ग्रह गोचर 2025: सभी ग्रहों के गोचर की विस्तृत सूची
How do planetary transits work in Vedic astrology?
वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की संख्य 9 माना जाता है। इनमें सूर्य, चंद्रमा, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, राहु, केतु और बुध हैं। इन्हें नवग्रह भी कहा जाता है। ये ग्रह सालों भर राशि चक्र की 12 राशियों का चक्कर लगाते रहते हैं।
राशि में इन ग्रहों की मौजूदगी का असर व्यक्ति पर पड़ता है। इसी तरह जब कोई ग्रह एक राशि छोड़कर दूसरी राशि में प्रवेश करते है, तो उसे गोचर या पारगमन कहते हैं। राहु और केतु को छोड़कर सभी सात दृश्यमान ग्रह एक विशिष्ट तरीके से चलते हैं, जबकि केतु और राहु विपरीत दिशा में यात्रा करते हैं। ग्रहों के इस गोचर का प्रभाव संबंधित राशि वाले व्यक्ति पर देखने को मिलता है। हर राशि के जातक पर इस गोचर का प्रभाव भी अलग-अलग होता है।
किसी व्यक्ति के जन्म के समय ग्रह की स्थिति महत्वपूर्ण मानी जाती है। जन्म के बाद जातक की कुंडली तैयार करने के दौरान भी ग्रहों की स्थिति देखी जाती है और उसके आधार पर ही कुंडली तैयारी किया जाता है। ग्रहों की स्थिति के आधार पर कुंडलियों की व्याख्या भी अलग-अलग तरीके स की जाती है। वहीं ग्रह जब गोचर करते हैं, तो उसका भी असर जातक पर देखने को मिलता है। ग्रहों के इस गोचर के आधार पर भी ज्योतिषी कुंडली का विश्लेषण कर भविष्यवाणी करते हैं।
इन ग्रह गोचरों के प्रभावों का विश्लेषण वैदिक ज्योतिष की सहायता से ही संभव है। व्यक्ति के जीवन पर ग्रहों की स्थिति और उनके गोचर का सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है। हालांकि, अगर किसी शुभ ग्रह का गोचर आपकी राशि में हो रहा है, तो उसके प्रभाव ज्यादातर सकारात्मक ही होते हैं। हालांकि, ग्रह को कमजोर होने, या किसी विपरीत ग्रह की युति में आने के कारण विपरीत प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं।
ज्योतिषी भविष्य की घटनाओं की भविष्यवाणी करने के लिए इन पारगमन और आपके जन्म चार्ट में ग्रहों के बीच के कनेक्शन का उपयोग करते हैं। उनके गुणों के आधार पर, ज्यादा और कम प्रभाव देखने को मिल सकता है। हालांकि, प्रभाव जो भी हो, लेकिन वह काफी महत्वपूर्ण हो सकता है। ।
वैसे कुछ ग्रहों का आपके जीवन में ज्यादा प्रभाव नहीं देखने को मिलता है। यानी उनका प्रभाव कम ही होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ये ग्रह तेजी से राशि परिवर्तन करते हैं। वहीं धीमी गति से चलने वाले ग्रहों का व्यक्ति के जीवन पर व्यापक प्रभाव देखने को मिल सकता है। ग्रहों में मंगल, शुक्र, बुध, सूर्य और चंद्रमा तेजी से चलने वाले कहे जाते हैं। उनके गोचर का प्रभाव तत्काल होगा। इसके विपरीत, बृहस्पति, शनि, राहु और केतु जैसे ग्रह धीमे चलते हैं।
2025 ज्योतिषीय गोचर (जनवरी 2025 से दिसंबर 2025)
ज्योतिषीय | तिथि से | तिथि तक | स्थिति काल |
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मीन राशि में शुक्र और राहु की युति | 28 जनवरी 2025 | 18 मई 2025 | 110 दिन |
मकर राशि में सूर्य और बुध की युति | 24 जनवरी 2025 | 11 फरवरी 2025 | 18 दिन |
मकर राशि सूर्य-चन्द्र और बुध की युति | 28 जनवरी 2025 | 30 जनवरी 2025 | 2 दिन |
मीन राशि में चंद्रमा-शुक्र और राहु की युति | 01 फरवरी 2025 | 03 फरवरी 2025 | 2 दिन |
कुम्भ राशि में सूर्य-शनि और बुध की युति | 12 फरवरी 2025 | 27 फरवरी 2025 | 15 दिन |
कुम्भ राशि में सूर्य-चन्द्र-शनि और बुध की युति | 27 फरवरी 2025 | 27 फरवरी 2025 | 0 दिन |
मीन राशि में बुध-शुक्र और राहु की युति | 27 फरवरी 2025 | 07 मई 2025 | 69 दिन |
