तुलाराशि
संस्कृत या वैदिक नाम: : तुला
विशेषता : आदर्शवादी, सीरियस, निष्पक्ष-दिमाग, सुंदरता का ज्ञान, डिप्लोमेटिक
गहरी इच्छा : न्याय, स्पष्टता और संतुलन
उल्लेखनीय गुण : फ्लेक्सीबल, सामंजस्यपूर्ण, इमेजिनेटिव, एंटरटेनिंग, प्रैक्टिकल, सोशल और इंटेलिजेंट
जीवन के लिए आदर्श वाक्य : सभी चीजों में संतुलन बना रहें
राशि चक्र में 181 डिग्री से 210 डिग्री तक का क्षेत्र तुला राशि के नाम से जाना जाता है। राशि क्रम में तुला का नंबर सातवां है, और यह वायु तत्व की दूसरी राशि है। तुला राशि के लोगों शांतिप्रिय, दिमागी, बौद्धिक और न्यायप्रिय होते हैं। वे अपनी लाइफ में संतुलन और स्थिरता के लिए परफेक्शन के साथ काम करना पसंद करते हैं।
तुला में जन्में लोगों में अक्सर यह देखा जाता है कि वे उन्हें अकेले रहना बिल्कुल पसंद नहीं होता है। उनकी सोशल नेटवर्किंग बेहद जबरदस्त होती है और वे हमेशा खुद को लोगों से घिरा हुआ रखना चाहते हैं। तुला राशि के लोगों का जोर इस बात पर होता है कि कैसे दूसरों से संबंध विकसित करें।
तुला के साथ एक और खास बात यह है कि वे जोड़ियों में बेहतर प्रदर्शन करते हैं, फिर चाहे वो घर हो या ऑफिस। तुला राशि के लोग चीजों को बैलेंस्ड रखने, सद्भाव और निष्पक्ष रखने की भावना से भरे होते हैं। तुला राशि के लोग अपने उद्देश्य के प्रति समर्पित होते हैं और सदैव सबके लिए अच्छा करना चाहते हैं। ये विवादों को निपटाने में कुशल होते हैं और इनमें न्याय की गहरी समझ होती हैं। संघर्ष और टकराव से बचने के लिए वे सदैव निष्पक्षता से चीजों को बेलेंस करते हैं। तुला राशि के लोग चतुर स्ट्रेटेजिस्ट और बेहतरीन ऑर्गेनाइजर होते हैं। उनमें इस बात की उम्दा समझ होती है कि कैसे चीजों को शिष्टता के साथ पूरा किया जा सकता है।
तुला राशि के जातक अपने दिमाग का अच्छा उपयोग करना जानते हैं। ये अपने विचारों का दूसरों के साथ संचार करके आनंद लेते हैं। ये दूसरों को बेहतर तरीके से जानने के लिए एक उचित तरीका अपनाते हैं। निष्पक्ष तर्क करने के लिए ये डिप्लोमेसी और समझौते का रास्ता अपनाते हैं।
Dates of तुला Zodiac Sign :
Quick Insight Into तुला राशि
तुला राशि चिह्न
तुला राशि का प्रतीक चिह्न तराजू है, जो चीजों को बैलेंस करने का काम करता है। तुला बैलेंस और एनर्जी के विशाल भंडार को दर्शाते हैं। तुला राशि के लोगों के मन में हर समय बात रहती है कि आप कैसे अपने आसपास की चीजों को संतुलित कर सकते हैं, फिर चाहे वह घर हो या आपके काम की जगह, वे हर समय चीजों में तालमेल बैठाने की कोशिश करते हैं। किसी तराजू की तरह तुला राशि लोग भी चीजों का व्यावहारिक समाधान निकालने की कोशिश करते हैं।तुला राशि का मास्टर प्लेनेट - शुक्र (वीनस)
तुला राशि पर शुक्र का स्वामित्व होता है, वैदिक ज्योतिष में शुक्र को लव और मैरिज का मूल स्वामी माना गया है। शुक्र को आइडियलिस्टिक और सांसारिक दोनों तरह के प्यार के लिए जाना जाता हैं। हालांकि कई बार इसका गलत अर्थ निकाला जाता हैं, यह रोमांस, सुंदरता और शारीरिक प्यार या वासना से संबधित नहीं हैं, बल्कि यह आदर्श प्यार का प्रतीक हैं। जब भी आप एक सुंदर पेंटिंग या किसी अन्य काम या कला को देखते हैं और इसकी तारीफ करते हैं, तो समझ लें कि आप शुक्र के प्रभाव में यह सब कर रहे हैं।तुला का रूलिंग हाउस - सेवंथ (सातवां)
