सूर्य को अर्घ्य चढ़ाने के हैं कई फायदे

सूर्य को अर्घ्य चढ़ाने के हैं कई फायदे

प्राचीन भारतीय धर्मशास्त्रों में से एक ऋग्वेद में सूर्य देव की राजसी शक्तियों और क्षमताओं के बारे में बताया गया है। सूर्य की उपासना को केवल हिंदू धर्म में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के दूसरे धर्म से जुड़े लोग भी मानते हैं। वे शक्ति के लिए भगवान सूर्य की प्रार्थना करते हैं। सूर्य को पूरे ब्रह्मांड में जीवन और प्रकाश का अनंत स्रोत भी माना जाता है। इसके साथ ही कहा जाता है कि सूर्य को जल चढ़ाने या अर्घ्य देने के कई फायदे हैं।


कौन हैं सूर्य देव?

हिंदू धर्म में पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, सूर्य सात शक्तिशाली घोड़ों के साथ एक भव्य रथ की सवारी करते हैं। सात घोड़े का अपना अलग अथ होता है।
वे मानव शरीर में सात चक्रों को दर्शाते हैं। हिंदू धर्म में सूर्य के चित्रण से जुड़े कुछ रोचक विवरण हैं। माना जाता है कि उनके हाथ में कमल है, जो जीवन की संभावना का प्रतीक है। उनके पास शंख, चक्र और एक गदा भी है।
आम तौर पर हिंदू पौराणिक कथाओं में, सूरज या सूर्य को नवग्रहों (नौ ग्रह) में एक प्रमुख स्थान दिया गया है। वह संतों और मनुष्यों, असुरों और राक्षसों की ओर से सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवताओं में से एक हैं।


भगवान सूर्य के कई रूप

लोग सूर्य के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं। सूर्य अर्क और मित्र, सामान्य तौर पर सूर्य के दो रूप होते हैं जिनकी पूजा की जाती है। उत्तर और पूर्वी भारत में सूर्य के अर्क रूप की पूजा की जाती है। भारत और कई अन्य जगहों पर लोग सूर्य को जल चढ़ाने या अर्पित करने के लाभों के महत्व को जानते हैं। प्राचीन शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि सूर्य को जल चढ़ाने का बड़ा महत्व है।


हिंदू संस्कृति में सूर्य को जल चढ़ाने का लाभ प्राप्त करने के लिए लोग

सूर्य के 108 नामों का भी जाप करते हैं। आदित्य, आदि देव, अंगारक, अर्क, भग, ब्रह्मा, धन्वंतरि, धर्मध्वज, धत्री, धुमकेतु, इंद्र, जया, मैत्रेय, प्रभाकर, रवि, रुद्र, सावित्री, सोम, तेज, वैश्रवण, वनही, वरुण और विष्णु जैसे कई नामों से देश के कोने-कोने में सूर्य की पूजा की जाती है।


भारत में सूर्य मंदिर

भारत में कई जगहों पर सूर्य मंदिर हैं। सूर्य के सबसे प्रसिद्ध और प्रमुख मंदिरों में से एक भुवनेश्वर, उड़ीसा में कोणार्क मंदिर है। सूर्य के अन्य महत्वपूर्ण मंदिर उत्तर प्रदेश राज्य में लोलरका मंदिर, राजस्थान में बलारका सूर्य मंदिर और गुजरात में मोढेरा का सूर्य मंदिर हैं। गुजरात में सूर्य के मित्र रूप की पूजा की जाती है। गुजरात में लोग अपनी बेहतरी और वृद्धि के लिए सूर्य को जल चढ़ाते हैं।