कुंभ राशि में सूर्य और शनि की युति | 12 फरवरी 2025 | 14 मार्च 2025 | 30 दिन |
कुंभ राशि सूर्य-चन्द्र और शनि की युति | 27 फरवरी 2025 | 01 मार्च 2025 | 2 दिन |
मीन राशि में सूर्य-बुध-शुक्र और राहु की युति | 14 मार्च 2025 | 14 अप्रैल 2025 | 31 दिन |
मीन राशि में सूर्य-चन्द्र-बुध-शुक्र और राहु की युति | 28 मार्च 2025 | 30 मार्च 2025 | 2 दिन |
मीन राशि में शनि और राहु की युति | 29 मार्च 2025 | 18 मई 2025 | 50 दिन |
मीन राशि में सूर्य-चंद्र-शनि-बुध-शुक्र और राहु की युति | 29 मार्च 2025 | 30 मार्च 2025 | 1 दिन |
मीन राशि में सूर्य-बुध-शुक्र-शनि और राहु की युति | 29 मार्च 2025 | 14 अप्रैल 2025 | 16 दिन |
मीन राशि में बुध-शुक्र-शनि और राहु की युति | 29 मार्च 2025 | 07 मई 2025 | 39 दिन |
मीन राशि में चंद्रमा-बुध-शुक्र-शनि और राहु की युति | 25 अप्रैल 2025 | 27 अप्रैल 2025 | 2 दिन |
मेष राशि में सूर्य और बुध की युति | 07 मई 2025 | 15 मई 2025 | 8 दिन |
मीन राशि में चंद्रमा-शनि और शुक्र की युति | 22 मई 2025 | 24 मई 2025 | 2 दिन |
वृषभ राशि में सूर्य और बुध की युति | 23 मई 2025 | 06 जून 2025 | 14 दिन |
सिंह राशि में मंगल और केतु की युति | 07 जून 2025 | 28 जुलाई 2025 | 51 दिन |
कर्क राशि में सूर्य और बुध की युति | 16 जुलाई 2025 | 17 अगस्त 2025 | 32 दिन |
सिंह राशि में सूर्य और केतु की युति | 17 अगस्त 2025 | 17 सितंबर 2025 | 31 दिन |
सिंह राशि में सूर्य और बुध की युति | 30 अगस्त 2025 | 15 सितंबर 2025 | 16 दिन |
सिंह राशि में शुक्र और केतु की युति | 15 सितंबर 2025 | 09 अक्टूबर 2025 | 24 दिन |
कन्या राशि में सूर्य और बुध की युति | 17 सितंबर 2025 | 03 अक्टूबर 2025 | 16 दिन |
तुला राशि में सूर्य और बुध की युति | 17 अक्टूबर 2025 | 24 अक्टूबर 2025 | 7 दिन |
तुला राशि में सूर्य और मंगल की युति | 17 अक्टूबर 2025 | 27 अक्टूबर 2025 | 10 दिन |
वृश्चिक राशि में सूर्य और बुध की युति | 16 नवंबर 2025 | 23 नवंबर 2025 | 7 दिन |
वृश्चिक राशि में सूर्य और मंगल की युति | 16 नवंबर 2025 | 07 दिसंबर 2025 | 21 दिन |
वृश्चिक राशि में सूर्य और बुध की युति | 06 दिसंबर 2025 | 16 दिसंबर 2025 | 10 दिन |
धनु राशि में सूर्य और मंगल की युति | 16 दिसंबर 2025 | 14 जनवरी 2026 | 29 दिन |
धनु राशि में सूर्य और बुध की युति | 29 दिसंबर 2025 | 14 जनवरी 2026 | 16 दिन |
ये तो है संबंधित राशियों में विभिन्न ग्रहों की युति का समय। उपरोक्त तिथियों से आपको पता चल सकेगा कि कौन से ग्रह की किस राशि में युति होगी और यह युति कब से कब तक होगी। आइए इसके बारे में जानते हैं।
2025 में ग्रहों का गोचर
सूर्य गोचर 2025
सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना जाता है। यानी सूर्य देव को हम सभी देख सकते हैं। सूर्य का प्रकाश ही सार है, आत्मा है। सूर्य हमारी पहचान और आत्मा का प्रतीक है। सूर्य जब राशि बदलते हैं, तो इसका प्रभाव सभी लोगों पर देखने को मिलता है। चाहे आप किसी भी राशि के हों, सूर्य के राशि परिवर्तन का प्रभाव आप पर जरूर देखने को मिलेगा। आमतौर पर सूर्य को एक लाभकारी ग्रह माना जाता है। सूर्य के राशि परिवर्तन का आम तौर पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है। सूर्य एक राशि में करीब एक महीने यानी 28 से 30 दिनों का समय व्यतीत करते हैं।
सूर्य किसी व्यक्ति के आत्म-मूल्यों, इच्छाओं के साथ ही सेहत और जीवन शक्ति को निर्धारित करते हैं। सूर्य एक तनाव मुक्त जीवन जीने में भी आपकी मदद कर सकते हैं। कुल मिलाकर कहें, तो सूर्यदेव हर मामले में आपकी मदद करते हैं, चाहे ये मुद्दे किसी भी स्थिति से क्यों न जुड़े हों।