तुला चार्ट के सेवंथ हाउस को कंट्रोल करता है, इस घर का संबंध आपके साथी या साझेदार से होता है। हालांकि, यह जरूरी नहीं हैं कि यह मैरिड रिलेशन को ही रिप्रेजेंट करें, बल्कि इस हाउस का संबंध हर उस साझेदारी से होता है जो आप जीवन यापन के लिए करते हैं, वह व्यापारिक, पति या पत्नी या अन्य कोई रिश्ता हो सकता हैं। इस हाउस का संबंध इस बात से भी होता है कि आप अपनी जिन्दगी में आने वाले लोगों से कैसा व्यवहार करते हैं।तुला तत्व राशि - वायु (एयर)
राशि तत्वों की बात करें तो तुला का संबंध वायु तत्व से होता है, इतना ही नहीं तुला वायु तत्व की दूसरी राशि है। इसके अलावा कुंभ और मिथुन भी वायु तत्व की राशियां है। वायु जिसे हम अंग्रेजी में एयर साइन कहते हैं। ये अपने फ्लो के लिए भी जानी जाती है। हम हवा या वायु को अप्रत्याशित तौर पर अपनी दिशा बदलने के लिए भी जानते हैं। आपका संबंध वायु तत्व से है इसलिए आपने भी इस बात को महसूस किया होगा कि आप भी अपने कार्यों में अप्रत्याशित होते हैं। आप किसी क्षण तो अत्यधिक सक्रिय होते हैं और अगले ही क्षण हो सकता हैं आप पूरी तरह से निष्क्रिय व्यवहार करें। वायु संकेत कई मायनो में आपके विचारों और उनको दूसरों तक पहुंचाने की कला को भी प्रभावित करता है। तुला, अपनी राशि से संबंधित तत्वों के बारे में पढ़ें।तुला राशि का प्रकार - कार्डिनल (मूलभूत या मौलिक)
तुला कार्डिनल साइन है, जिसे हम हिंदी में मूलभूत या मौलिक संकेत के नाम से भी जानते हैं। तुला राशि के लोगों में पाया जाने वाला स्थायित्व और बैलेंस्ड नेचर कहीं न कहीं इस साइन से संबंध रखता है। तुला को अपने मूलभूत साइन की वजह से निष्ठा, ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ न्याय करने की क्षमता प्राप्त होती है।तुला का रत्न - हीरा (डायमंड)
वैदिक ज्योतिष में बताए गए सभी रत्नों में सबसे कीमती और कठोर रत्न हीरा ही है। इस रत्न का सीधा संबंध शुक्र से होता है, जिसे लव और मैरिड लाइफ का स्वामी माना गया है। शुक्र के इस रत्न को धारण करने से मैरिड लाइफ में बेहद पाॅजिटिव रिजल्ट की उम्मीद की जा सकती है। डायमंड के सकारात्मक प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में वैभव और विलासिता बनी रहती है।तुला का रंग - शाइनिंग ब्राइट
तुला के लिए शाइनिंग ब्राइट कलर को सर्वश्रेष्ठ माना गया है, इस रंग के उपयोग से तुला जातकों के जीवन में पाॅजिटिविटी का संचार होता है। इस रंग की चीजों से उन्हें मानसिक शांति और खुशी प्राप्त होती है। यह रंग तुला राशि के लोगों में आध्यात्म और धर्म के प्रति दिलचस्पी बढ़ाने का कार्य करता है।तुला अनुकूलता
असंगत : कर्क और मकर
तटस्थ मिलान : मेष, वृषभ, कन्या, वृश्चिक और मीन