सूर्य देव का अर्घ्य: फायदे व तरीके

भारत में हर दिन सुबह सूर्य की पूजा करना कई लोगों की दिनचर्या है। यह शरीर में प्रबल ऊर्जा लेकर आता है। लोग यह भी मानते हैं कि सूर्य की पूजा करने और सूर्य अर्घ्य देने से उन्हें ग्रह दोष के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है।
सूर्य मंत्र का जाप करने से आपकी जीवन शक्ति में वृद्धि होती है। इसके साथ ही सूर्य को जल चढ़ाने का वैज्ञानिक महत्व भी है। सूर्य अर्घ्य के लाभों में स्वास्थ्य और धन में समृद्धि भी शामिल है। सूर्य की पूजा करने से व्यक्ति के गुणों में साहस, शक्ति और सफल जीवन आदि जुड़ जाते हैं।
सूर्य देव की पूजा और जल चढ़ाने से पहले पूजा की विधि को समझते हैं। इसके लिए हमें उचित चरणों का पालन करना होगा। इसकी शुरुआत सुबह स्नान आदि के साथ होती है। स्नान से न केवल ध्यान केंद्रित किया जा सकता है बल्कि मन के विचारों को भी शुद्धता मिलती है।
बहुत से लोग सूर्योदय के साथ उपवास भी करते हैं, यह उपवास पूरे दिन रखा जाता है। उपवास सूर्य को जल चढ़ाने या अर्घ्य देने के लाभ दिलाने में मदद करता है। सूर्य पूजा को लेकर एक अहम तथ्य और है, सूर्य पूजा शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा करते हैं। इसमें सूर्य यंत्र, घी, हवन कुंड, नारियल और कुमकुम जैसी चीजों का उपयोग सूर्यदेव या सूर्य देव की पूजा के लिए किया जाता है।


इन चरणों में की जाएगी सूर्य पूजा

  • प्रात:काल स्वच्छ जल से स्नान करें।
  • सूर्य को अर्घ्य चढ़ाने से पहले साफ और स्वच्छ कपड़े पहने, फिर पूजा करें।
  • प्रात:काल में ही पूजा करें।
  • सूर्य पूजा करते समय मुंह पूर्व दिशा में रखें।
  • गंगाजल छिड़कें और स्वयं को शुद्ध करें।
  • पूजा शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा करें।
  • एक तांबे का बर्तन लें और उसमें शहद भरकर भगवान सूर्य को अर्पित करें।
  • पात्र में जल भरें और सूर्य को अर्पित करते हुए जमीन पर डालें।
  • आमतौर पर सूर्य पूजा के लिए कमल का उपयोग किया जाता है, लेकिन दूसरे फूल का भी उपयोग कर सकते हैं।
  • अपने माथे पर कुमकुम या चंदन का तिलक लगाएं और सूर्य देव के नामों का जाप करें।
  • पूजा करते समय ग्यारह बार गायत्री मंत्र या आदित्य हृदय स्तोत्र का जाप करना चाहिए।
  • पांच से सात मिनट तक धूप में ध्यान करें।
  • अंत में जमीन पर डाले गए सूर्य अर्घ्य के जल को स्पर्श करेंं।

 

इन चरणों का पालन करने के बाद सूर्य पूजा पूर्ण मानी जाती है। यदि आप सूर्य को जल चढ़ाने के अधिक लाभ चाहते हैं, तो हर सुबह इन चरणों को दोहराएं। सूर्य पूजा आपके तन, मन और मस्तिष्क को सही संतुलन प्रदान करेगी। सूर्य पूजा ही दैनिक जीवन में सफलता हासिल करने का एक रहस्य है।

सूर्य को अर्घ्य चढ़ाने के कई लाभ हैं, इनका उल्लेख ऋग्वेद जैसे भारतीय शास्त्र में भी निहित है। सूर्य की उपासना के बाद सूर्य देव असीम शक्ति का संचार करते हैं। नियमित पूजा आपको बुद्धिमान बनाती है। यह आपको नकारात्मक विचारों, अहंकार, घृणा और लालच से छुटकारा पाने में भी मदद करती है। दैनिक जीवन की बाधाओं और समस्याओं को दूर करने के लिए आपको अपार शारीरिक और मानसिक शक्ति मिलेगी।