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चंद्रमा पारगमन 2025
चंद्रमा यानी चंद्र ग्रह हमारे सबसे करीब होते हैं। चंद्रमा एक ऐसे ग्रह हैं, जो एक राशि में सबसे कम समय बिताते हैं। चंद्र ग्रह एक महीने में हर राशि से होकर गुजरते हैं और वे प्रत्येक राशि में 2.5 दिन बिताते हैं।
चंद्रमा का मन पर नियंत्रण होता है। वे आपकी भावनाओं और मनोविज्ञान को नियंत्रित करते हैं। चंद्रमा रचनात्मकता को भी प्रदर्शित करते हैं। अगर चंद्रमा कमजोर स्थिति में हों, तो कई तरही के विपरीत परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
इसी तरह जब चंद्रमा सकारात्मक हों, तो इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं। चंद्रमा के प्रभाव से व्यक्ति दयालु होता है।
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बुध पारगमन 2025
बुध को बुद्धि और ज्ञान का ग्रह माना जाता है। बुध किसी एक राशि में 14 से 30 दिनों का समय बिताते हैं। इस बात को कुछ इस तरह समझ सकते हैं कि बुध एक साल में भी सभी राशियों से होकर गुजर सकते हैं।
वैसे तो बुध को बुद्धि का ग्रह माना जाता है, लेकिन बुध के प्रभाव से व्यक्ति का स्वभाव शरारती भी हो सकता है। कई बार व्यक्ति बातूनी भी हो सकता है। वैसे बुध शरारती स्वभाव के साथ आपको बहिर्मुखी गुण भी प्रदान करते हैं।
बुध के प्रभाव से व्यक्ति की तर्क शक्ति अच्छी होती है। जातक भीड़ से अलग नजर आता है। हालांकि, प्रतिकूल स्थिति में बुध के विपरीत प्रभाव भी देखने को मिलते हैं।
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शुक्र पारगमन 2025
प्रेम, समृद्धि, रोमांस और आनंद के ग्रह शुक्र को स्त्री ग्रह माना जाता है। शुक्र आपको सुंदरता और लाभ प्रदान करते हैं। शुक्र बच्चों के साथ ही रिश्तों के भी कारक होते हैं। शुक्र जब राशि परिवर्तित करते हैं, तो इससे जुड़े जातकों पर इसका प्रभाव कुछ ज्यादा ही देखने को मिलता है।
शुक्र के एक राशि में समय की बात करें, तो वे एक राशि में 23 दिन से लेकर 2 महीने तक का समय गुजारते हैं। मजेदार तथ्य यह है कि वर्ष के किसी भी समय, शुक्र कभी भी सूर्य से दो राशियों से अधिक दूर नहीं होते हैं। सूर्य की तरह शुक्र का भी हमारे जीवन पर काफी प्रभाव देखने को मिलता है। ।
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मंगल पारगमन 2025
लाल ग्रह मंगल को उग्र ग्रह माना जाता है। जहां शुक्र स्त्री ग्रह हैं वहीं महत्वाकांक्षा से जुड़े मंगल ग्रह पुरुषत्व से जुड़े माने जाते हैं। मंगल का संबंध अच्छे नेतृत्व गुणों से होता है।
गति के आधार पर देखें तो मंगल एक राशि में लगभग 1.5 महीने तक रहते हैं। एक से दूसरी राशि में जाने और उसमें समय गुजारने में मंगल को करीब 1.5 से 2 साल तक का समय लगता है। राशि के मुताबिक मंगल के गोचर का प्रभाव विभिन्न राशियों पर देखने को मिलता है।
मंगल के प्रभाव से व्यक्ति आपको त्वरित निर्णय लेने, साहसी बनने और जोखिम लेने में भी मदद कर सकता है। मंगल आपको अपने संबंधित क्षेत्र में सफल बनाने में भी योगदान देते हैं।
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बृहस्पति पारगमन 2025
बृहस्पति को देवगुरू कहा जाता है। ऐसे में बृहस्पति ग्रह लगभग हर परिस्थिति में अच्छे ही माने जाते हैं। यदि आप सही रास्ता चुनते हैं तो आप इस बात पर भरोसा कर सकते हैं कि बृहस्पति आपके पक्ष में रहेंगे।
बृहस्पति को सभी 12 राशियों का भ्रमण करने में 12 वर्ष लगते हैं। यानी गुरू प्रत्येक राशि में एक साल का समय व्यतीत करते हैं।
बृहस्पति धन, ज्ञान, आध्यात्मिकता और शिक्षा के प्रतीक हैं। यह आपके भाषण के लिए आपके विचारों को उचित रूप से व्यवस्थित करने में भी आपकी सहायता कर सकते हैं।
