Taurusराशि
संस्कृत या वैदिक नाम: : वृषभ
विशेषता : सुंदर, एम्बिशियस, प्रैक्टिकल, मजबूत और स्मार्ट
गहरी इच्छा : सुरक्षा का आश्वासन और तप
उल्लेखनीय गुण : कड़ी मेहनत करो
जीवन के लिए आदर्श वाक्य :
राशि चक्र में 31 डिग्री से 60 डिग्री तक का क्षेत्र वृषभ राशि के नाम से जाना जाता है। राशि क्रम में वृषभ का नंबर दूसरा है, और यह पृथ्वी तत्व की पहली राशि है। वृषभ राशि (Taurus) के प्रकार या स्वभाव की बात करें तो यह फिक्स्ड या स्थिर साइन की राशि है। राशि के स्वभाव के अनुसार ही इस राशि के लोग जमीन से जुड़े, स्थिर और लाॅजिकल होते हैं। हालांकि अपने स्थिर स्वभाव के कारण वृषभ राशि के लोग कंजर्वेटिव और जिद्दी भी होते हैं, लेकिन उनमें अपने लक्ष्य को लेकर गजब का पैशन होता है। एक बार अपना लक्ष्य तय करने के बाद वे किसी भी परिस्थिति में उससे पीछे नहीं हटते हैं।
राशिचक्र की अन्य राशियों की अपेक्षा वृषभ को अधिक बैलेंस्ड और स्थिर माना जाता है। वृषभ की स्थिरता उन्हें अपनी पर्सनेलिटी को शेप देने और संवारने का काम करती है। अपने राशि चिह्न बैल की तरह ही वृषभ राशि के लोगों हार्ड वर्किंग और पेशेंस वाले होते हैं। वृषभ राशि वाले लोगों को उनका हार्ड वर्क और पेशेंस लाइफ में आगे बढ़ने और लक्ष्यों को पाने में उनकी मदद करता है। वृषभ सावधानी के साथ धीमी गति से स्थिरता के साथ आगे बढ़ते हुए अपनी जीत सुनिश्चित करते हैं।
वृषभ राशि पावर और स्ट्रेंथ को रिप्रेजेंट करती है, वृषभ राशि में जन्मे लोग पावर के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और अपने लक्ष्य को पाए बिना कभी सेटिस्फाई नहीं होते हैं। इन सब के बावजूद उन्हें अपनी लाइफ में सिंपलिसिटी और स्थिरता की जरूरत होती है। कई बार उनकी सिंपलिसिटी और धैर्यवान पर्सनैलिटी के कारण लोग उन्हें बोरिंग समझ लेते हैं। वे कभी अपनी स्थिरता को जोखिम में नहीं डालते और अनावश्यक रिस्क लेने से बचते हैं। वे मटेरियलिस्टिक हो सकते है, लेकिन उनका यह गुण उन्हें प्रैक्टिकल बनाने का काम भी करता है।
Dates of Taurus Zodiac Sign :
Quick Insight Into Taurus राशि
वृषभ राशि चिह्न
वृषभ राशि का प्रतीक चिह्न पावरफुल बैल है, जिसके माथे पर घुमावदार सींग होते हैं। बैल स्वभाव से ही मेहनती और धैर्यवान होते हैं, लेकिन गुस्सा दिलाने पर वे किसी शेर से भी भिड़ सकते हैं। कुछ ऐसा ही नेचर वृषभ राशि के लोगों का भी होता है। वृषभ को बल, तप, पौरूष और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। अपने राशि चिह्न की तरह ही वृषभ राशि के लोग स्मार्ट, पावरफुल, एंबिशियस और ट्रस्टवर्दी होते है। जिस तरह बैल धीरे - धीरे पूरी खेत की बुआई करता है, ठीक वैसे ही वृषभ राशि के लोग भी धीरे-धीरे लेकिन स्थिरता के साथ अपने लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं।वृषभ राशि का मास्टर प्लेनेट - शुक्र (वीनस)
वृषभ राशि पर शुक्र का स्वामित्व होता है, वैदिक ज्योतिष में शुक्र को लव और मैरिज का मूल स्वामी माना गया है। शुक्र को आइडियलिस्टिक और सांसारिक दोनों तरह के प्यार के लिए जाना जाता हैं। शुक्र के प्रभाव से लोगों में क्रिएटिविटी और आर्टिस्टिक चीजों का विकास होता है। शुक्र के गहरे प्रभाव के कारण ही वृषभ जातकों में लव और रोमांस की गहरी इच्छा पैदा होती है। अपने रिश्तों के प्रति गहरी आस्था और समर्पण भी वृषभ को अपने मास्टर शुक्र से ही प्राप्त होती है।वृषभ का रूलिंग हाउस - सेकंड
वृषभ कुंडली के सेकंड हाउस को कंट्रोल करता है, इस घर का संबंध धन और संपत्ति से होता है। साफ शब्दों में कहें तो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दुनिया की हर वह चीज जो आपके लिए मूल्यवान है उसका संबंध कुंडली के दूसरे हाउस से ही होता है। रिश्तों की बात करें तो कुंटुंब यानी पत्नी, माता बहन, भाई और अन्य सभी मानवीय रिश्तों से इस घर का सीधा संबंध होता है।वृषभ तत्व राशि - पृथ्वी (अर्थ)
