व्यापार में सफलता चाहते हैं तो अपनाएं ये वास्तु टिप्स
वास्तु शास्त्र मानव के लिए वास्तविक रूप से अत्यंत लाभदायक है। वास्तु के नियमों का पालन करने से कई लाभ होते हैं। जीवन में मनोवांछित सफलता प्राप्त की जा सकती है।
कई बार होता है कि जब हम कड़ी मेहनत करते हैं, फिर भी सही परिणाम हासिल नहीं हो पाते हैं। ऐसे में मन में निराशा बढ़ती रहती है। ऐसी स्थिति में वास्तु एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह जीवन को आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित करता है, जिसकी मदद से हम जीवन में उन्नति के पथ पर आगे बढ़ जाते हैं।
हमें चाहिए कि हम वास्तु शास्त्र को हल्के में न लें, क्योंकि इसमें एक करिश्माई असर है, जिससे कई बार हम अनभिज्ञ रहते हैं। वास्तु के जो नियम लिखे या बताए गए हैं, उनका सख्ती के साथ पालन करेंगे तो ही जीवन में चाहे गए परिणाम या बदलाव लाए जा सकते हैं।
यहां पर सुनिश्चित करना सबसे अच्छा होगा कि आपका कार्यालय वास्तु डिजाइन, लेआउट और अंतरिक्ष व्यवस्था के सिद्धांतों के मुताबिक ही बनाया जाना चाहिए। इन सभी बातों का विशेष ज्योमेट्री से ध्यान रखना चाहिए।
हम सभी जानते हैं कि वास्तु एक विज्ञान है, यह विज्ञान वास्तुकला और निर्माण से संबंधित है। यह अग्नि, वायु, जल, अंतरिक्ष और पृथ्वी जैसे पांच तत्वों के आधार पर कार्य करता है।
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व्यापार में उन्नति के लिए वास्तु टिप्स
- जब आप अपने कार्यालय या व्यवसाय के लिए भूमि या भूखंड की तलाश करते हैं, तो आपको सिंह मुखी या नाहर मुखी भूखंड लेने चाहिए। इन भूखंडों में विशेष विशेषताएं होती है, यह आगे से चौड़ी और पीछे की तरफ से सकरी होती हैं।
- आपको उन सड़कों के पास जमीन खरीदनी चाहिए जो रोड अति व्यस्त हो।
- कार्यालय का भवन उत्तर, उत्तर-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। यह सौभाग्य और बहुत सी सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
- वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार आपके व्यावसायिक भवन का प्रवेश द्वार पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
- कार्यालय के मुख्य द्वार के सामने कभी भी ऐसी कोई चीज न रखें, जिससे बाधा उत्पन्न हो।
- व्यावसायिक भवन का स्वागत कक्ष उत्तर-पूर्व या पूर्व कोने में स्थित होना चाहिए।
- कार्यालय भवन का मध्य भाग खाली होना चाहिए।
- व्यवसाय के स्वामी का कमरा दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
- मालिक को उत्तर की ओर मुंह करके बैठना चाहिए।
- मालिक की सीट के पीछे एक कंक्रीट की दीवार होनी चाहिए। कांच की कोई संरचना नहीं होनी चाहिए।
- मालिक की डेस्क आयताकार होनी चाहिए।
- कर्मचारियों को उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुंह करके काम करना चाहिए।
- व्यापारिक भवन के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में किसी भी तरह की गतिविधि न हो, ऐसा करने से मजबूत वित्तीय सहायता मिलती है।
- उत्तर-पश्चिम में कभी भी शौचालय का निर्माण न करें, यह आपके व्यवसाय की वित्तीय स्थिति पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है।
- उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में सफेद घोड़े रखने चाहिए, इससे वित्तीय स्थिति मजबूत होती है।
- अकाउंट्स डिपार्टमेंट उत्तर और पूर्व क्षेत्र में है।
- बैंक और कैश का काम करने वाले कर्मचारियों को उत्तर और पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए।
- हमेशा फाइनेंशियल रिकॉर्ड मध्य उत्तर या दक्षिण-पश्चिम में रखें।
- जो व्यवसाय भुगतान और नए ऑर्डर पर चलते हैं, उन्हें वास्तु की मदद से आसान बनाया जा सकता है।
- कभी भी पेंट्री का निर्माण न करें।
- उत्तर क्षेत्र को कभी भी गुलाबी या लाल रंग से न रंगें।
- दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में कभी भी नीले रंग का प्रयोग न करें और अधिक से अधिक हरे पौधों का प्रयोग करें।
- कांफ्रेंस रूम उत्तर-पश्चिम दिशा में होने चाहिए।
- उत्तर-पूर्व दिशा में नौ सुनहरी और एक काली मछली वाला एक्वेरियम रखना चाहिए।
- कार्यस्थल पर आयताकार या वर्गाकार डेस्क का इस्तेमाल करें। कभी भी अंग्रेजी के अक्षर ‘L’ के आकार की डेस्क न रखेंं।
- किसी भी प्रकार की अनियमित आकृतियां भ्रम पैदा करती हैं और इससे बचना चाहिए।
- बिजली के उपकरण हमेशा कार्यालय भवन की दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें।
- मैन्युफैक्चरिंग से संबंधित व्यवसाय दक्षिण से शुरू होकर पूर्व मे पहुंचने से पहले उत्तर और पश्चिम की ओर बढ़ना चाहिए।
- कार्य स्थल पर मौजूद डेस्क पर सही तरीके से रखी गई सजावटी वस्तुएं न केवल आपकी वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद करती हैं, बल्कि व्यक्तित्व का भी विकास करती है।
- बिक्री से जुड़े काम में तैयार माल उत्तर पश्चिम दिशा में रखा जाना चाहिए।
- पैसा बढ़ाने के लिए तिजोरी का मुख उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
- रिसेप्शन डेस्क पर फ्रेंच लैवेंडर फूलों का गुच्छा रखना चाहिए। इससे आसपास की जगह सकारात्मक बनी रहेगी। यह समृद्धि को बढ़ाने में भी मदद करता है।
- कार्यालय के प्रवेश द्वार पर चार पत्ती वाला तिपतिया घास का पौधा लगाएं, यह सौभाग्य लाता है।
अपनी डेस्क को हमेशा व्यवस्थित रखें, सहकर्मियों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने के लिए डेस्क पर पिरामिड रखें। - डेस्क पर कभी भी न सोएं क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है।
- श्रमिकों का मुंह केबिन के दरवाजे की तरफ नहीं होना चाहिए, यह समस्याओं का कारण बन सकता है।
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इस तरह के कुछ टिप्स को फॉलो करके व्यवसायों में जबरदस्त वृद्धि का आनंद ले सकते हैं। आप और आपका व्यावसायिक जीवन निश्चित रूप से फलता-फूलता है, जो आपको चौतरफा सफलता और समृद्धि प्रदान करेगा।