अगर आपके घर भी है स्विमिंग पूल, जरूर ध्यान रखें ये वास्तु टिप्स
एक घर हमारे लिए महज एक रहने की जगह नहीं होता, बल्कि उसका महत्व इस जगह से कहीं अधिक होता है। ये वो जगह होती है, जो हमारे पूरे व्यक्तित्व पर प्रभाव डालती है। हमारे रहने के तरीके और जगह से हमारे जीवन पर काफी असर पड़ता है। वहां की बनावट, सजावट और उसे संभालने के तरीके से कई चीजें प्रभावित होती हैं। ऐसे में अगर हम घर बनाने या खरीदने जा रहे हैं और वहां स्विमिंग पूल है, तो उस पर ध्यान देना बेहद जरूरी हो जाता है। स्विमिंग पूल का ज्यादा महत्व वास्तु शास्त्र के नजरिए से इसलिए भी है क्योंकि स्विमिंग पूल में पानी भरा होता है। यह जल तत्व है, जिसका बहुत अधिक प्रभाव हमारे जीवन पर होता है। स्विमिंग पूल का गलत जगह या गलत दिशा में होना हमारे जीवन में दुर्भाग्य को निमंत्रण देने जैसा होता है। ऐसे में स्विमिंग पूल बनाते समय वास्तु शास्त्र के नियमों के मुताबिक सही दिशा व जगह का ध्यान देना बेहद जरूरी हो जाता है।
स्विमिंग पूल किस जगह बनाई जाए
क्या आप जानते हैं कि एक स्विमिंग पूल के लिए सबसे सही दिशा क्या होती है। घर का उत्तर पूर्वी कोना ईशान कोण कहलाता है। ईशान कोण स्विमिंग पूल के लिहाज से सबसे उपयुक्त जगह होती है। अगर ईशान कोण में स्विमिंग पूल बनाने की जगह न हो तो इसे पूर्व या उत्तर दिशा में बनाया जाना चाहिए। अगर ऊपर बताई गई दिशा में स्विमिंग पूल बनाया जाता है तो घर में सुख शांति व समृद्धि बिना किसी अवरोध के आती है।
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स्विमिंग पूल किस दिशा में नहीं बनाई जाए
स्विमिंग पूल किसी भी हालत में दक्षिण या पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए। वास्तु शास्त्र के नियमों के मुताबिक ऐसा होना परेशानी भरा हो सकता है। इन दोनों दिशाओं से स्विमिंग पूल का संबंध नहीं होना चाहिए।
स्विमिंग पूल के लिए वास्तु टिप्स
आजकल एक नया चलन चल पड़ा है। स्विमिंग पूल घर की सबसे ऊपरी मंजिल पर बनाया जाता है। ऐसा करना वास्तु के नजरिए से कहां तक सही यह यह जानना बहुत जरूरी है। देखने में या जगह का उपयोग करने के नजरिए से तो यह अच्छा लगता है, लेकिन क्या वास्तु के मुताबिक यह सही है। इसका जवाब है कि वास्तु के नियम कहते हैं कि पानी से जुड़ा कोई भी स्त्रोत स्विमिंग पूल, वाटर टैंक, बोरवेल, अंडरग्राउंड वाटर टैंक, जो भी हो सभी जमीन की सतह को छूना चाहिए। यह वास्तु के मूल सिद्धांतों में से एक है। ऐसे में यदि आप ऐसे घर की तलाश में हैं, जहां स्विमिंग पूल हों तो ध्यान रखना जरूरी है कि ऊपर बताए गए नियमों का पालन हो। अगर आपके पास ऐसी संपत्ति है जिसमें छत के ऊपर स्विमिंग पूल है तो फिर जल्द से जल्द किसी वास्तु विशेषज्ञ की राय लेनी चाहिए।
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स्विमिंग पूल के लिए अनुकूल दिशा
वास्तु के सिद्धांतों की मानें तो स्विमिंग पूल घर के बीच बनाने की बजाय घर के कोने में बनाया जाना चाहिए। भले ही उसका मुख सही दिशा में ही क्यों न हो। घर के कोने में स्विमिंग होने से ऊर्जा का संतुलन बना रहता है। स्विमिंग पूल घर के कोने में होने से घर की प्राइवेसी बनी रहती है, घर की बात घर से बाहर नहीं जाती है।
क्या घर में स्विमिंग पूल बनाना चाहिए?
पक्ष:
स्विमिंग पूल बड़े हों या बच्चे, सभी के लिए कसरत या व्यायाम का माध्यम बन जाता है। इससे उनका शरीर दुरुस्त बना रहता है। स्विमिंग पूल में बच्चे खेलते हैं और आराम करते हैं। पूल के चारों तरफ रहकर वे आनंदित महसूस करते हैं। अगर आपके पास स्विमिंग पूल है तो आप पूल पार्टी भी कर सकते हैं और देर तक स्विमिंग का आनंद भी ले सकते हैं।
विपक्ष:
स्विमिंग पूल होना जहां आनंद की बात है वहीं ये परेशानी का सबब भी बन सकता है। खास तौर पर उन घरों के लिए जहां छोटे बच्चे होते हैं, ऐसे में घरों में सेफ्टी फेसिंग लॉक लगाए जाने चाहिए। ऐसा नहीं होने पर बड़ी समस्या हो सकती है।
अंतिम नोट
ऐसे में कहा जा सकता है कि स्विमिंग पूल हमारे लिए कई रास्ते खोल भी सकता है और हमारे भाग्य के दरवाजे बंद भी कर सकता है। वास्तु के नियमों की पालन करते हुए बनाए गए स्विमिंग पूल के कारण भाग्य अपनी गति से चलता रहेगा। सुख समृद्धि व सम्पन्नता आएगी, शांति बनी रहेगी। वहीं अगर इन नियमों के विपरीत बनाया जाएगा तो सब विपरीत होगा। दुर्भाग्य हमारा पीछा नहीं छोड़ेगा।
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