कन्याराशि
संस्कृत या वैदिक नाम: : कन्या
विशेषता : परफेक्शनिस्ट, सेन्सेटिव, हंसमुख, विनम्र, इमोशलन और सटीक
गहरी इच्छा : प्यार करने और प्यार पाने की इच्छा
उल्लेखनीय गुण : आकर्षक, रिलायबल, डोमिनेटिंग, फास्ट, एनालिटिकल, क्रिएटिव, परोपकारी और लाॅजिकल
जीवन के लिए आदर्श वाक्य : जो भी करना है दिल से करना है
राशिचक्र में 151 से 180 डिग्री तक के क्षेत्र को कन्या राशि के नाम से जाना जाता है। राशि क्रम में कन्या का नंबर छठा है और यह पृथ्वी तत्व की दूसरी राशि है। कन्या राशि के प्रकार या स्वभाव की बात करें तो यह एक म्यूटेबल मतलब परिवर्तनशील राशि है।
Kanya (कन्या राशि) के लोग हार्ड वर्किंग और व्यवस्थित होते हैं, उन्हें हर काम की निगरानी खुद करना पसंद होता है। उनमें अपने काम को लेकर भी बेहद निष्ठा होती है, ये स्किल्ड और प्रैक्टिकल लोग बेहद शानदार कर्मचारी साबित होते हैं। कन्या राशि के लोग बैलेंस्ड और न्यूट्रल होते हैं और अनावश्यक इमोशन में नहीं बहते हैं चाहे स्थिति कैसी भी हो वे अपना पेशेंस बनाए रखने में कामयाब होते हैं। हालांकि कई बार जब अनेक प्रयासों के बाद भी उन्हें अपने काम में सफलता नहीं मिलती है, तो वे टूट जाते हैं।
हालांकि कन्या राशि के लोग किसी भी परिस्थिति में अपना संयम नहीं खोते, वे ईमानदार और स्पष्टवादी होते हैं, जिसके कारण उन्हें अपना विरोध सहने में थोड़ी परेशानी होती है।
शारीरिक और मानसिक रूप से कन्या राशि के लोग तेज होते हैं, जिसके कारण उन्हें अपने कार्यों में सफलता पाने में आसानी होती है। अपनी तेज बुद्धि के कारण कन्या राशि के लोग बेहद प्रभावी कम्युनिकेटर भी होते हैं। हालांकि कई बार तेज बुद्धि के कारण उनके संदेह में पड़ने का खतरा भी होता हैं। वे मेहनती और सावधानी से विश्लेषण करने वाले होते हैं।
Dates of कन्या Zodiac Sign :
Quick Insight Into कन्या राशि
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कन्या राशि चिह्न
कन्या राशि का चिह्न कुंवारी कन्या हैं, जिसे अंग्रेजी में वर्जिन कहा जाता है, जो प्योरिटी को दर्शाता है। कन्या में अच्छे और बुरे को पहचानने की गजब की शक्ति होती हैं, हालांकि कभी कभी यह गुण आपको भेदभाव करने वाला भी बना सकता है। जिस तरह कन्या में अच्छे और बुरे को पहचानने की गजब क्षमता होती है, ठीक वैसे ही कन्या राशि के लोगों में गलत उद्देश्यों को भांपने की गजब क्षमता होती हैं। यह कन्या राशि के लोगों को दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करने में मदद करता हैं। नाॅर्मली तो कन्या राशि के लोग निष्क्रिय रहते हैं, लेकिन जब जरूरी होता है तो वे बहुत तेजी से काम पूरा करने में सक्षम होते हैं। महिलाओं की तरह कन्या राशि के लोगों में सफाई को लेकर गजब की सनक होती है, जो दूसरों को परेशान कर सकती है।
कन्या राशि का मास्टर प्लेनेट - बुध (मरक्यूरी)