राशि तत्वों की बात करें तो वृषभ का संबंध पृथ्वी तत्व से होता है, इतना ही नहीं वृषभ पृथ्वी तत्व की पहली राशि है। वृषभ के अलावा कन्या और मकर भी पृथ्वी तत्व की राशियां है। पृथ्वी अर्थात भूमि की ही तरह वृषभ राशि के लोग भी स्थिर और अपनी दुनिया में मस्त रहने वाले होते हैं। वे ग्राउंडेड होने के साथ ही प्रैक्टिकल भी होते हैं। पृथ्वी तत्व की प्रधानता उनकी पर्सनेलिटी में भी देखने को मिलती है, वृषभ राशि के लोग कठोर मगर अट्रेक्टिव पर्सनेलिटी के धनी होते हैं। वृषभ,अपनी राशि से संबंधित तत्वों के बारे में पढ़ें।वृषभ राशि का प्रकार - फिक्स्ड (स्थिर)
वृषभ राशि चक्र का पहली फिक्सड साइन है, हिंदी में इसे स्थिर कहा जाता है। फिक्स्ड साइन का संबंध स्थायित्व और निर्धारित चीजों से होता है। वृषभ के संबंध में फिक्स्ड का अर्थ निरंतरता और सुरक्षा से है, उनमें लोगों को पहचानने और वास्तव में क्या जरूरी है यह समझने की गजब की क्षमता होती है। उन्हे चैलेंजिंग सिचुएशन में काम करने में बहुत आनंद आता है।वृषभ जन्म का रत्न - हीरा (डायमंड)
वैदिक ज्योतिष में बताए गए सभी स्टोन्स में सबसे कीमती और कठोर रत्न हीरा है। इस रत्न का सीधा संबंध शुक्र से होता है, जिसे लव और मैरिड लाइफ का स्वामी माना गया है। शुक्र के इस रत्न को धारण करने से मैरिड लाइफ में बेहद पाॅजिटिव रिजल्ट की उम्मीद की जा सकती है। डायमंड के सकारात्मक प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में वैभव और विलासिता बनी रहती है।वृषभ रंग - सफेद (व्हाइट)
वृषभ के लिए सफेद रंग का उपयोग बेस्ट माना गया है। सफेद रंग का संबंध शुद्धता, उज्ज्वलता, भाईचारे, हेल्प, शांति, एकता, सत्यता और निष्ठा से होता है। वृषभ के स्वभाव के अनुसार भी सफेद रंग उसे सूट करता है। रिलिजियस और पीसफुल लाइफ की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए भी व्हाइट कलर हेल्पफुल होता है। मन की उलझनों से घिरे रहने वाले वृषभ को मन को शांत और निर्मल बनाए रखने के लिए भी व्हाइट कलर धारण करने की सलाह दी जाती है।Taurus अनुकूलता
असंगत : मिथुन और धनु
तटस्थ मिलान : कुंभ और तुला
वृषभ राशि का संबंध पृथ्वी तत्व से होता है। वृषभ राशि के लोगों के जल तत्व की राशियों कर्क, वृश्चिक और मीन के साथ बेहतरीन संबंध बनते हैं। मकर भी वृषभ के लिए एक अनुकूल राशि है, क्योंकि दोनों ही राशियां एक समान तत्व आधार साझा करती है। कई मतभेदों के बावजूद भी वृषभ और मेष के बीच कुछ स्पेशल बॉन्डिंग है जो उन्हें एक बेहतरीन जोड़ी बनाने का कार्य करता है। मेष को छोड़कर अन्य किसी भी अग्नि तत्व की राशि जैसे धनु और सिंह के साथ वृषभ के संबंध मुश्किल ही होते हैं।
Taurus Lucky Charms | |
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लकी कलर : | सफेद |
लकी स्टोन: | हीरा (डायमंड) |
लकी मेटल: | चांदी |
भाग्यशाली दिन: | शुक्रवार |
Taurus Planetary Governor
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राशि स्वामी - शुक्र (वीनस)
शुक्र जिसे अंग्रेजी में वीनस के नाम से जाना जाता है, वैदिक ज्योतिष में उसे वृषभ के स्वामी की मान्यता प्राप्त है। शुक्र को प्रेम और सुख का कारक माना गया है, इसलिए शुक्र के नेगेटिव और पाॅजिटिव प्रभाव का आदमी के जीवन पर गहरा प्रभाव होता है। शुक्र के अच्छे प्रभाव में व्यक्ति रोमांटिक, क्रिएटिव और आर्टिस्टिक बनता है, वहीं इसके बुरे प्रभावों में व्यक्ति को डोमेस्टिक और मैरिड लाइफ में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ज्योतिष सिद्धांत के अनुसार कोई भी रत्न कुंडली के पूरे विश्लेषण के बाद ही पहनना चाहिए।
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वृषभ राशि में उच्च ग्रह - चंद्र (मून)
प्लेनेटरी पोजिशन के अनुसार वृषभ राशि में चंद्रमा को उच्च स्थान प्राप्त होता है। चंद्रमा का वृषभ राशि में होना वृषभ राशि के लोगों के लिए बेहद पाॅजिटिव माना गया है, चंद्रमा वृषभ जातकों के उन गुणों को मजबूत करता है, जो शुक्र से उन्हें प्राप्त होते हैं। वृषभ राशि में चंद्रमा की मौजूदगी वृषभ के लोगों के लिए सोने पर सुहागा जैसी है।