दक्षिण-पश्चिम मुखी घर का वास्तु कैसा होना चाहिए?
वास्तु सार
वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत ही खास महत्व है। वास्तु शास्त्र में दक्षिण पश्चिम दिशा को नैऋत्य दिशा कहा जाता है। नैऋत्य दिशा पृथ्वी के तत्व का प्रतिनिधित्व करती है और राहु उसका स्वामी ग्रह होता है। राहु वैदिक ज्योतिष के उग्र ग्रहों में से एक माना जाता है। दक्षिण पश्चिमी कोना आपके परिवार में स्थायित्व या स्थिरता को दिखाता है। ऐसे में हमें इस कोने के सभी तत्वों में संतुलन बनाए रखना चाहिए, जिससे हमारे परिवार में सुख समृद्धि भी बनी रहे।
इस कोण का कटा हुआ होने या इसमें किसी तरह का वास्तु दोष होना परिवार की प्रगति को बाधित करता है, सुख समृद्धि भी प्रभावित होती है। इसके परिणाम स्वरूप जरूरत से ज्यादा खर्च होता है, मानसिक तनाव बना रहता है। ऐसे में इस कोने को हमेशा घर के अन्य भाग की तुलना में भारी होना चाहिए और यहां उन वस्तुओं को रखना चाहिए, जिसका संबंध पृथ्वी तत्व से होता है।
दक्षिणी पश्चिमी दिशा में वास्तु दोष
- दक्षिण पश्चिम कोने में शौचालय होना।
- दक्षिण पश्चिम कोने में रसोई होना।
- दक्षिण पश्चिम कोने का कटा हुआ होना।
- दक्षिण पश्चिम कोने का ज्यादा बढ़ा हुआ होना या कोई बड़ी खिड़की होना।
- घर का प्रवेश द्वार दक्षिण पश्चिम कोने में होना।
- दक्षिण पश्चिम कोने में पानी का टैंक होना।
- दक्षिण पश्चिम कोने में लिविंग रूम या ड्राइंग रूम होना।
दक्षिण पश्चिमी कोने के लिए वास्तु के उपाय
वास्तु शास्त्र में ऐसे कई उपाय होते हैं, जिससे नकारात्मक ऊर्जा हो कम किया जा सकता है। वास्तु शास्त्र में ऐसे कई उपाय हैं, जो इन दोषों को दूर कर सकते हैं। ये उपाय रसोई के जरिए दूर किए जा सकते हैं। इसके लिए कुछ निर्देशों का पालन करना जरूरी है।
- अगर दक्षिण पश्चिम कोना कटा हुआ है, तो इसके प्रतिकूल प्रभावों को दूर करने के लिए यहां कोई भारी फर्नीचर और आइटम रखें।
- इस कोने में दीवारों पर मिट्टी के बर्तन, सुंदर चित्र और मनभावन तस्वीर लगाएं।
- अगर संभव हो तो इस कोने में हल्के भूरे रंग या मिट्टी का जैसा लगने वाला रंग दीवारों पर लगाएं।
- दक्षिण पश्चिम कोने में राहु यंत्र रखा जा सकता है।
- सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने और वास्तु दोषों को दूर करने के लिए सभी दिशाओं में वास्तु पिरामिड रखें। इससे नकारात्मक दूर होगी।
दक्षिण पश्चिमी दिशा में मुख्य द्वार होने पर ये उपाय करें
सम्पत्ति रखने से पहले दक्षिण पश्चिमी प्रवेश द्वार वाले घर को खरीदने से बचना चाहिए। यह समस्याओं का कारण बन सकता है। इन उपायों से दूर किया जा सकता है।
- अगर घर का प्रवेश द्वार दक्षिण पश्चिमी दिशा में है तो तय करें कि घर के अंदर दरवाजे और खिड़कियां समान संख्या में हों।
- अगर दक्षिण पश्चिम कोने में घर का मुख्य द्वार है तो दरवाजे के पास भगवान गणपति की मूर्ति स्थापित करें।
- दक्षिण पश्चिम कोने में प्रवेश द्वार होने पर पवित्र प्रतीक माने जाने वाले ओम, त्रिशूल, स्वास्तिक आदि रख नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
- सकारात्मकता बढ़ाने के लिए पौधे, विंड चाइम्स, वास्तु पिरामिड का उपयोग भी किया जा सकता है।
दक्षिण पश्चिम कोने के लिए वास्तु टिप्स
दक्षिण पश्चिम कोने में अपना कीमती सामान रखने से पहले कुछ टिप्स अपनाए जा सकते हैं।
- आभूषण, नकदी और अन्य महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज दक्षिण पश्चिम कोने में रखे जा सकते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह सम्पन्नता को बढ़ाता है।
- यदि इस दिशा में तिजोरी रखी जाती है तो ध्यान रखें कि तिजोरों की मुंह दक्षिण पश्चिम दिशा में ना खुले।
- यदि वित्तीय कठिनाइयों से बचना चाहते हैं तो ध्यान रखें कि मुख्य तिजोरा क दरवाजा उत्तर या उत्तर पूर्व दिशा में खुले।
- मुख्य तिजोरी में लाल कपड़ा और सिट्रीन क्रिस्टल रखना चाहिए, यह धन और सफलता को आकर्षित करता है।
- दक्षिण पश्चिम कोने में शौचालय नहीं बनाना चाहिए, यह शांति, सुख व समृद्धि को कम करता है।
- घर के दक्षिण पश्चिम कोने में पानी और नमक से भरा एक गिलास रखें। इसके अलावा एक लाल लाइट वाला बल्ब भी लगाएं।
दक्षिण पश्चिम प्रवेश द्वार वाले मकान वास्तु के मुताबिक क्या सही है?
वास्तु के सिद्धांत के मुताबिक अगर दक्षिण पश्चिम कोने में प्रवेश द्वार है तो उसे केंद्र में शिफ्ट किया जा सकता है।
हालांकि, घर के मालिकों को सेंटर के साथ पैसिज का रास्ता बनाने से बचना चाहिए जो दक्षिण की ओर खुलता हो, क्योंकि यह अशुभ माना जाता है।
निष्कर्ष
वास्तु के सिद्धांतों का पालन करके घर में मौजूद नकारात्मकता को दूर किया जा सकता है। छोटे-छोटे बदलावों को लागू करके सुख समृद्धि पाई जा सकती है। दक्षिण पश्चिम कोने में प्रवेश द्वार हो तो उसका कोई समाधान तलाशना बेहद जरूरी है। दक्षिण पश्चिम वास्तु अच्छे स्वास्थ्य, धन, वैवाहिक आनंद, और करियर के लिहाज से उन्नति तय करता है। अगर आप आनंद चाहते हैं तो इन नियमों की पालना करना बेहद जरूरी है।