तुला राशि पर वायु तत्व का गहरा असर होता है, इसलिए अन्य वायु तत्व राशियों के साथ तुला के संबंध शानदार होते है। मिथुन और कुंभ जैसी राशियों के साथ तुला का मैच बेहतर होता है। इसी के साथ अग्नि तत्व की राशियों मेष, सिंह और धनु के साथ भी तुला के संबंध अभूतपूर्व हो सकते हैं, क्योंकि इन राशियों के साथ तुला को तार्किक और बौद्धिक सोच बैठाने में मदद मिलती है। जल तत्व की राशि कर्क के साथ तुला के संबंधों की बात करें तो वे एक समय तक अपने संबंधों में बेहतर कर सकते हैं, लेकिन उनकी जोड़ी इमोशन और मेंटल लेवल तालमेल बैठाने में असमर्थ होती है। ठीक इसी तरह मकर का फोकस्ड चरित्र तुला राशि के मिलनसार नेचर के साथ मेल नहीं खाता है। इसके अलावा मेष, वृषभ, कन्या, वृश्चिक और मीन राशि के साथ तालमेल बनाने के लिए तुला थोड़े सीरियस एफर्ट लागाने पड़ सकते हैं। हालांकि इन राशियों के साथ उन्हें अधिक परेशानी नहीं होती लेकिन फिर भी यह उनके लिए बेस्ट मैच नहीं है।
तुला Lucky Charms | |
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लकी कलर: | शाइनिंग ब्राइट |
लकी स्टोन: | हीरा (डायमंड) |
भाग्यशाली दिन: | शुक्रवार |
लकी मेटल: | चांदी |
तुला Planetary Governor
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राशि स्वामी - शुक्र (वीनस)
शुक्र जिसे अंग्रेजी में वीनस के नाम से जाना जाता है, वैदिक ज्योतिष में उसे तुला के स्वामी के रूप में मान्यता प्राप्त है। शुक्र को प्रेम और सुख का कारक माना गया है, इसलिए शुक्र के नेगेटिव और पाॅजिटिव प्रभाव का आदमी के जीवन पर गहरा प्रभाव होता है। शुक्र के अच्छे प्रभाव में व्यक्ति रोमांटिक, क्रिएटिव और आर्टिस्टिक बनता है, वहीं इसके बुरे प्रभावों में व्यक्ति को घरेलू और वैवाहिक जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
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तुला राशि में उच्च ग्रह - शनि (सैटर्न)
प्लेनेटरी पोजिशन के अनुसार तुला राशि में शनि को उच्च स्थान प्राप्त होता है। शनि का तुला राशि में होना तुला राशि के लोगों के लिए बेहद पाॅजिटिव माना गया है, शनि तुला जातकों के उन गुणों को मजबूत करता है, जो शुक्र से उन्हें प्राप्त होते हैं। तुला राशि में शनि की मौजूदगी तुला राशि के लोगों के लिए सोने पर सुहागा जैसा है।
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तुला राशि में नीच ग्रह - सूर्य (सन)
तुला राशि के लिए जहां शनि उच्च स्थान प्राप्त करते हैं, वहीं सूर्य इस राशि में नीच स्थान प्राप्त करते हैं। वैदिक ज्योतिष में शनि को सूर्य का पुत्र माना गया है। पिता – पुत्र के संबंध होने के बावजूद भी इनमें आपसी सहमति नहीं है। तुला राशि में जब सूर्य का प्रवेश होता है, तो वे लोगों के जीवन में कई तरह की नेगेटिव चीजें देखने केा मिलती है। तुला राशि में सूर्य के बैठने से जातक में क्रोध बढ़ता है और वे अतिआत्मविश्वास में आकर कई बार गलत निर्णय ले सकते हैं।
क्या आप तुला डिकन के बारे में जानते हैं ?