कन्या राशि पर बुध का स्वामित्व होता है, वैदिक ज्योतिष में बुध को बुद्धि और कम्युनिकेशन से जुड़ी चीजों का स्वामी माना गया है। कन्या राशि के लोगों के लिए बुध उनके विचार का प्रतीक होता हैं, बल्कि वे जिस तरह खुद को व्यक्त करते हैं उसका भी प्रतीक बुध ही होता है। सौरमंडल का सबसे तेज ग्रह होने के कारण इसका असर कन्या राशि के लोगों के विचारों पर साफ तौर से देखा जा सकता है। बुध से इन्हें भाषाई कौशल और तार्किक शक्ति मिलती है, लेकिन इसका प्रभाव आपके दिमाग को बेचैन और चंचल भी बनाता हैं।
कन्या का रूलिंग हाउस - सिक्स (छह)
कन्या चार्ट के छठे हाउस को कंट्रोल करता है, इस घर का संबंध डे टू डे लाइफ और पीड़ा से होता है। यह घर आपके परफाॅर्मेंस और काम करने की दक्षता से भी संबंधित हैं और जरूरी नहीं हैं की यह कॅरियर से ही संबंधित हो। यह आपके प्रायवेट लाइफ की ड्यूटीज और रिस्पाॅन्सबिलिटी को भी प्रभावित करता हैं, न कि आपकी डे टू डे की अर्निंग को। इसी छठे हाउस के प्रभाव में आप हेल्थ और ट्रिटमेंट के नए-नए विकल्पों की तलाश में रहते हैं।
कन्या तत्व राशि - पृथ्वी (अर्थ)
कन्या राशि चक्र की दूसरी पृथ्वी राशि है, इसके अलावा मकर और वृषभ भी पृथ्वी तत्व की राशियां है। पृथ्वी तत्व की राशि व्यावहारिकता का प्रतिनिधित्व करती हैं, और इसका सीधा असर आपकी राशि पर देखने को मिलता है। कन्या राशि के लोग भी इस बात को महसूस करते हैं कि वे अपनी सोच में अत्यंत व्यावहारिक हैं। पृथ्वी तत्व आपको लाॅजिकल बनाने का भी काम करता है। पृथ्वी की क्षमताओं के कारण ही आप धोखा देने वालों को पहचानने में सक्षम होते हैं। ज्योतिष के सिद्धांतों के अनुसार पृथ्वी तत्व वाले लोगों के पैर मजबूती से जमीन पर टिके होते हैं, अर्थात जो असली हैं केवल उसे ही स्वीकार करते हैं। पृथ्वी तत्व आपको इमेजनरी लाइफ से दूर रखने का भी काम करता हैं, यही मुख्य कारण है कि इनके सुझावों की मांग दूसरों से ज्यादा है। कन्या, अपनी राशि से संबंधित तत्वों के बारे में पढ़ें।
कन्या राशि का प्रकार - म्यूटेबल (परिवर्तनशील)
कन्या एक म्यूटेबल मतबल परिवर्तनशील साइन है। किसी राशि का परिवर्तनशील होना गुणवत्ता, अनुकूलता और लचीलेपन से जुड़ा होता है। उनमें परिवर्तन को स्वीकार करने की जबरदस्त क्षमता होती है, वे किसी भी परिवर्तन को अपनी कम्युनिकेशन क्षमताओं के दम पर करने में सक्षम होते हैं।
कन्या का रत्न - पन्ना (एमरल्ड)
कन्या राशि के लोगों के लिए पन्ना भाग्यशाली रत्न माना गया है। एमराल्ड यानी पन्ना पहनने से लाइफ की अनिश्चितता को कम करने में मदद मिलती है, और जीवन निश्चितता की ओर आगे बढ़ता है। पन्ना बल और आरोग्य देने का भी काम करता है, पन्ना आपकी गृहस्थ जीवन के लिए भी उपयोगी माना गया है। इसे पहनने से घर में अन्न और धन - धान्य भरा रहता है। आंखों से जुड़ी समस्याओं से निजात पाने के लिए भी पन्ना एक बेहतरीन रत्न है। हालांकि किसी भी रत्न को कुंडली के अन्य ग्रहों के विश्लेषण के आधार पर ही पहनना चाहिए।
कन्या - ग्रीन (हरा)
बुध का प्रिय रंग हरा है और बुध कन्या राशि का स्वामी है, इसलिए माना जाता है कि हरा रंग कन्या राशि के लोगों की लाइफ में पाॅजिटिव वाइब्स पैदा करता है। हरा रंग प्रकृति का भी सूचक है, इसीलिए इसे मेंटल पीस के साथ भी जोड़कर देखा जाता है। यदि कन्या राशि के लोग अपनी डे टू डे की लाइफ में हरे रंग का उपयोग करते हैं, तो उन्हें अपनी मानसिक उथल-पुथल से भी निजात मिलती है।कन्या अनुकूलता