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शनि गोचर 2025
शनि को न्याय का ग्रह माना जाता है। शनि सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह माने जाते हैं। शनि एक राशि में करीब ढाई वर्ष तक रहते हैं। ऐसे में सभी 12 राशियों से होकर गुजरने में शनि को करीब-करीब 29.5 साल लग जाते हैं।
शनि अगर धीमी गति से चल रहे हैं, तो इसका मतलब यह है कि एक राशि में ग्रह का प्रभाव लंबे समय तक देखने को मिलता है। हालांकि, कई बार शनि उच्च तीव्रता वाले प्रभाव भी देते हैं। शनि को कर्म ग्रह भी कहा जाता है। वे यह निर्धारित करते हैं कि आप अपना जीवन कैसे जीते हैं। शनि एक सख्त शिक्षक के समान हैं, क्योंकि कई बार डारने वाली स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है, लेकिन वे आपको नैतिकता और जिम्मेदारी से कार्य करने की शक्ति के साथ-साथ जिम्मेदार निर्णय लेने की क्षमता भी प्रदान करते हैं।
दूसरी ओर, ग्रह के प्रभाव से कभी-कभी दुर्घटनाएं, अचानक परिवर्तन और कठिनाइयां भी देखने को मिल सकती है। शनि को एक अशुभ ग्रह माना जाता है, लेकिन शनि के गोचर का परिणाम हमेशा विपरीत नहीं होता।
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राहु गोचर 2025
वैदिक ज्योतिष में राहु एक नोडल ग्रह है। अन्य ग्रहों के विपरीत, यह भौतिक रूप से निर्मित नहीं है। इसकी पहचान सूर्य और चंद्रमा के पथों के प्रतिच्छेदन से की जाती है। यही कारण है कि राहु को छाया ग्रह भी कहा जाता है। राहु लोगों को झूठी आशा और दर्शन देने के लिए जाना जाता है। यह सभी सट्टा प्रयासों से भी जुड़ा हुआ है। कुल मिलाकर कहें, तो राहु में आपको भौतिक दुनिया से विचलित करने की क्षमता होती है।
राहु के प्रभाव से व्यक्ति अन्य लोगों की तुलना में चीजों पर थोड़ा अलग विचार करने वाला होता है। राहु अन्य ग्रहों की तुलना में एक विशिष्ट दिशा में चलता है।
राहु पारगमन 2025 के बारे में यहां और पढ़ें……
केतु गोचर 2025
जहां सूर्य और चंद्रमा के मार्ग मिलते हैं, वह चंद्रमा के दक्षिणी नोड केतु पर है। केतु ड्रैगन की पूंछ है, और राहु उसका सिर है। गोचर के आधार पर केतु सकारात्मक और नकारात्मक दोनों स्थितियां उत्पन्न कर सकता है।
केतु किसी व्यक्ति के मानसिक और भावनात्मक कल्याण में उतार-चढ़ाव पैदा करने के लिए भी जाने जाते हैं। केतु आपको भौतिक संपदा प्रदान कर आत्ममुग्ध बना सकता है। हालांकि, केतु भी राहु की तरह कभी-कभी आपको धोखा दे सकते हैं।
अब अगर इसकी चाल की बात करें, तो यह भी धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। यही कारण है कि राहु और केतु प्रत्येक एक राशि में 1.5 वर्ष व्यतीत करते हैं। राहु की तरह केतु भी अपरंपरागत सोच से आपकी सहायता कर सकता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों
ग्रह गोचर क्यों महत्वपूर्ण है?
ग्रहों की चाल आपके चार्ट में ग्रहों के साथ या आपकी राशि के साथ कैसे परस्पर क्रिया करती है, यह देखकर भविष्य की घटनाओं की काफी भविष्यवाणी की जा सकती है। हालाँकि, क्योंकि वे संकेतों के बीच बहुत तेजी से बदलाव करते हैं, कुछ तेजी से आगे बढ़ने वाले ग्रहों को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
पारगमन और दृष्टि एक दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?
पारगमन शब्द का प्रयोग किसी ग्रह की आगे या पीछे की गति का वर्णन करने के लिए किया जाता है। इसके विपरीत, पहलू वे कोण हैं जो ग्रह तब बनाते हैं जब वे एक दूसरे के संबंध में स्थित होते हैं।
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