी पड़वा के दिन ही पड़ता है। चेटी चंद का त्योहार सिंधी भगवान उडेरोलाल का जन्मदिन भी है, जिन्हें झूलेलाल के नाम से भी जाना जाता है।

30 Mar

ईद-उल-फ़ित्र या रमज़ान

मुस्लिम कैलेंडर का नवां महीना रमजान या रमदान होता है, यह बहुत मुकद्दस माह होता है, इस दौरान मुस्लिम अनुयायी उपवास रखते हैं, जिसे रोजा कहा जाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

होरा क्या होता है?

ज्योतिष में होरा का काफी महत्व है। यह कुंडली विश्लेषण के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। होरा की अवधि एक गंटे की मानी जाती है। एक दिन यानी 24 घंटे में कुल 24 होरा होती है। हर दिन यानी वार की होरा सूर्योदय से शुरू होती है।

होरा का क्या महत्व है?

होरा का ज्योतिष में काफी महत्व है। इसके जरिए धन-संपत्ति के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। किसी भी तरह की कठिन परिस्थितियों में होरा का उपयोग होता है। इसमें ग्रहों की अहम भूमिका होती है।

होरा चार्ट क्या है?

होरा चार्ट फलादेश के लिए तैयार किया जाता है। हर व्यक्ति की एक राशि होती है और उसी आधार पर उसका स्वभाव और अन्य बातें तय होती हैं। इसी के आधार पर होरा चार्ट भी तैयार किया जाता है।

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