असंगत : मिथुन, तुला और धनु
तटस्थ मिलान : मेष, सिंह और कुंभ
कन्या राशि के लोगों के लिए पृथ्वी और जल तत्व राशियों के अनुकूल माना जाता है। जब कन्या राशि के लोग वृषभ, कर्क, वश्चिक और मकर राशि के साथ संबंधों में आते हैं, तो उनके बीच अद्भुत तालमेल देखने को मिलता है। इन राशि के लोगों में विचार और करुणा के आधार पर एक श्रेष्ठ जोड़ी बनाने की क्षमता होती है। अन्य राशियों की बात करें तो मिथुन, तुला और धनु जैसी राशियों के साथ कन्या के बेहतर संबंधों की उम्मीद नहीं की जा सकती। कन्या राशि की कठोरता, जिद्दीपन और आलोचना की आदत इन राशियों के साथ तालमेल बैठाने में नुकसान पहुंचाने का काम करती है। इन राशियों के साथ कन्या के संबंधों में खटास आने लगती है और समय के साथ-साथ ये मैच असफल हो जाते हैं। राशि चक्र की आखिरी राशि मीन के साथ कन्या के संबंधों की बात करें तो, इनके बीच भी संबंध एवरेज रहते है, क्योंकि इनके आपसी संबंध पूरी तरह कम्युनिकेशन पर निर्भर करते हैं। इनके रिश्तों में कभी अपार प्रेम देखने को मिलता है, तो कभी तीखी नोंक-झोंक।
कन्या Lucky Charms | |
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लकी कलर : | हरा |
लकी स्टोन : | पन्ना (एमरल्ड) |
भाग्यशाली दिन: | बुधवार |
लकी मेटल: | कांसा |
कन्या Planetary Governor
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राशि स्वामी - बुध (मर्क्यूरी)
कन्या के स्वामी बुध हैं। वैदिक ज्योतिष में बुध को बुद्धि का सूचक माना गया है, और दिमाग से जुड़े हर काम का कारक भी उन्हें ही माना गया है। कन्या राशि के संदर्भ में बुध उन्हें व्यापार करने की अद्भुत क्षमता देते हैं, इसी के साथ उन्हें बुद्धि से जुड़े कार्यों में सफलता देने का भी कार्य बुध ही करते हैं।
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कन्या राशि में उच्च ग्रह - बुध (मर्क्यूरी)
प्लेनेटरी पॉजिशन के अनुसार कन्या राशि में बुध को उच्च स्थान प्राप्त होता है। बुध का कन्या राशि में होना कन्या राशि के लोगों के लिए बेहद प्राॅफिटेबल माना गया है, बुध उन्हें ज्ञान और विचार की जबरदस्त क्षमता देते हैं, जिससे वे अपनी लाइफ में सफलता के सभी उचित मुकाम हासिल कर सकें।
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कन्या राशि में नीच ग्रह - शुक्र (वीनस)
कन्या के लिए जहां बुध उच्च ग्रह की भूमिका निभाते हैं, वहीं शुक्र इस राशि में नीच स्थान प्राप्त करते हैं। कन्या राशि में शुक्र की मौजूदगी कन्या राशि के लोगों के लिए कई तरह के बुरे प्रभाव लेकर आ सकती है। कन्या राशि में शुक्र के प्रभावों को इस बात से समझा जा सकता है कि यदि बुध उन्हें स्थिरता के साथ अपने कॅरियर पर फोकस करने की क्षमता देते हैं, तो शुक्र उर्वशी की तरह कन्या जातकों को रास्ते से भटकाने का काम करता है।